एफओजीएसआइ का भारत में मातृत्व स्वास्थ्य के गुणवत्ता मानकों में सुधार के लिए एनएबीएच के साथ समझौता
० योगेश भट्ट ० नयी दिल्ली : भारत में डिलिवरी के दौरन महिलाओं की मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं, जो जच्चा-बच्चा की देखभाल के क्षेत्र में सुधार की जरूरत की ओर इशारा करते हैं। 2017 से 2019 के दौरान मौजूदा एसआरएस डेटा के अनुसार भारत मैटरनल मोर्टेलिटी रेशियो (एमएमआर) सुधार के साथ 103 पर आ गया था। 2011से 13 के दौरान एमएमआर 167 था। इससे स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार का पता चलता है, पर अभी हमें इस दिशा में बहुत दूर जाना है। भारत में ऑब्सट्रेटिक और गायनेकॉलोजी के डॉक्टरों की अगुवाई करने वाले पेशेवर संस्थान एफओजीएसआइ ने नेशनल एक्रेडेशन बोर्ड ऑफ हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (एनएबीएच)/ क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआइ), एक्रेडेशन एवं क्वालिटी प्रमोशन के लिए भारत के सर्वोच्च निकाय, के साथ साझेदारी की आज घोषणा की। इससे मातृत्व सेवाओं की गुाव्त्ता में सुधार करने के सरकार के दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलेगा। यह साझेदारी ‘एक राष्ट्र एक मानक’ सुनिश्चित करेगी, जहां मैटरनिटी सर्विस प्रोवाइडर्स (एमएसपी) का मूल्यांकन एनएबीएच और एफओजीएसआइ द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। बच्चे के जन्म के समय म