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तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार-2022 के लिए नामांकन आमंत्रित

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० संवाददाता द्वारा ०  पुरस्कार में एक कांस्य प्रतिमा, एक प्रमाण पत्र, एक रेशमी टाई/एक साड़ी के साथ एक ब्लेज़र और 15 लाख रुपये की पुरस्कार राशि शामिल है। भारत सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कारों के साथ विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। नयी दिल्ली - युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय ने तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार 2022 (नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड्स) के लिए नामांकन आमंत्रित किए हैं। युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय साहसिक क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों की उपलब्धियों को पहचानने और युवाओं में सहनशक्ति, जोखिम लेने, सहयोगात्मक टीम वर्क की भावना विकसित करने और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए प्रोत्साहित करने के लिए "तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार" (टीएनएनएए) नामक राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार प्रदान करती है। टीएनएनएए 2022 के लिए नामांकन 14 जुलाई, 2023 तक पोर्टल https://awards.gov.in के माध्यम से आमंत्रित किए जा रहे हैं। पुरस्कार के लिए दिशानिर्देश युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की वेबसाइट पर URL https://yas.nic.in/youth-affairs/inviting-nonations-te

केडीएम ने कोलकाता में अपना एक्सक्लूसिव स्टोर खोला

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० संवाददाता द्वारा ०  कोलकाता : लाइफ़स्टाइल और मोबाइल एक्सेसरीज़ के प्रमुख ब्रांड, केडीएम ने कोलकाता में अपने एक्सक्लूसिव स्टोर की शुरुआत के साथ पश्चिम बंगाल में अपनी पकड़ और मजबूत बना ली है। इस स्टोर में मोबाइल एक्सेसरीज़ और लाइफस्टाइल सेगमेंट के तहत मोबाइल चार्जर, ईयरफोन, स्पीकर, नेकबैंड और एयरपॉड से लेकर हेडफोन जैसे कई तरह के प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं। केडीएम ने लाइफस्टाइल और मोबाइल एक्सेसरीज़ के एक बड़े ब्रांड के तौर पर अपनी पहचान बनाई है।  देशभर में मौजूद इसका डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क काफी मजबूत है, जिसने भारत के सबसे बड़े और सबसे इनोवेटिव मोबाइल एक्सेसरीज एवं लाइफस्टाइल ब्रांड के निर्माण के इस सफर को आगे बढ़ाने में मदद की है। कोलकाता में स्टोर का उद्घाटन करते हुए, केडीएम की ओर से पश्चिम बंगाल के सभी चैनल पार्टनर्स के लिए कोलकाता के जेडब्ल्यू मैरियट में डिस्ट्रीब्यूटरों और डीलरों की बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर केडीएम के संस्थापक एन. डी. माली ने कहा, “हम बेहद जिंदादिल राज्य पश्चिम बंगाल में अपनी मौजूदगी का दायरा धीरे-धीरे बढ़ा रहे हैं, और हमें अपने लाइफस्टाइल और मोबाइल एक्सेसरीज प्रोडक

Delhi राष्ट्र टाइम्स का 43वां स्थापना दिवस : संपादक विजय शंकर चतुर्वेदी ...

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राष्ट्र टाइम्स का 43वां स्थापना दिवस : संपादक विजय शंकर चतुर्वेदी हुए सम्मानित

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली। पत्रकारिता के 50 वर्ष पूरे करने पर राष्ट्र टाइम्स के संपादक विजय शंकर चतुर्वेदी को सम्मानित किया गया। वहीं राष्ट्र टाइम्स का 43वां स्थापना दिवस भी मनाया गया। इस कार्यक्रम के दौरान विशिष्ट अतिथि के तौर पर पूर्व सांसद, प्रभारी मध्य प्रदेश जयप्रकाश अग्रवाल, पूर्व मंत्री दिल्ली सरकार रमाकांत गोस्वामी, चेयरमैन कम्युनिकेशन दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अनिल भारद्वाज, पूर्व सांसद राज्यसभा जे.के. जैन, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष उमाकांत लखेड़ा और पूर्व विधायक सुरेंद्र कुमार मौजूद रहे। इस मौके पर पूर्व सांसद जय प्रकाश अग्रवाल ने कहा " विजय शंकर चतुर्वेदी के कार्य की जितनी सराहना की जाए वह कम है। वह अपने जीवन में और ऊंचाईयों को प्राप्त करें इसके लिए मैं उन्हें प्रोत्साहित करना चाहूंगा।" प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष उमाकांत लखेड़ा ने चतुर्वेदी का सम्मान करते हुए कहा " विजय शंकर ने समाजिक सरोकार की पत्रकारिता की है, यह पत्रकारिता हर किसी के बस की बात नहीं है। मैं उन्हें 50 वर्ष पत्रकारिता के क्षेत्र में पूरे करने पर शुभकामनाएं देता हूं।" जबकि अनिल

