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होटल उद्योग को रिकवरी के लिए लंबा रास्ता तय करना होगा

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होटल उद्योग को रिकवरी के लिए लंबा रास्ता तय करना होगा और जोस्टल सोसायटी में अपना योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है और महामारी से अग्रिम मोर्चे पर लड़ रहे प्रत्येक योद्धा का आभार व्यक्त करते हैं। हमारे हॉस्टल पहले ही किसी भी फंसे या बाहर जाने वाले यात्रियों और मेडिकल योद्धाओं की मदद करने के लिए क्वारेंटाइन सेंटर के रूप में सेवा कर रहे हैं। हम स्थानीय और राज्य के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, और अपनी सभी संपत्तियों में शीर्ष-स्तरीय स्वच्छता और साफ-सफाई उपाय लागू करने में भारी निवेश कर रहे हैं। नयी दिल्ली - जोस्टल के सह-संस्थापक और सीईओ धर्मवीर सिंह चौहान ने कहा कि हम चरणबद्ध तरीके से अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने की सरकार की पहल का स्वागत करते हैं। महामारी का यात्रा और आतिथ्य उद्योग पर सबसे बुरा प्रभाव पड़ा है, लेकिन हम एक बार फिर यात्रा उद्योग के पुनर्निर्माण और मजबूती को लेकर आशान्वित और आश्वस्त हैं। जैसे-जैसे यात्रा उद्योग धीरे-धीरे खुलता जाएगा, हमने अपने सभी मेहमानों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके आत्मविश्वास को बनाए करने के लिए, सभी संपत्तियों में कठोर और व्

महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र में जारी रहा अभिनेत्री ख्याति सिंह का राहत वितरण कार्य

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बिहार ,मसरख । मसरख थाना क्षेत्र के डुमरसन राजापट्टी 40 आरडी गोरिया कोठी विधानसभा क्षेत्र के लकरी नवीगंज इलाके में आज घर-घर लोगों के बीच मास्क साबुन और नगद राशि का वितरण फिल्म अभिनेत्री ख्याति सिंह के तरफ से किया गया. पीड़ित मानवता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं आत्मबल से लड़ा जाएगा कोरोना से जंग, 75 दिनों से लगातार महाराजगंज के लोगों के सेवा का मिला है मौका कर्तव्य पथ से नहीं हटुगी.कहा भोजपुरी की चर्चित अभिनेत्री ख्याति सिंह ने.लगातार 75 वें दिन भी जारी रहा भोजपुरी फिल्म अभिनेत्री ख्याति सिंह के द्वारा राहत कार्य।प्रवासी कामगारों के वापस क्षेत्र में आने के बाद से करोना के बढ़े मामले को देखते हुए उन्होंने लोगों से संयम बरतने की अपील की है साथ ही साथ जो लोग बाहर से आ रहे हैं उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर में जाने की भी अपील की जा रही है. मढ़ौरा में एक व्यक्ति की कोरोना से हुई मौत पर दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में जो कुछ भी सहायता संभव हो पाएगा वे पिड़ित परिवार की करेंगी. साथ ही साथ उन्होंने क्षेत्र के युवाओं से अपील की है कि अफवाह फैलाने वाले लोगों पर ध्यान ना दें लोगों की

पानापुर के नट बस्ती में असहाय परिवार को आर्थिक मदद

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पानापुर/तरैंयाँ ( सारण ) पानापुर प्रखंड के पानापुर तुर्की नट बस्ती में अमरजीत नट की पत्नी मंजू देवी की सङक दुर्घटना में मौत हो गई । बताया जाता है की मंजु देवी अपने बेटे के साथ तरैंयाँ स्वास्थ्य केन्द्र में ईलाज कराने जा रही थी तभी रास्ते में हीं फकुली ग्राम के निकट मोटरसाईकिल दुर्घटना में मौत हो गई । वहीं मुखिया संगम बाबा तुर्की गाँव पहूँच पिङित परिवार को सांत्वना दिये और आटा-चावल राशन सामग्री के साथ-साथ नगद 5 हजार रुपये की आर्थिक मदद भी की । वहीं पानापुर नट टोली व तुर्की नट बस्ती के सैकड़ों जरुरतमंदो के बीच मुखिया संगम बाबा ने खाद्य सामग्री में जरुरत की सामग्री बाँटी । तुर्की नट बस्ती के हीं सुरज नट के ईलाज के लिये और मृतक बैजनाथ नट के श्राद्धकर्म के लिये मुखिया संगम बाबा ने आर्थिक मदद व राशन सामग्री देकर मदद की । वहीं तरैंयाँ के नारायणपुर गाँव में इनर महतो की लङकी की शादी में संगम बाबा ने राशन सामग्री में आटा-चावल के साथ आवश्यक सामग्री व नगद 7 हजार रुपये की मदद की । मौके पर पानापुर में शशि बाबा, शिवम तिवारी, लक्ष्मीणा नट, शुभान्ति नट, राजकुमार नट, नन्दकिशोर नट, ननकू नट, रवि नट, संजय

