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खादी और ग्रामोद्योग को 5.88 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला

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नयी दिल्ली - केवीआईसी ने पहली बार गिफ्ट कूपन योजना, 2017 में शुरू की थी और अब तक 89.29 करोड़ रुपये के गिफ्ट कूपन बेचे जा चुके हैं। इस साल के शुरूआत में केवीआईसी को ऑयल इंडिया लिमिटेड से 7.03 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला था। ओआईएल ने अपने 14,064 कर्मचारियों के लिए खादी गिफ्ट कूपन लिए थे। इसी तरह ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने भी अपने 800 कर्मचारियों के लिए 80 लाख रुपये के कूपन खरीदे थे। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) से 5.88 करोड़ रुपये का ऑर्डर प्राप्त किया है, जो गेल के 23,504 कर्मचारियों के लिए खादी गिफ्ट कूपनों के रूप में है। गेल देश भर की अपनी सभी इकाईयों में कार्यरत प्रत्येक कर्मचारियों को 2,500 रुपये का खादी गिफ्ट कूपन प्रदान करेगा। कर्मचारी इन कूपनों से खादी और ग्रामोद्योगों के उत्पाद खरीद सकेंगे। इस आशय के एक समझौते पर केवीआईसी और गेल ने हस्ताक्षर किए थे। केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा प्राप्त होने वाले इस तरह के बड़े ऑर्डरों से न केवल दस्तकारों की आय में इजाफा होगा, बल्कि न

जनगणना 2021 के लिए 30 लाख पर्यवेक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी

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नयी दिल्ली - जनगणना 2021 के लिए लगभग 1800 प्रमुख प्रशिक्षक तैनात किए जाएंगे, जो फील्ड प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे। इन प्रमुख प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देश भर के 20 एटीआई में नवंबर-दिसंबर, 2019 में आयोजित किया जाएगा। इसके बाद वे  फील्ड प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। 2021 की जनगणना के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षकों के पहले बैच का प्रशिक्षण राष्ट्रीय सांख्यिकीय प्रणाली प्रशिक्षण अकादमी (एनएसएसटीए) ग्रेटर नोएडा में शुरू हुआ। अतिरिक्त आरजीआई संजय ने प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन किया। यह प्रशिक्षण 14 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक चलेगा। भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे और बातचीत करेंगे। शीर्ष स्तर पर 100 राष्ट्रीय प्रशिक्षक होंगे। राष्ट्रीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण अक्टूबर, 2019 के तीसरे से पांचवें सप्ताह तक चलेगा। इसका आयोजन एनएसएसटीए, ग्रेटर नोएडा और आईएसटीएम, नई दिल्ली में होगा। लगभग 44,000 फील्ड प्रशिक्षकों को गणनाकारों और पर्यवेक्षकों जैसे फील्ड अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के लिए तैयार किया जाएगा। इनका प्रशिक्षण जिला स्तर पर जनवरी

के.बी.एस. प्रकाशन द्वारा प्रकाशित सुषमा भंडारी कृत चार पुस्तकों का लोकार्पण

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साहित्य में विधा रूपान्तर एक अलग विधा के रूप में उभरा है साथ ही सुषमा भंडारी के कृतित्व उनके साहित्य के हर पक्ष को उदाहरण द्वारा उजागर किया। सुषमा भंडारी द्वारा किये गए इस अकल्पनीय उत्कृष्ट अनूठे कार्य के महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस विधा की ओर ये नई पहल है और उनकी लेखनी की प्रशंसा की। नई दिल्ली स्थित हिंदी भवन, विष्णु दिगम्बर मार्ग में के.बी.एस. प्रकाशन द्वारा प्रकाशित सुषमा भंडारी कृत चार पुस्तकों 'ख़ुशबू तो बचा ली जाए' एक आलोचनात्मक विश्लेषण, 'झुकी डालियाँ बरगद की' दोहा संग्रह, 'परत दर परत' हाइकु संग्रह, 'नई कहानी' बाल कहानी संग्रह के लोकार्पण, परिचर्चा और विभिन्न सामाजिक/सांस्कृतिक एवं साहित्यिक क्षेत्रों की उत्कृष्ट संस्थाओं को सम्मानित करने हेतु, साथ ही उत्तम कवियों द्वारा काव्य पाठ हेतु आयोजित इस अनूठे समारोह का आयोजन अनेक सुधि साहित्यकारों, पत्रकारों और कलाकर्मियों की उपस्थिति में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता विख्यात साहित्यकार लक्ष्मीशंकर वाजपेयी ने की, मुख्य अतिथि डॉ पूरन चन्द टण्डन हिंदी विभागाध्यक्ष दिल्ली विश्वविद्

Inauguration Ceremony 2nd.UDMA~2019,New Delhi,INDIA

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Unani Medicine के प्रोत्साहन के लिए UDMA दे रहा है बड़ा प्लेटफॉर्म

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जदीद फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा सर सैयद सेलिब्रेशन : टीचरों ने प्रतियोगिता में लिया भाग

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नदी में पूजा सामग्री और कूड़ा न डालने का आग्रह

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जयपुर - प्रयास संगठन के श्रमदानियों ने  देवी रोड वाले पुल से नीचें नदी में उतर कर श्रमदान किया।।देवी रोड स्थित नदी के पुल के नीचे बहने वाली ईशन नदी में लगभग 500 मीटर के क्षेत्र में पानी मे इतनी जलमंजरी हो गयी है कि पानी ही दिखना बन्द हो गया है। श्रम दान कर रहे कार्यकर्ताओं ने यह भी पाया कि नगरवासियों द्वारा नदी में अत्यधिक मात्रा में पूजन समिग्री फेंकी जा रही है जिसके कारण नदी का बहाव बाधित हुआ है व प्रदूषण फेल रहा है।श्रमदान कर रहे पर्यावरण प्रेमियों ने काफी मात्रा में जलमंजरी व कूड़ा नदी से बाहर निकाला। संयोजक प्रयास के अध्यक्ष विनय सोती ने नगरवासियो से अपील की कि नदी में पूजन सामग्री इत्यादि कूड़े को नदी में न फेकें,साथ ही उन्होंने प्रशासन से मांग की कि प्रशासन नदी मे गिरने वाले नालों के मुहानों पर एस टी पी लगवाने के निर्देश दे।  ईशन नदी गंगा की सहायक नदी है जो कानपुर देहात में गंगा नदी में मिल गयी है। यदि सहायक नदियां गंदी रही तो केंद्र सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे कैसे सफल होगा। अतः प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह नदियों को साफ रखने में सहायक हो।आज के श्रमदान में प्रमुख