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दलितों पर हमला करने वाले के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो जनता सड़क पर आने को मजबूर होगी

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उत्तर प्रदेश ,आज़मगढ़ में फिर सवर्ण सामन्तों ने दलित समुदाय पर हमला किया. जिसकी सूचना मिलते ही रिहाई मंच ने रौनापार गांव का दौरा किया और पीड़ित परिवार से मुलाकात की. प्रतिनिधि मंडल में बांकेलाल यादव, उमेश कुमार और राहुल कुमार शामिल रहे. प्रतिनिधि मंडल को पीड़ित परिवार के मुखिया सुरेश ने बताया कि उनका बेटा रोहन रौनपार के बिलरियागंज रोड पर स्थित सुधीक्षा अस्पताल पर सोने के लिये जा रहा था. पिंटू सिंह के लड़के उसे रास्ते में रोके और पूछे यहां क्यों घूम रहा है. बताने पर कि सोने जा रहा हूँ तो उन लोगों ने कहा कि वापस जा और कहते हुए हाथ मरोड़कर मारने लगे. कहने लगे कि बुला अपने बाप को. यह कहते हुए घर आ गए और सुरेश पर हॉकी-डंडे से हमला कर दिया. बीच बचाव करने गई उनकी बीवी आशा देवी और माँ रामवती को भी मारने लगे जिसमें उनकी बुजुर्ग मां को गंभीर चोटें आईं. आशादेवी और सुरेश भी घायल हो गए. घटना रौनापार थाने के ठीक बगल की है पर पुलिस ने गंभीरता से संज्ञान में नहीं लिया. न ही अस्पताल में मुआयना कराया न ही एफ़ आई आर दर्ज की. गांव वालों ने बताया कि घटना में शिवम सिंह, शुभम सिंह, बसंत, प्रशांत, बलजीत, बल्लू, प्र

रितेश अग्रवाल वेंचर कैटालिस्ट्स के साथ भारत में शुरुआती स्तर के स्टार्टअप इकोसिस्टम से जुड़े

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नयी दिल्ली : भारत के बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम और युवा उद्यमियों का समर्थन करने के लिए रितेश अग्रवाल देश के टिअर 1, 2 और 3 शहरों में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सलाहकार की भूमिका निभाएंगे और देश के सबसे बड़े इन्क्यूबेटर वेंचर कैटालिस्ट्स (वीकैट्स) के साथ मिलकर काम करेंगे। तेजी से बढ़ते हुए इकोसिस्टम, भारत को, जो दुनिया में सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते हुए इकोसिस्टम में से एक है, ज़्यादा से ज़्यादा अनुभवी और सफ़ल लोगों की ज़रूरत है जो आगे आकर एक-दूसरे की मदद कर सकें और साथ मिलकर इकोसिस्टम को आगे बढ़ाते हुए देश को ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाएं। रितेश देश और अपने साथ उद्यमियों का समर्थन करने के लिए इस दिशा में काम कर रहे हैं, जिसमें उनके साथ डॉ. अपूर्व शर्मा भी हैं, जो उन शुरुआती लोगों में से हैं, जिन्होंने रितेश के विज़न का तब समर्थन किया था, जब उन्होंने 2012 में ओरावेल स्टेस शुरू किया था, और 2013 में ओयो स्थापित किया था। एक उद्यमी के रूप में, उड़ीसा के रायगडा के रहने वाले, रितेश ने कम उम्र में अपना सफ़र शुरू किया। 

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर ऑनलाइन काव्य गोष्ठी

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नयी दिल्ली - स्वाबलंबन ट्रस्ट साहित्यिक  प्रकोष्ठ  (स्वावलंबन" शब्द सार") के द्वारा भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी  वाजपेयी   की पुण्यतिथि के अवसर पर उनको श्रद्धांजली अर्पित करते हुए अखिल भारतीय स्तर पर ऑनलाइन का०य गोष्ठी का आयोजन किया गया , जिसमें देश के विभिन्न साहित्यकारों की सहभागिता रही |कार्यक्रम की अध्यक्षता मेघना श्रीवास्तव राष्ट्रीय अध्यक्षा द्वारा की गई।   कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सुरेखा शर्मा की उपस्थिति रही၊ कार्यक्रम का शुभारंभ दिल्ली प्रान्त की अध्यक्षा डाॅ ममता सोनी के द्वारा माँ शारदे का माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ  किया गया ၊  दिल्ली प्रांत संयोजिका  (स्वावलम्बन शब्द सार ) रचना निर्मल  द्वारा माँ सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की गई एवम् कुशल मंच संचालन किया गया। आमंत्रित कलमकारों ने अपनी रचनाओं के द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री तथा सुप्रसिद्ध कवि अटल बिहारी वाजपेई को श्रद्धांजली अर्पित की। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय अध्यक्षा  मेघना श्रीवास्तव,राष्ट्रीय महामंत्री राघवेंद्र मिश्रा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बीरेंद्र गौड़, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अतुल श्रीवास्

