तीन गोलगप्पों के बाद एक पुचका फ्री में खिलाता है
डॉ स्वाति शर्मा मन तो मेरा भी करता है, कोई saree challenge अपनाऊ मैं, लगा के नित नयी नयी फ़ोटो स्टेटस पर इतराऊ मैं। कभी lovely couple और कभी without makeup की फ़ोटो सबको दिखलाऊँ मैं, कभी कभी ऐसे ही खुद को खूब सजाऊँ मैं। पर जैसे ही स्टेटस लगाने फ़ोन को मैं उठाती हूँ, कितने ही अनजान चेहरों को नज़रो के सामने पाती हूँ। नज़रों के सामने आता है, उस गोलगप्पे वाले का चेहरा, जो तीन गोलगप्पों के बाद एक पुचका फ्री में खिलाता है, इस lockdown में उसे कुछ खाने को मिलता है, या भूखा ही सो जाता है। दूसरा चेहरा उस धोबिन का, जो चालाकी से मुझसे हमेशा ज्यादा पैसे ले जाती थी, और मैं दो चार रुपयों के लिए झिक झिक करती रहती थी।