रईस अहमद कम्युनल हार्मनी अवार्ड से सम्मानित

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नई दिल्ली - दिल्ली सरकार द्वारा गठित दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने दिल्ली के समाज सेवी व एडवोकेट रईस अहमद को 2019 के लिये अवार्ड देकर सम्मानित करने की घोषणा की है। वहीं उनकी कारवां फाउंडेशन को कम्युनिटी सर्विस अवार्ड से नवाज़ा जाएगा। जिसके लिए दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग सलाहकार समिति सदस्य एडवोकेट रईस अहमद ने दिल्ली सरकार और खासतौर से दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चैयरमेन ज़फरुल इस्लाम ख़ान का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया। गौरतलब है कि भाजपा सांसद परवेश वर्मा द्वारा पश्चिमी दिल्ली में स्थित मस्जिदों, दरगाहों और मुस्लिम क़ब्रिस्तानों पर झूंठे इल्ज़ाम लगाकर कार्यवाही के लिये दिल्ली के उपराज्यपाल को शिकायत दी गई थी, जिसकी जांच के लिए दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग द्वारा गठित जांच कमिटी में एडवोकेट रईस अहमद ने अन्य कमिटी सदस्यों के साथ जांच कर रिपोर्ट आयोग को सौंपी थी। जिसे दिल्ली सरकार व उपराज्यपाल को भेजा गया। इसी के लिए रईस अहमद को कम्युनल हार्मनी अवार्ड से नवाज़ने की घोषणा की गई है। वहीं दूसरा अवार्ड उनकी कारवां फाउंडेशन को कम्यूनिटी सर्विसेस के लिए दिया गया। कारवां फॉउंडेशन गरीबों व बेसहारा लोगों के लिए दिल्

संकट की इस घड़ी में राज्य के लोक कलाकारों और कारीगरों को केंद्र सरकार से सहयोग का आश्वासन

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कोलकाता : कोलकाता के सांस्कृतिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता संदीप भूतोरिया द्वारा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गये पत्र के जवाब में केंद्र सरकार के संस्कृति और पर्यटन मंत्री (आईसी) प्रह्लाद सिंह पटेल की तरफ से पत्र के जवाब में आश्वासन दिया गया है कि केंद्र सरकार उन गरीब लोक कलाकारों और कारीगरों की मदद के लिए उपयुक्त उपाय करेगी जो कोविड-19 महामारी के दौरान भारी मुसीबतों के दौर से गुजर रहे हैं। भूतोरिया ने एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने राज्य में रहनेवाले हजारों गरीब छोटे-बड़े चित्रकारों एवं कलाकारों की दुर्दशा की जानकारी देते हुए तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की थी। ये कलाकार भारतीय कला, संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अपनी विरासत में मिले आजीविका चला रहे हैं। प्रह्लाद सिंह पटेल ने भूतोरिया को एक आधिकारिक पत्र में लिखा है कि: केंद्र सरकार के संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय की तरफ से देशभर के क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों को निर्देश दिया गया है कि वे ऐसे कलाकारों और कारीगरों की सूची तैयार करें, जिनकी जीविका पूरी तरह से प्रभावित हो गयी है और उनके नाम अभी तक सूची में शामिल नहीं किए गए ह

अक्षम्य अपराध

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डॉ• मुक्ता विनायकी– एक हथिनी के साथ घटित क्रूरतम हादसे ने पूरे मानव समाज को कर दिया उद्वेलित और झिंझोड़ कर रख दिया मनोभावों को और कटघरे में खड़ा कर पूछ रही सवाल आखिर क्या था उसका कसूर क्यों की गई अकारण उसकी  व उसके गर्भस्थ शिशु की निर्मम हत्या? इक्कीसवीं सदी का मानव हो गया है संवेदनशून्य औ निरंकूश तज शालीनता व नैतिकता जीवन-मूल्यों को त्याग मर्यादा की परिभाषा व अहमियत भी भुला बैठा क्या इस जहान में किसी निर्दोष के प्राणों की कोई कीमत नहीं रही मूक प्राणियों की हत्या करना बेदर्द मानव का शुग़ल हो गया वह क्यों दायित्व-विमुख हो गया सुना था! आज का मानव कन्या भ्रूण की जन्म से पूर्व हत्या कर सुक़ून पाता क्यों आजकल मासूमों की हत्या करना उसका जुनून हो गया बदल रहा ज़माने का चलन अब उसका कार्य-क्षेत्र बहुत विस्तृत हो गया शर्म आती है यह सोच कर क्यों वह जानवर से भी बड़ा जानवर हो गया? मैं विनायकी भूख से आकुल-व्याकुल चली आयी थी मानवों की बस्ती में इस विश्वास से… मिल जाएगा मुझे आहार और मेरे गर्भस्थ शिशु की क्षुधा हो जाएगी शांत और वह रह सकेगा सुरक्षित कहां जानती थी मैं– मानवों की बस्ती में आजकल शैतानों व दरिंद

गीत गाता दूसरों के

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विजय सिंह बिष्ट गीत गाता दूसरों के, अपनी व्यथा किसको सुनाऊं। है मधुर ये गीत प्रियतम, किसकी सुनूं, किसको सुनाऊं। प्यार तुमने है किया, मैं प्यार करना कैसे सिखाऊं। सुगम पथ पर तुम चलो, मै दुर्गम पथ कैसे गिनाऊं। गीत गाता दूसरों के अपनी व्यथा किसको सुनाऊं। जिनको अपना था समझता, वे पराए हो गये , कैसे बताऊं। लूटा चौराहे पर किसीने, क्या लेगये , कैसे गिनाऊं। लाज तो उनकी बची, मेरी लाज लुट गयी कैसे बताऊं। गीत गाता दूसरों के, अपनी व्यथा किसको सुनाऊं। सत्यवादी बनना था सिखाया, अपना असत्य कैसे छिपाऊं। सत् गुण तो तुम्हारे पास हैं, अपने अवगुण कैसे गिनाऊं। गीत गाता दूसरों के, अपनी व्यथा किसको सुनाऊं। साधना में रत तुम रहो, अपनी अराधना कैसे छिपाऊं। चरण वंदन करलो अराध्य के, मैं चरण छूना कैसे सिखाऊं। गीत गाता दूसरों के, अपनी व्यथा किसको सुनाऊं।