असाधारण, कुशल और प्रभावी व्यक्तित्व 'संजय द्विवेदी'
० पवन कुमार पाण्डेय ० आज प्रो. संजय द्विवेदी का जन्मदिन है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी, माँ सरस्वती के उपासक, मीडिया-शिक्षण को अपनी पुस्तकों और शोध पत्रों के माध्यम से नई दिशा के बोध-कारक तथा संपूर्ण भारत में पत्रकारिता के उच्च मानक स्थापित करने वाले भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी एक पत्रकार ही नहीं, कुशल संपादक, लेखक, संस्कृतिकर्मी, मीडिया-गुरु, अकादमिक प्रबंधक एवं संचार विशेषज्ञ के नाम से संपूर्ण देश में जाने जाते हैं। जो भी उनसे एक बार मिल लेता है, वह सदैव उनका होकर रह जाता है। निरंतन लेखन, संपादन, शिक्षण, पर्यटन, दोस्ती, बातचीत, फिल्में देखना, पढ़ना उन्हें पसंद है। लेखन की कला पिता परमात्मानाथ द्विवेदी से विरासत में मिली है। वह श्रेष्ठ शिक्षक होने के साथ उच्च कोटि के लेखक भी हैं। वह कहते हैं, ‘मेरे पास यात्राएं हैं, कर्म हैं और उससे उपजी सफलताएं हैं। मैं स्वयं को आज भी मीडिया का विद्यार्थी ही मानता हूं।' उन्होंने 'दैनिक भास्कर', 'स्वदेश', 'नवभारत', 'हरिभूमि' जैसे अखबारों से शुरू कर के 'जी 24 छत्ती