फिर अंधेरे मिटाने का आया समय
सुषमा भंडारी फिर अधेरे मिटाने का समय आ गया फिर अंधेरे मिटाने का आया समय ये कोरोना भी रावण से कम तो नहीं फिर अन्धेरे----- बाद चौदह बरस काट बनवास के राम आये अयोध्या तो दीपक जले रामनवमी मनाई है हमने अभी क्यूँ ये कोरोना रावण हमको छले फिर अंधेरे----- आओ रहकर अलग मिल जायें सभी एक ही वक्त में रौशनी को भरें चाहे दीपक हो माटी का या टॉर्च हो मोमबाती भी अपने स्ंग में धरें फिर अन्धेरे ------- बंद करके घरों की सभी लाइटें 5 अप्रैल की सन्ध्या को आओ रटें जब घड़ी में बजें होंगे नौ रात के लेके उम्मीद हाथों में सब ही डटें फिर अन्धेरे --------- नाश हो जायें वायरस की सारी जड़ें सोच को एक जुट करके आओ लडें ये महामारी इसको न समझें सहज सावधानी के संग ही आगे बढें फिर अन्धेरे -------- जीत निश्चित ही होगी हमारी यहां विश्व- व्यापी बीमारी क्यूँ आई यहां लक्ष्य बेशक कठिन है मगर पाएंगे हारना हमने सीखा नहीं है यहाँ फिर अन्धेरे मिटाने का आया समय ये कोरोना भी रावण से कम तो नहीं फिर अन्धेरे-----