थायरॉयड सर्जरी के लिए भारत में पहली बार नियर-इन्फ्रारेड इमेजिंग (निफी) की मेड इन इंडिया टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल
० योगेश भट्ट ० नयी दिल्ली : क्लिनिकल उत्कृष्टता में वैश्विक मानक प्रदान करने की प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए, सीके बिरला हॉस्पिटल ने हाल ही में थायरॉयड में बड़ी सूजन (ग्वाटर) से पीड़ित एक 59 वर्षीय पुरुष का इलाज किया। इस मरीज को कई सालों से थायरॉयड में सूजन थी और उसका दाहिनी ओर का पूरा गला इस सूजन से प्रभावित था, जिसके कारण उसे गर्दन हिलाने या घुमाने में परेशानी होती थी। मरीज द्वारा इलाज के लिए सर्जरी को कई सालों तक टाला गया क्योंकि उसे सर्जरी के परिणामों और सर्जरी के बाद उत्पन्न होने वाली परेशानियों का डर था। पूरी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ केंद्रों में होने वाली थायरॉयड सर्जरी में पैराथायरॉयड ग्रंथि (जो मानव शरीर में कैल्शियम को नियंत्रित करती है और थायरॉयड ग्रंथि के काफी नजदीक स्थित होती है) में चोट लगने या गलती से उसे हटाए जाने के कारण 25 प्रतिशत संभावना कैल्शियम में गड़बड़ी की होती है, और 8 प्रतिशत संभावना आवाज की नस, यानि रिकरेंट लैरेंजियल नर्व में चोट लगने की होती है, जो थायरॉयड ग्रंथि के ठीक नीचे स्थित होती है। मरीज की जाँच करने पर डॉ. मंदीप सिंह मल्होत्रा, डायरेक्टर, सर्जिकल ऑन्क