क्षेत्रीय पत्रकारिता का भविष्य न सिर्फ उज्ज्वल है, बल्कि नई तकनीक के साथ नए स्वर्णिम काल की ओर अग्रसर है
० योगेश भट्ट ० अमरावती । मराठी पत्रकारिता ने स्वतंत्रता के बाद ही नहीं, बल्कि देश को स्वतंत्रता मिलने के दशकों पहले से ही समाज निर्माण का काम करना शुरू कर दिया था। भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्ति दिलाने में मराठी पत्रकारिता का अविस्मरणीय योगदान है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती में मीडिया का योगदान सर्वाधिक है। मीडिया के बिना किसी समाज की कल्पना नहीं की जा सकती। 'मराठी पत्रकारिता दिवस' के अवसर पर भारतीय जन संचार संस्थान, अमरावती द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते प्रो संजय द्विवेदी ने कहा कि डिजिटल मीडिया ने भाषाई पत्रकारिता को वैश्विक बना दिया है। क्षेत्रीय पत्रकारिता का भविष्य न सिर्फ उज्ज्वल है, बल्कि नई तकनीक के साथ पत्रकारिता के नए स्वर्णिम काल की ओर अग्रसर है। इस अवसर पर 'दैनिक तरुण भारत' के मुख्य संपादक गजानन निमदेव, 'दैनिक लोकमत' के कार्यकारी संपादक श्रीमंत माने, संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय में मराठी-हिंदी भाषा विभाग की अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) मोना चिमोटे एवं आईआईएमसी, अमरावती कैंपस के क्षेत्रीय निदेशक प्रो. (डॉ.) वीरेंद्र कुमार भारती भ