मेटा 2024 लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रसिद्ध अभिनेता,निर्देशक राम गोपाल बजाज को प्रदान किया जाएगा

० योगेश भट्ट ० 
नयी दिल्ली - महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड्स (मेटा) और फेस्टिवल 2024 ने घोषणा की कि मेटा 2024 लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रसिद्ध भारतीय मंच, फिल्म और टेलीविजन अभिनेता,निर्देशक राम गोपाल बजाज को प्रदान किया जाएगा, जिन्हें 20 मार्च को कमानी ऑडिटोरियम में सम्मानित किया जाएगा। टीमवर्क आर्ट्स और महिंद्रा ग्रुप ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह सुचना दी। 

इस दौरान मेटा 2024 के इस साल की जूरी सदस्यों की भी घोषणा की गयी। इस बार के जूरी सदस्यों में भारतीय थिएटर अभिनेत्री, कास्टिंग निर्देशक और लेखक डॉली ठाकोर; प्रसिद्ध भारतीय अभिनेता कुलभूषण खरबंदा; अनुभवी थिएटर निर्देशक और अभिनेत्री कुसुम हैदर; प्रख्यात निर्देशक, अभिनेता, प्रशंसित नाटककार और लेखक महेश दत्तानी; प्रसिद्ध भारतीय अभिनेता, संगीतकार, गायक और सेट डिजाइनर रघुवीर यादव; सेरेन्डिपिटी आर्ट्स फाउंडेशन और सेरेन्डिपिटी आर्ट्स फेस्टिवल की निदेशक स्मृति राजगढ़िया; मशहूर थिएटर और फिल्म अभिनेता विनय पाठक शामिल हैं ।

 हर साल की तरह, मेटा फेस्टिवल को असमिया, बांग्ला, अंग्रेजी, हिंदी, हिंदुस्तानी, मलयालम और मराठी जैसी भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने वाली 390 से अधिक प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं। थिएटर उद्योग पर अपने विचार साझा करते हुए, रघुवीर यादव ने कहा, "थिएटर का दिल हमेशा धड़कता रहेगा। रुझान बदल सकते हैं, स्क्रीन बढ़ सकती हैं, लेकिन लाइव प्रदर्शन का रोमांच अपूरणीय है।"

डॉली ठाकोर ने कहा, "मैं इस साल मेटा के लिए जूरी में शामिल होकर बहुत रोमांचित हूं। मेटा मेरे सबसे पसंदीदा थिएटर फेस्टिवल में से एक है। यहां ऐसा महसूस होता है कि विभिन्न भाषाओं में प्रतिभा का जबरदस्त प्रदर्शन होता है।" इस वर्ष लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड के प्राप्तकर्ता राम गोपाल बजाज भारतीय रंगमंच की एक प्रतिष्ठित हस्ती हैं। एक थिएटर निर्देशक, हिंदी फिल्म अभिनेता और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के पूर्व निदेशक के रूप में प्रसिद्ध, बजाज के शानदार करियर ने उन्हें नाटकीय कला में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए 1996 में पद्म श्री और 2003 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार सहित कई पुरस्कार दिलाए हैं।

पिछले वर्षों में, मेटा लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार भारतीय रंगमंच के कई दिग्गजों को प्रदान किया गया है, जिनमें स्वर्गीय बादल सरकार (2010), स्वर्गीय जोहरा सहगल (2011), स्वर्गीय खालिद चौधरी (2012), स्वर्गीय ई. अल्काज़ी (2013), स्वर्गीय गिरीश कर्नाड (2014), स्वर्गीय हेसनाम कन्हाई लाल (2015), रतन थियाम (2016), स्वर्गीय अरुण काकड़े (2017), विजया मेहता (2018), महेश एलकुंचवार (2019), बैरी जॉन (2020), सुषमा सेठ (2023) .

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