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जुलाई में GST के रूप में 1,02,083 करोड़ रुपये का TAX मिला  

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नयी दिल्ली - इस वर्ष के जुलाई महीने में वस्‍तु एंव सेवा कर के रूप में 1,02,083 करोड़ रुपये का सकल राजस्व संग्रह किया गया  जिसमें केंद्रीय वस्‍तु एंव सेवा कर  (सीजीएसटी)  17,912 करोड़ रुपये, राज्‍य वस्‍तु एंव सेवा कर (एसजीएसटी)  25,008 करोड़ रुपये, एकीकृत वस्‍तु एंव सेवा कर (आईजीएसटी) 50,612 करोड़ रुपये (आयात पर एकत्र24,246 करोड़ रुपये सहित) तथा उपकर संग्रह (सेस) 8,551 करोड़ रुपये (आयातों पर अर्जित 797 करोड़ रुपये सहित) रहा। जून महीने के लिए 31 जुलाई तक कुल 75.79  लाख जीएसटीआर 3बी रिटर्न दाखिल किए गए। जुलाई 2018 में जीएसटी राजस्‍व संग्रह  96,483   करोड़ रुपये रहा था। जुलाई 2019 में इसमें पिछले वर्ष इसी माह के मुकाबले  5.80%  प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि रही। अप्रैल से जुलाई 2019 में वर्ष 2018 की तुलना में घरेलू घटकों में 9.2%  की वृद्धि हुई है जबकि आयात पर लगने वाले जीएसटी में  0.2%  की कमी आई है। कुल जीएसटी संग्रह में 6.83 % की वृद्धि हुई है। वर्ष 2019 में अप्रैल से मई महीने के लिए राज्यों को जीएसटी प्रतिपूर्ति के रूप में  17,789  करोड़ रुपये जारी किए गए।

मेरा सब तू ही है....

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मेरा कोई सहारा नहीं मेरा सब तू ही है.... नफरत क्यों करता है मुझसे सारा जहां सहारा देना आपका काम है...... आपके घर आया यही मेरा कामना है हर से चले नाम लेकर झोली मेरी खाली है  सामने ज्ञान सरोवर रुपी धारा से जोड़ना आपका काम है मुंह माया के अजब रंग जिसपे चाहा उसको डूबाया, पिस्ता  रहा पग-पग अब फंसी  मेरी उलझन को सुलझा कर चलाना है आपको..... वतन के लिए बने हैं हम सब मान  मर्यादा रखना हम सभी को है नफरत की झुको से बचा कर हिफाजत करना करतब है मेरी.......

दक्षिण दिल्ली नगर निगम विद्यालय में अध्यापक खेल प्रशिक्षण धूमधाम से सम्पन्न

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नयी दिल्ली - एस डी एम सी पश्चिमी क्षेत्र नवादा दक्षिण दिल्ली नगर निगम विद्यालय में चल रहे पाक्षिक अध्यापक खेल प्रशिक्षण का बड़ी धूमधाम से समापन हुआ । यह प्रशिक्षण विद्यालय निरीक्षिका (शारीरिक ) श्रीमती अनीता देवी व भूपेन्द्र सिंह के दिशा-निर्देश में हुआ। इस प्रशिक्षण में  पश्चिमी क्षेत्र के भिन्न भिन्न स्कूलों के अध्यापक/ अध्यपिकाओं ने भाग लिया । प्रशिक्षण के दौरान सीखे गये क्रिया कलापों की झलकियां प्रस्तुत की गईं।  इन्ही क्रियाकलापों को विद्यालय में प्रशिक्षित अध्यापक/अध्यापिका बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिये करवाते हैं।  समापन समारोह क्षेत्र के डी डी ई रिषिपाल राणा की अध्यक्षता में हुआ । इस अवसर पर क्षेत्र के सभी  विद्यालय निरीक्षक  मौजूद थे । क्षेत्र की निगम पार्षद आभा चौहान  व शिक्षा सीमिति के भूतपूर्व अध्यक्ष व वर्तमान में शिक्षा सीमिति के सदस्य यशपाल आर्य जी विशिष्ट अतिथि रहे। इस अभूतपूर्व कार्यक्रम का सफल संचालन विभाग  की गरिमा सुप्रीती चावला ने किया।

जीवन की पावन धरा से

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जीवन की पावन धरा से इस आलम को सजना है कहीं छा कहीं धूप छुप-छुपकर इसे सवारना है नफरत है इस मुल्क में कहीं मायूसी कहीं खामोशी इस जहां से मतभेद मिटाकर जीवन धारा से जुड़ना है  जो मुल्क नफरत की आग में सुलग रहा इससे उबर कर शांति का पाठ पढ़ाना है......  कश्मीर मुद्दा कहीं सियासत आलोचना  की तह में जो अवाम  तुल देते जरा अपने दामन में तो देख सियाचिन हो रहे हैं सब..... बदलती मासूमियत कहीं जुझारु पन में पल रही  जिंदगी..... जीवन की पावन धरा ...... 

