पशुधन की रक्षा करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है; पशु धन राष्ट्रीय धन है
तिरूपति - उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने पशुधन की उत्पादक क्षमता बढ़ाने और किसानों की आय दोगुनी करने के लिए एकीकृत खेती को प्रोत्साहित करने पर बल दिया है। तिरूपति के श्री वेंकटेश्वर पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय के 8वें दीक्षांत समारोह के उद्घाटन भाषण में नायडू ने कहा कि एक टिकाऊ और समावेशी कृषि व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पशुपालन पर ध्यान दिया जाना बेहद जरूरी है। एक अध्ययन रिपोर्ट का हवाला देते हुए श्री नायडू ने कहा कि मुर्गीपालन, डेयरी या मत्स्य पालन जैसी विभिन्न गतिविधियां अपनाने वाले कृषक परिवारों में आत्महत्या की घटनाएं नहीं होती। उन्होंने कहा कि पशुधन, विपरीत मौसम और फसल नष्ट हो जाने की स्थिति में कृषक परिवारों को वित्तीय संकट से उबरने में मदद करता है। राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण संगठन-एनएसएसओ के आंकड़ों और अनुमानों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि ग्रामीण भारत में अनुमानित 90.2 मिलियन कृषक परिवार हैं। इनके लिए एक निश्चित आय सुनिश्चित करना हर किसी की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत में सतत और समावेशी विकास सुनि