देखो न सखा यूँ प्यार से तुम,मैं राधे हूं पर श्याम हुई
सुषमा भंडारी देखो न सखा यूँ प्यार से तुम मैं राधे हूं पर श्याम हुई तेरी छवि न्यारी औ त्रिपुरारी मैं खुश हूं कि बदनाम हुई।।।।।।।। इल्ज़ाम लगाएगी दुनिया ये उनका नजरिया मेरा नहीं ओ श्याम सखा अब सुन तो ले तेरी मेरी कहानी आम हुई मैं राधे हूं मैं श्याम हुई मैं खुश हूं कि बदनाम हुई।।।।।।।।।। मैं प्रेम के पथ पर जाउंगी मैं प्रेम गीत ही गाउँगी बाधाएँ पग- पगआयेंगी मैं गुल से अब गुलफाम हुई मैं राधे हूं मैं श्याम हुई मैं खुश हूं कि बदनाम हुई।।।।।। जीवन का हर क्षण तुमसे है सृष्टि का हर कण तुमसे है तुम बिन मेरा अस्तित्व नहीं तुझ बिन सुबह ना शाम हुई मैं राधे हूं मैं श्याम हुई मैं खुश हूँ कि बदनाम हुई