दिल्ली के कार मालिकों की चिंता के 3 कारण

० नूरुद्दीन अंसारी ० 
नई दिल्ली, कार मालिकों के लिए सुपर ऐप पार्क प्लस, जहां भारत के कार मालिकों की सबसे बड़ी-1.5 करोड़ कारों- की कम्युनिटी है ने दिल्ली-एनसीआर में अपने सर्वे के परिणाम घोषित किए। यह सर्वे दिल्ली एनसीआर में 18000 कार मालिकों के साथ किया गया, जिसमें दिल्ली एनसीआर की सड़कों पर कार चलाने वालों की मानसिक शांति एवं चिंताओं को समझने का प्रयास किया गया।

दिल्ली एनसीआर में कार मालिकों के लिए चिंता का सबसे बड़ा विषय है रोड रेज- जिसके मुख्य कारण हैं अक्सर होने वाले ट्रैफिक जाम, सड़क की मुश्किल परिस्थितियां, बुनियादी सुविधाओं की कमी, बसों और कारों के बीच आते दोपहिया वाहन, लोगों के द्वारा यातायात नियमों का पालन न किया जाना (गलत साईड पर वाहन चलाना, अवैध पार्किंग, ओवरस्पीड), टै्रफिक लाईट्स का पालन न करना और इसके अलावा रैली, विरोध प्रदर्शन या वीआईपी आवागमन के कारण सड़कें बंद होना।

पेंडिंग चालान- ज़्यादातर कार मालिकों के लिए बड़ी परेशानी का कारण है, क्योंकि अक्सर उन्हें ऑनलाईन चालान चैक करने की जानकारी नहीं होती और वे इस बारे में जागरुक नहीं होते। जिसके चलते उन पर कई तरह के जुर्माने देय हो जाते हैं। ई-चालान इसमें गेम-चेंजर साबित हुए हैं, हालांकि ज़्यादातर यूज़र ऑनलाईन अपने चालान चैक नहीं कर पाते या उनकी कार के साथ मोबाइल नंबर रजिस्टर नहीं होता, जिसके चलते उन तक चालान की जानकारी नहीं पहुंच पाती।

कार की रखरखाव की लागत में से 30-40 फीसदी खर्च ईंधन पर आनाः शहर में चलने वाली कारें 12-14 किलोमीटर प्रति घण्टा से ज़्यादा माइलेज नहीं देती। यानी अगर आपको रोज़ाना में अपना वाहन इस्तेमाल करना है और आप हर महीने 110-120 लीटर पेट्रोल खरीदते हैं तो आपको रु 8000-9000 खर्च करने होंगे। इस तरह पहले साल के अंत तक आप तकरीबन 28,000-30,000 प्रति माह तक खर्च कर चुके होंगे, जो ईंधन की कीमत का तकरीबन 35-40 फीसदी होगा।

इन परिणामों पर बात करते हुए अमित लाखोटिया, संस्थापक एवं सीईओ, पार्क प्लस ने कहा, ‘‘पार्क प्लस में हम लोगों को कार की खरीद का बेहतर अनुभव प्रदान करना चाहते हैं। हम कार मालिकों की तीन समस्याओं को हल करना चाहते हैं- रोड रेज, पेंडिंग चालान और पेट्रोल की कीमतें। इसी के मद्देनज़र हमने अपने ऐप पर ओफेन्स रिपोर्टर सर्विसेज़ लॉन्च की हैं, हमने कई पार्टनर्स के साथ साझेदारी भी की है ताकि यूज़र आसानी से डिजिटल तरीकों से अपने चालान भर सकें, इसके अलावा हमने ‘इंडिया का सबसे सस्ता पेट्रोल’ उपलब्ध कराने के लिए इंडियन ऑयल के साथ भी साझेदारी की है।

 आने वाले समय में भी हम कार मालिकों को कार के स्वामित्व का बेहद अनुभव प्रदान करने के लिए निवेश करते रहेंगे और अन्य हितधारकों के साथ साझेदारी के प्रयास जारी रखेंगे।’’ इन परिणामों पर बात करते हुए अखिलेश श्रीवास्तव ,रोड सेफ्टी अम्बेसडर- आईआरएफ, आईटी अडवाइज़र आईटीडीए, उत्तराखण्ड और प्रेज़ीडेन्ट आईटीएस इंडिया फोरम ने कहा, ‘‘दिल्ली एनसीआर की सड़कों पर रोड रेज के मामले बहुत अधिक बढ़ रहे हैं, क्योंकि पार्किंग और यातायात जाम यहां बड़ी समस्याएं बन चुकी हैं। संभवतया दिल्ली एनसीआर के कार मालिकों पर सबसे ज़्यादा चालान पेंडिंग हैं,

 यहां जारी किए जाने वाले ई-चालान की संख्या सबसे अधिक है। इस सर्वे के परिणाम ज़मीनी हकीकतों पर आधारित हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि सभी हितधारक- सरकार, नीति निर्माता, ऑपरेटर्स और निजी प्लेयर्स एक साथ मिलकर काम करें और भारत में कार स्वामित्व के अनुभव को बेहतर बनाने का प्रयास करें। सबसे पहले हमें कार मालिकों को नियमों के अनुपालन के लिए शिक्षित करना होगा। दूसरा दिल्ली की सड़कों पर वाहन चलाने के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए सरकार को बुनियादी सुविधाओं में सुधार लाना होगा। हम वाहन मालिकों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए हम 100 स्मार्ट सिटीज़ बनाने की दिशा में अग्रसर हैं।

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