"परिदृश्य चिन्तन के" जीवन को सकारात्मकता ऊर्जा से परिपूर्ण करने वाला लघुकथा संग्रह "
'पुस्तक- परिदृश्य चिन्तन के लेखिका- डाॅ• मुक्ता ,पृष्ठ संख्या -152 प्रथम संस्करण-2019,मूल्य -250/- प्रकाशक- दीपज्योति ग्रुप आॅफ पब्लिकेशन ,महावीर मार्ग,अलवर-301001. समीक्षक / साहित्यकार सुरेखा शर्मा ' देखना है ग़र मेरी उड़ान को तो ऊँचा कर दो आसमान को ।' इस विचारधारा के साथ लेखिका की लेखनी चली है एक चिंतक के रूप में।उनका मानना है कि इनसान चिन्ता की जगह चिन्तन को यदि जीवन का मूलमंत्र स्वीकार कर ले, तो उसके जीवन में दु:ख, अवसाद व असफलता दस्तक दे ही नहीं सकते। ज़िन्दगी के दांव-पेंचों को बहुत निकटता से देखते हुए, समझते हुए, चिन्तन करते हुए लेखिका ने अपनी लेखनी के माध्यम से महापुरुषों के वचनों को, सूक्तियों को, कहावतों व अनुभवों को आधार बनाकर 'परिदृश्य चिन्तन के' रूप में पुस्तक रूप में लिपिबद्ध किया है। एक-एक विषय जीवन का पाठ पढ़ाता