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मशहूर अभिनेता रजनीकांत को 50th.IFFI में आइकन पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा

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नयी दिल्ली - कारपेंटर से कुली और कुली से बस कंडक्टर तथा बस कंडक्टर से सुपरस्टार बने रजनीकांत की कहानी किसी फिल्म की पटकथा से कम नहीं है। उनका जन्म 12 दिसंबर 1950 को कर्नाटक के एक मराठी भाषी परिवार में हुआ था। उनका मूल नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। फिल्मों में शुरुआत करने से पूर्व उन्होंने जीवन-यापन के लिए अत्यंत संघर्ष किया। उन्होंने बैंगलोर में कर्नाटक राज्य परिवहन निगम के लिए एक बस कंडक्टर के रूप में कार्य किया। इस अवधि के दौरान, नाटकों में अभिनय के बाद एक्टिंग के प्रति उनका रुझान जगा। भारत सरकार ने प्रथम बार 'भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की स्वर्ण जयंती के प्रतीक' के रूप में एक विशेष पुरस्कार का गठन किया है, इस पुरस्कार को प्रख्यात फिल्म अभिनेता एस. रजनीकांत को प्रदान किया जाएगा। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी घोषणा की। जावड़ेकर ने कहा, “पिछले कई दशकों के दौरान भारतीय सिनेमा में उनके उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देते हुए मुझे यह घोषणा करने में अपार हर्ष का अनुभव हो रहा है कि भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 2019 की स्वर्ण जयंती के आइकन का पु

जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र, नए लद्दाख़ संघ राज्य क्षेत्र भारत के मानचित्र में

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नए लद्दाख़ संघ राज्य क्षेत्र में कारगिल तथा लेह - दो ज़िले हैं और भूतपूर्व जम्मू और कश्मीर राज्य का बाक़ी हिस्सा नए जम्मू और कश्मीर राज्य संघ क्षेत्र में है। 1947 में भूतपूर्व जम्मू और कश्मीर राज्य में निम्न 14 जिले थे – कठुआ, जम्मू, ऊधमपुर, रियासी, अनंतनाग, बारामूला, पुँछ, मीरपुर, मुज़फ़्फ़राबाद, लेह और लद्दाख़, गिलगित, गिलगित वजारत, चिल्हास और ट्राइबल टेरिटॉरी। 2019 तक भूतपूर्व जम्मू और कश्मीर की राज्य सरकार ने इन 14 ज़िलों के क्षेत्रों को पुनर्गठित करके 28 ज़िले बना दिए थे। नए जिलों के नाम निम्न प्रकार से हैं – कुपवारा, बान्दीपुर, गंडेरबल, श्रीनगर, बड़गाम, पुलवामा, शूपियान, कुलगाम, राजौरी, रामबन, डोडा, किश्‍तवार, साम्बा और कारगिल ।  संविधान के अनुच्छेद 370 को प्रभावी तौर से निराकरित करने और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 जारी करने के उपरांत भूतपूर्व जम्मू और कश्मीर राज्य, 31 अक्टूबर 2019 को, नए जम्मू कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र तथा नए लद्दाख़ संघ राज्य क्षेत्र के रूप में पुनर्गठित हो गया है। इनमे से कारगिल ज़िले को लेह और लद्दाख़ ज़िले के क्षेत्र में से अलग करके बनाया गया था। र

50th.IFFI कैलाइडोस्‍कोप उत्‍सव में दिखाई जाने वाली फिल्‍मों की घोषणा

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इस वर्ष भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍मोत्‍सव मनाया जा रहा है, जिसे एशिया महादेश के शुरूआती फिल्‍मोत्‍सवों में से एक माना जाता है। 50वें भारतीय अन्‍तर्राष्‍ट्रीय फिल्‍मोत्‍सव के दौरान भारतीय पनोरमा में 76 देशों की 200 से अधिक सर्वेश्रेष्‍ठ फिल्‍में, 26‍ फीचर फिल्‍में और 15 गैर फीचर फिल्‍में दिखाई जाएंगी। इस स्‍वर्ण जयंती आयोजन में 10,000 से अधिक लोगों और सिनेमा प्रेमियों के शामिल होने की संभावना है। 50वें भारतीय अन्‍तर्राष्‍ट्रीय फिल्‍मोत्‍सव (आईएफएफआई) ने कैलाइडोस्‍कोप उत्‍सव में दिखाई जाने वाली फिल्‍मों की सूची की घोषणा की है, जो फिल्‍मोत्‍सव का सबसे महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है। प्रत्‍येक वर्ष बेजोड़ सामग्री एवं विलक्षण फिल्‍म निर्माण के बल पर विश्‍वभर से आई फिल्‍में इस महोत्‍सव के दर्शकों के दिल-दिमाग पर अपनी-अपनी छाप छोड़ती हैं। अन्‍तर्राष्‍ट्रीय परिदृश्‍य में जिन फिल्‍मों ने धूम मचाई है, उनमें पैरासाइट, पोर्ट्रेट ऑफ ए लेडी ऑन फायर, साइनोनिम्‍स आदि शामिल हैं। 50वें आईएफएफआई के कैलाइडोस्‍कोप उत्‍सव के दौरान गोवा फिल्‍मोत्‍सव में शामिल होने वाले सिनेमा प्रेमियों के लिए विश्‍वभर की अनोखी फि

Jashn-e-Urdu-2019,Urdu Academy,Delhi

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सिखों के जनसंहार के ‘गुनाहगारों को सजा देंने की मांग 

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नई दिल्ली के जंतर मंतर पर एकत्रित होकर, 1984 में सिखों के जनसंहार की 35वीं बरसी के अवसर पर जनसभा आयोजित की गई । सभा को आयोजित करने वालों में थे लोक राज संगठन और कई दूसरे संगठन, जो उस जनसंहार के पीड़ितों को इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर और भविष्य में इस प्रकार के कांडों को रोकने के लिए जरूरी कानूनी व राजनीतिक कदमों को लागू करवाने के लिए, लम्बा तथा अडिग संघर्ष करते आये हैं।   “1984 के गुनाहगारों को सजा दें!”, “राज्य द्वारा आयोजित सांप्रदायिक हिंसा और बंटवारे की राजनीति के खिलाफ एकजुट हों!”, “एक पर हमला, सब पर हमला!” - एक बड़े बैनर पर लिखे हुए इन नारों में सभा में भाग लेने वालों की भावनाओं का समावेश था। “बांटो और राज करो की राजनीति मुर्दाबाद!”, “राज्य द्वारा आयोजित सांप्रदायिक हिंसा और राजकीय आतंकवाद को एकजुट होकर खत्म करें!”, “राजकीय आतंकवाद मुर्दाबाद!”, “हिन्दोस्तानी राज्य सांप्रदायिक है, लोग सांप्रदायिक नहीं!”, आदि जैसे नारे लिखे हुये बैनर और प्लाकार्ड कार्यकर्ताओं के हाथों में और सभा स्थल के चारों तरफ दिख रहे थे। सभा के सामूहिक रूप से आयोजक थे लोक राज संगठन, वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया, हि

INDO~NEPALसंबंध रोटी और बेटी वाला है M.ZAHID

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Child Singer Mannat & Mahak छठ गीत नए अंदाज़ में

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