आज़मगढ़ में दलित प्रधान की हत्या का संज्ञान लेते हुए रिहाई मंच ने बांसगांव का दौरा किया

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आज़मगढ़ /  स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आज़मगढ़ में दलित प्रधान सत्यमेव जयते उर्फ पप्पू प्रधान की हत्या का संज्ञान लेते हुए रिहाई मंच ने तरवां थाना अंतर्गत बांसगांव का दौरा किया. मृतक प्रधान और 12 वर्षीय सूरज कुमार के परिजनों से मुलाकात की. ग्राम प्रधान के परिजनों ने जातिगत कारणों से लगाया हत्या का आरोप. मृतक प्रधान की पत्नी विलाप करते हुए कहती हैं कि मेरे पति ही मेरे और मेरे तीन बच्चों का सहारा थे. वह भी हत्यारों ने छीन लिया. ये कैसी सरकार है जहां जनता का प्रतिनिधि ही सुरक्षित नहीं है. उसे दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी जा रही है. पति की मौत के सदमे में पत्नी विलाप करते हुए न्याय की भीख मांगते हुए कहती है कि जैसे मेरे पति की हत्या हुई है सरकार उसी तरह से दोषियों को फांसी दे. क्या योगी सरकार के दिए हुए पांच लाख से मेरे पति वापस आ जाएंगे, मेरे बच्चों के सर पर बाप का साया वापस आ जायेगा, मुझे न्याय चाहिए. प्रधान की पत्नी कहती हैं कि अगर सरकार उन हत्यारों को सजा नहीं देती है तो सरकार भी उतनी ही दोषी होगी जितने कि वह हत्यारे हैं. मृतक प्रधान की भतीजी रो-रो कर कहती हैं कि यह कैसी आजादी ह

प्रणेता साहित्य संस्थान,दिल्ली द्वारा ऑनलाइन जश्ने-आज़ादी और पुस्तक विमोचन समारोह

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नयी दिल्ली - प्रणेता साहित्य संस्थान,दिल्ली द्वारा ऑनलाइन जश्ने आज़ादी काव्य गोष्ठी  और पुस्तक विमोचन का सफल आयोजन संस्थान के संस्थापक एवं महासचिव एस जी एस सिसोदिया के मार्गदर्शन और सक्रिय प्रयासों  से सफलता पूर्वक  संपन्न हुआ,जिसमें विभिन्न राज्यों के रचनाकारों ने अपनी देशभक्ति से ओतप्रोत रचनाओं से समां बांध दिया।  कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं नीतिका सिसोदिया  द्वारा माँ शारदे की वंदना तथा अतिथियों  द्वारा माल्यार्पण  के साथ हुआ। सरस्वती वंदना के पश्चात संस्थान के संस्थापक और महासचिव एस जी एस सिसोदिया  ने अपने  सभी उपस्थित साहित्यकारों को शुभकामनाएँ प्रेषित की। यह गोष्ठी  प्रतिष्ठित कवि डाक्टर रामनिवास इंडिया की अध्यक्षता में संपन्न  हुई। मुख्य अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध कवि एवं गज़लकार राजेन्द्र 'राज निगम  ने अपनी गरिमामय  उपस्थिति से मंच को सुशोभित किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में जानी मानी कवयित्री श्रीमती इन्दु 'राज' निगम और कहानीकार मीनू त्रिपाठी उपस्थित थीं।  प्रणेता साहित्य संस्थान की इस काव्य गोष्ठी का संचालन सुप्रसिद्ध समाजसेविका और शिक्षाविद शकुंतला मित्

भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) को सरकार से आधिकारिक मान्यता दिए जाने की मांग

