59 प्रतिशत भारतीय पर्यावरण की रक्षा और लाभ में सकारात्मक संबंध देखते हैं : एस.ए.पी

० योगेश भट्ट ० 
नयी दिल्ली : SAP SE एस.ए.पी एस.ई. ने अपनी नई रिपोर्ट पेश की जिसमें सामने आया है कि भारतीय व्यवसायों को सस्टेनेबिलिटी में वित्तीय लाभ दिखाई दे रहे हैं। 6500 से ज्यादा व्यवसायिक नेतृत्वकर्ताओं, जिनमें 400 भारतीय हैं, का यह ग्लोबल एनवायरनमेंटल सस्टेनेबिलिटी अध्ययन एस.ए.पी की वार्षिक रिपोर्ट का दूसरा संस्करण है, जिसमें अपनी कंपनियों में सस्टेनेबिलिटी को बढ़ाने के इच्छुक संगठनों की समस्याओं और प्रोत्साहनों का अध्ययन किया गया है।

संगठनों को पर्यावरण की रक्षा करने के उपायों का सबसे बड़ा प्रोत्साहन पर्यावरणप्रेमी आंदोलन (45 प्रतिशत) से मिलता है, जिसके बाद विकास के अवसरों (34प्रतिशत) और ग्राहकों के बीच मांग (33 प्रतिशत) का स्थान आता है। इसके बाद भी यदि भारतीय संगठन अपनी सस्टेनेबिलिटी की रणनीति को डेटा पर केंद्रित करने में असफल रहते हैं, तो उन्हें पिछड़ जाने का खतरा है। कुलमीत बावा, प्रेसिडेंट एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, एस.ए.पी भारतीय उपमहाद्वीप ने कहा, ‘‘यदि भारत को ज्यादा सस्टेनेबल भविष्य की ओर बढ़ना है, तो व्यवसायों को अपना योगदान देना होगा और समग्र दृष्टिकोण के रूप में सस्टेनेबिलिटी को अपनाना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह साफ है कि सस्टेनेबिलिटी अब ब्रांड की प्रतिष्ठा या नैतिकता तक सीमित नहीं - अब उद्देश्य और लाभ के बीच स्पष्ट संबंध है।’’

अध्ययन के परिणामः सस्टेनेबिलिटी के उद्देश्यों को व्यवसायिक रणनीति के साथ जोड़ना 37 प्रतिशत भारतीय व्यवसायों ने बताया कि उनके पिछड़ने का कारण पर्यावरणीय रणनीति का न होना है।35 प्रतिशत ने निवेश पर रिटर्न साबित होने में मुश्किल की ओर इशारा किया। बड़ी व्यवसायिक रणनीति में सस्टेनेबिलिटी के लक्ष्यों को शामिल करना, प्रगति को पहचानना और मापना सफलता और दीर्घकालिक मूल्य का निर्माण करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे। सार्थक परिवर्तन लाने के लिए डेटा महत्वपूर्ण है 31 प्रतिशत व्यवसाय पर्यावरण पर अपनी सप्लाई चेन के प्रभाव का आकलन करने के लिए पूर्णतः अनुमानों और धारणाओं पर निर्भर हैं।

46 प्रतिशत व्यवसायों के पास अपनी बाहरी सप्लाई चेन के सस्टेनेबिलिटी के आँकड़ों की पूरी विज़िबिलिटी नहीं। प्रभावशाली डेटा एकत्रित करना और उसका विश्लेषण करना माप करने की प्रक्रिया में एक बड़ी समस्या और बाधा है। सस्टेनेबिलिटी को लाभदायक बनाना और लाभ को सस्टेनेबल बनाना 59 प्रतिशत भारतीय नेतृत्वकर्ताओं का मानना है कि पर्यावरण की रक्षा करने और लाभ के बीच सकारात्मक संबंध है।
लगभग आधे (48 प्रतिशत) भारतीय व्यवसाय मानते हैं कि अगले पाँच सालों में व्यवसायिक परिणाम प्राप्त करने के लिए पर्यावरण की समस्याओं को संबोधित करना महत्वपूर्ण होगा।

एस.ए.पी के मुताबिक 76 प्रतिशत भारतीय व्यवसायों ने कहा कि उनके हितधारक अपने संगठन के सस्टेनेबिलिटी के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कम लाभ के प्रति मध्यम या अत्यधिक सहनशील होंगे, जिससे सकारात्मक सस्टेनेबिलिटी परिणामों में निवेश का मार्ग प्रदर्शित होता है।

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