पुस्तक-अनुबंध : उपन्यास गुजरात के एक परिवार पर केंद्रित

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० पुस्तक-अनुबंध  ० लेखक कर्नल सीएम नौटियाल ० प्रकाशक श्री नटराज प्रकाशन, गामड़ी एक्सटेंशन दिल्ली ० मूल्य ₹ 650 ० पेज 312  ०  समीक्षक योगेश भट्ट ०  कर्नल सीएम नौटियाल 14 नवंबर 1943 को उत्तराखंड में जन्मे बीए ऑनर्स एलएलबी एमबीए की शिक्षा में पारंगत होने के साथ-साथ सेना से सेवानिवृत्त तत्पश्चात मल्टीनेशनल कंपनी के महाप्रबंधक व भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड के प्रदेश संयोजक के पद को सुशोभित करने के बाद वर्तमान में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रहकर साहित्य साधना में पूर्णरूपेण रत हैं साहित्य साधना के प्रति स्वरूप अभी तक उनकी रचनाओं में वतन उपन्यास वही बाकी निशा होगा पर्वत रोते हैं कहानी संग्रह हिमशिखर काव्य संग्रह पुष्पांजलि डांडी कांठी गीतों की रचनाओं सहित 15 से अधिक किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं  कर्नल सीएम नौटियाल का अनुबंध उपन्यास जो कि 13 अध्यायों में विभक्त है विशेषकर देव भूमि उत्तराखंड के चार धामों के प्रति लोगों की आस्था विश्वास प्रेरणा एवं लगाव के सरोकारों को छूते हुए समय के अनुरूप उत्तराखंड के दर्शन करवाते हैं इसी कड़ी में सन 2013 में केदार की आपदा पर केंद्रित होकर यह उपन्यास उ

आपातकाल में प्रेस पर पाबंदी के खिलाफ एनयूजे ने निभाई थी बड़ी भूमिका - रास बिहारी

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० योगेश भट्ट ०  आपातलकाल के पहले पांच महीने में इंदिरा सरकार के अत्याचारों के कारण देश हिल गया था। इसके बाद भय को मिटाने के लिए संघ के स्वयंसेवकों ने भूमिगत होकर आपातकाल के विरोध में कार्य किया। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि क्रांतिकारी माओवादी नेता और कार्यकर्ताओं ने भी आपातकाल में सरकार और पुलिस के मुखबिरों की भूमिका निभाई थी। जेल में बंद माओवादी नेता गिरफ्तार नेताओं की जासूसी करते थे। नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार, लेखक तथा हिन्दुस्थान समाचार के प्रधान संपादक रामबहादुर राय ने एनयूजेआई स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन तथा दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन द्वारा आपातकाल और प्रेस विषय पर आयोजित संगोष्ठी में खुलासा किया कि कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता आपातकाल के दौरान पुलिस के मुखबिर बन गए थे। आपातकाल के दौरान 16 महीने जेल में बंद रहे राय ने बताया कि कांग्रेस के नेताओं के दबाव में तमाम लोगों को गिरफ्तार कर जेल में डाला गया था।  उन्होंने यह भी खुलासा किया कि आचार्य विनोवा भावे ने कभी नहीं कहा था कि आपातकाल अनुशासन पर्व है। कांग्रेसी नेता निर्मला देशपांडे द्वारा फैलाए गए झूठ का विनोबा भावे आपात

IIMC बना देश का सर्वश्रेष्ठ मीडिया शिक्षण संस्थान 'बेस्ट कॉलेज सर्वे' में पहला स्थान

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली। देश की प्रतिष्ठित पत्रिका इंडिया टुडे के 'बेस्ट कॉलेज सर्वे' में भारतीय जन संचार संस्थान , नई दिल्ली को पत्रकारिता एवं जनसंचार के क्षेत्र में देश का सर्वश्रेष्ठ मीडिया शिक्षण संस्थान घोषित किया गया है। इससे पहले ‘द वीक-हंसा रिसर्च’ के सर्वे में भी आईआईएमसी को मीडिया शिक्षा के क्षेत्र में देश का सर्वश्रेष्ठ कॉलेज घोषित किया गया था।  संस्थान के महानिदेशक प्रो संजय द्विवेदी ने कहा कि यह आईआईएमसी परिवार के लिए बड़े ही गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि आईआईएमसी के सभी पूर्व महानिदेशकों, श्रेष्ठ प्राध्यापकों, अधिकारियों और कर्मचारियों के अथक प्रयास से ही हम लगातार कई वर्षों से पहले स्थान पर हैं।  डिजिटल मीडिया और मीडिया कन्वर्जेंस आज की जरुरत है। आईआईएमसी ने मीडिया शिक्षण, प्रशिक्षण और शोध के क्षेत्र में एक अलग जगह बनाई है। हमने मीडिया क्षेत्र की जरुरतों के हिसाब से पाठ्यक्रमों को निरंतर अपडेट किया है। यही कारण है कि आईआईएमसी के पूर्व छात्र आज देश के ही नहीं, विदेशों के भी मीडिया, सूचना और संचार संगठनों में नेतृत्वकारी भूमिका में हैं।  विद्यार्थियों की सफलता