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भारत में गूंगे और बहरे लोगों की उच्च शिक्षा के लिए ज्यादा स्कोप नहीं है क्योंकि बहुत कम कॉलेज और संस्थान दुभाषियों या सांकेतिक भाषा में पढ़ा सकते हैं। इस प्रकार छात्रों को अन्य स्रोतों की ओर रुख करना पड़ता है जिसमें अधिकांश छात्र के अभिभावक उतना खर्च नहीं कर सकते हैं। विकलांगता अधिनियम 1995 वाले व्यक्तियों के अनुसार सरकारी और निजी एजेंसियों में एक प्रतिशत नौकरियां उनके लिए आरक्षित हैं। लेकिन उन नौकरियों में देशभर के किसी भी विश्वविद्यालयों से डिग्री एवं प्रमाणपत्र होने जैसी शर्तें भी शामिल हैं। कोलकाता : 135 करोड़ घनी आबादी वाला देश भारतवर्ष, जिसमें 1.3 मिलियन से अधिक दिव्यांग नागरिक शामिल हैं। इन नागरिकों की सुविधार्थ केंद्र सरकार को भारतीय संविधान के तहत भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) को 23वीं आधिकारिक भाषा बनाना चाहिए। कोलकाता के सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यकर्ता संदीप भूतोरिया द्वारा आयोजित ‘विनिंग चैलेंज’ नामक वेबिनार में प्रधान अतिथि के तौर पर उपस्थित मूक और बधिर उद्यमी, इंजीनियर और प्रेरक वक्ता वैभव कोठारी ने वेबिनार में अपने विचारों का आदान-प्रदान करते समय यह बातें कही। उन्होंने

कविता // एकाकी जीवन जीना सीखें

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विजय सिंह बिष्ट एकाकी जीवन जीना सीखें। जीवन साथी कब बिछुड़ जाये, पग पग पर मौत खड़ी है, जाने कब बुलावा आ जाये। उगता सूरज लिए लालिमा, सांझ ढले धीरे ढल जाए। अपना भी उदय हुआ है, कब मौत गले लग जाये। एकाकी जीवन जीना सीखें, जीवन पथ पर कौन भला , किस राह पर कहां रुक जाये। खिलता धीरे पूनम चांद कभी, अमावास में पूरा छिप जाये। नदिया बहती पर्वत शिखर से, घुलते मिलते सागर में मिल जाते। अपना भी जीवन बहता पानी, जाने कहां तिल तिल मर जाये। खिलते पत्ते नव योवन लेकर, जाने कब पतझड़ में गिर जाये। भव सागर में जीवन नाव खड़ी है।  ईश्वर जाने डूबे या पार लग जाये। साथ उड़ते पंछी नील गगन में, उड़ते थकते कहीं बिछुड़ न पाये। हम भी साथी जीवन भर के, पता नहीं कौन दिशा कब भटक जाये। एकाकी जीवन जीना सीखें, कब जोड़ा छूटे या रह जाये। यह श्रृष्टि का खेल अनोखा, कोई आये कोई जाए। जीवन जीना एकाकी सीखें, हंसों का जोड़ा कब छूट जाये।          

कविता // कोरोना और काव्य

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● डॉ• मुक्ता ● कोरोना और काव्य बन गये एक-दूसरे के पर्याय ऑन-लाइन गोष्ठियों का सिलसिला चल निकला नहीं समझ पाता मन क्यों मानव रहता विकल करने को अपने उद्गार व्यक्त शायद!लॉक-डाउन में नहीं उसे कोई काम काव्य-गोष्ठियों में वह व्यस्त रहता सुबहोशाम पगले!यह स्वर्णिम अवसर नहीं लौट कर आयेगा दोबारा तू बचपन में लौट कर बच्चों-संग मान-मनुहार मिटा ग़िले-शिक़वे तज माया-मोह के बंधन उठ राग-द्वेष से ऊपर थाम इन लम्हों को कर खुद से ख़ुद की मुलाक़ात कर उसकी हर पल इबादत मिटा अहं, नमन कर प्रभु की रज़ा को  अपनी रज़ा समझ  घर में रह,खत्म कर द्वंद्व और सुक़ून से जी अपनों संग 

शब्दाक्षर द्वारा ऑनलाइन ‘जश्न-ए-आजादी

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Dehradun दिवंगत आत्माओं की स्मृति में वृक्षारोपण

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Uttarakhand रोज़गार के अनेक अवसर पैदा किये जा सकते हैं

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जिस्म में तू जान तू ही है,प्रार्थनाओं में तू अज़ान तू ही है

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जयपुर में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात

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