पहली फिल्‍म से दर्शकों ने दिलाई मुझे इंडस्‍ट्री में पहचान : राज रंजीत

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अभिनय के बाद सिंगिंग में मिल रही सफलता के लिए मुजफ्फरपुर से आने वाले राज रंजीत ने भोजपुरी के दर्शकों का आभार जताया और कहा कि भोजपुरी के दर्शकों ने पहली ही फिल्‍म के बाद जो मुझे मुकाम दिया है, उसका मैं शुक्रगुजार हूं। लोगों ने मुझे पहली ही फिल्‍म के बाद सुपर स्‍टार बना दिया था। फिल्‍म का नाम पहली नजर को सलाम है, जिसका दूसरा पार्ट अब मशहूर गीतकार/संगीतकार विनय बिहारी के निर्देशन और प्रोडक्‍शन में बनने वाला है। वहीं, संतोष मिश्रा के साथ भी मेरी दो फिल्‍में 'रब ने बनाया तूझे मेरे लिए' और 'हैलो हम संतोष' आने वाली है। उससे पहले मैंने गायिकी के क्षेत्र में भी अपना हाथ आजमाया है, जो लोगों को पसंद आ रही है।   अपनी पहली ही फिल्‍म 'पहली नजर को सलाम' से भोजपुरी के दर्शकों के दिल में उतर जाने वाले अभिनेता व सिंगर राज रंजीत की चर्चा इन दिनों इंडस्‍ट्री में खूब है। वजह उनके वे चार गाने हैं, जो अभी हाल ही में रिलीज हुए हैं। खास कर 'आलिया भट्ट संग करा दी बियाह' और 'शिव तांडव नृत्‍य दिखाइ के' खूब वायरल हो रहा है। इन दोनों गानों को दर्शकों ने खूब सराया है। वहीं, &#

पावन मंजू मातृभूमि से

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पावन मातृभूमि सब चाहे तुम्हें निर्मल मन से छवि अनूठी और अलौकिक यहां एकमत जान से..... सच्चे लोग  यहां सब तेरी देश का गुण गाते है शांति का मसाल जलाकर आपस में इतराते हैं तुमसा नहीं है अखिल विश्व में आई आवाज वतन से .... पावन मंजू मातृभूमि से मंदिर मस्जिद गिरजा घर गुरुद्वारा तेरा घर है एक दूजे का भाव अनूठा तेरे यहां  नहीं छोटा वर है.... हर दिल तेरा ज्ञान का सागर नहीं भेट कदन से  पवन मंजू मातृभूमि सब चाहे तू हे निर्मल मन से.... भक्त तेरे गागर का सागर और गुदरी का लाल है इ शिया दिवेश नहीं लेस मात्र भी कितना हिरदय विशाल है.      .... झरने झील पहाड़ों से तू सुंदर लगता नंदनवन से पावन मंजू मातृभूमि सब चाहे तुम्हें निर्मल मन से.....

फेलोशिप : नेपाली और संथाली भाषा को भी शामिल किया जाएगा

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नयी दिल्ली - केंद्रीय संस्‍कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने घोषणा करते हुए कहा कि संस्‍कृति के क्षेत्र में असाधारण प्रतिभा के धनी कलाकारों को वरिष्‍ठ/कनिष्‍ठ फेलोशिप देने की योजना में भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची की शेष दो भाषाओं- नेपाली एवं संथाली को शामिल किया जाएगा। संस्‍कृति मंत्री ने यह बा नई दिल्‍ली में मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान कही।    संस्‍कृति मंत्रालय संस्‍कृति के क्षेत्र में श्रेष्‍ठ कलाकारों को वरिष्‍ठ/कनिष्‍ठ फेलोशिप प्रदान करती है। यह फेलोशिप शोध संबंधी परियोजनाओं के लिए दिया जाता है।    सांस्‍कृतिक संसाधन और प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी) फेलोशिप की चयन प्रक्रिया के लिए नॉडल एजेंसी है। इस योजना के तहत 'साहित्यिक कलाएं' एक विषय है, जिसके अंतर्गत शोध के लिए उम्‍मीदवार 22 भाषाओं में आवेदन दे सकते हैं। इन 22 भाषाओं में अंग्रेजी और खासी भाषाओं समेत भारतीय संविधान की धारा 344 (1) और धारा 251 की 8वीं अनुसूची में वर्णित 20 भाषाएं शामिल हैं: (1) असमी, (2) बंगाली, (3) बोडो, (4) डोगरी, (5) गुजराती, (6) हिंदी, (7) कन्नड़, (8) कश्मीरी, (9) कोंकणी, (10) मैथि