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8वां अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट मणिपुर के इम्फाल में शुरू

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मणिपुर - 8वें अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट, के जरिए सतत पर्यटन को आर्थिक विकास और रोजगार के इंजन के रूप में प्रचारित किया जाएगा। यह पर्यटन को बढ़ावा देने उपायों पर चर्चा के अलावा पूर्वोत्‍तर राज्‍यों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने तथा इन राज्‍यों के साथ पड़ोसी देशों के संबंध बेहतर बनाने के लिए एक मंच भी प्रदान करेगा। दुनिया भर से और देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए खरीदार और मीडिया के लोग इस मार्ट में भाग ले रहे हैं जिससे वे उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों के विक्रेताओं के साथ सीधी बातचीत करने का अवसर मिलेगा। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कंबोडिया, चेक, दुबई, इटली, जापान, ओमान, कोरिया, म्यांमार, मलेशिया, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, सिंगापुर, स्पेन, थाईलैंड, अमेरिका, ब्रिटेन और वियतनाम जैसे देशों से आए खरीदारों की कुल 36 टीमें मार्ट में भाग ले रही हैं। भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय  पूर्वोत्तर राज्यों के साथ मिलकर 23 नवंबर से 25 नवंबर तक मणिपुर की राजधानी इम्फाल में "अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट" (आईटीएम) का आयोजन कर रही है। संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पट

भारत और ऑस्ट्रेलिया ने भूजल की भरपाई में अनुसंधान के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए

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नई दिल्ली - केंद्रीय भूजल बोर्ड ने आयोजित एक समारोह में ऑस्ट्रेलिया के 'मारवी' (मैनेजिंग एक्वीफर रीचार्ज एंड सस्टेनिंग ग्राउंडवॉटर यूज थ्रू विलेज-लेवल इंटरवेंशन) के साथ एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि जल संकट किसी एक देश का नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का मुद्दा है। उन्होंने कहा, हमारी 65 प्रतिशत निर्भरता भूजल पर है और इसमें बढ़ोतरी होती जा रही है।' उन्होंने कहा कि क्योंकि भावी पीढ़ियां इससे प्रभावित होंगी, इसलिए यह मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, जल शक्ति तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रत्तन लाल कटारिया, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग के सचिव यू. पी. सिंह, ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री डैन टेहन और भारत में ऑस्ट्रेलिया की उच्चायुक्त सुश्री इवेन मैके उपस्थित थीं। अपने संबोधन में कटारिया ने कहा कि सरकार 'जलदूत' संवर्ग बनाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा, 'भूजल का दोहन सबसे अधिक होता है, क्योंकि वह सस्ता और सुगम्य है।'  

दादा साहब फाल्के पुरस्कार रेट्रोस्पेक्टिव का उद्घाटन

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रेट्रोस्पेक्टिव भाग में पहली फिल्म 'पा' दिखाई जाएगी। अन्य दिखाई जाने वाली फिल्में हैं- शोले, दीवार, ब्लैक, पीकू तथा बदला। सिनेमा को सार्वभौमिक माध्यम बताते हुए बच्चन ने कहा कि फिल्में भाषा की सीमाओं से बाहर होती हैं। 'जब हम अंधेरा हॉल में बैठते हैं, तब अपने पड़ोस में बैठे व्यक्ति से कभी भी जाति, नस्ल, रंग नहीं पूछते। हम एक समान फिल्म का आनंद लेते हैं एक तरह के व्यंग्य पर हंसते हैं और समान भावनाओं पर रोते-चिल्लाते हैं।' उन्होंने कहा कि तेजी से खंडित हो रही दुनिया में सिनेमा जैसे कुछ माध्यम ही बचे हैं, जो एकता का दावा कर सकते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि हम लोगों को जोड़ने वाली फिल्में बनाना जारी रखेंगे।  गोवा में कला अकादमी में आयोजित दादा साहब फाल्के पुरस्कार रेट्रोस्पेक्टिव का उद्घाटन किया गया।  इस वर्ष 50वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में अमिताभ बच्चन की पुरानी फिल्में दिखाई जा रही हैं, क्योंकि उन्हें इस वर्ष के दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। आईएफएफआई 2019 में अमिताभ बच्चन की उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए एक अलग भाग में अमिताभ बच्चन क

ताजमहल में बेबी फीडिंग रूम स्थापित

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नयी दिल्ली - सरकार ने ताजमहल में बेबी फीडिंग रूम स्थापित किया है और महिला पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए देश के सभी प्रतिष्ठित स्थलों में इस तरह के बेबी फीडिंग रूम स्थापित किए जा रहे हैं। संस्कृति मंत्रालय कुछ महत्वपूर्ण भारतीय स्मारकों में विदेशी पर्यटकों की सुविधा के लिए विदेशी भाषाओं में साइन बोर्ड लगा रहा है। जलियांवाला बाग की घटना के 100वें वर्ष के अवसर पर, केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  प्रहलाद सिंह पटेल ने अमृतसर के जलियांवाला बाग की पवित्र मिट्टी से युक्त 'कलश' को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंपा। पटेल द्वारा पवित्र मिट्टी लाई गयी थी, जब उन्होंने ऐतिहासिक जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक का दौरा किया था . कलश सौंपने के बाद पटेल ने इस कदम के पीछे के दृष्टिकोण के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर पटेल ने कहा कि 'कलश' को राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली में रखा जाएगा, जिसे आम जनता देख सकेगी। उन्होंने कहा कि यह भारत के युवाओं को प्रेरित करेगा कि उनके पूर्वजों ने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपना बलिदान दिया था। उन्होंने कह

प्रदर्शनी-IFFI@50 युवाओं तथा बच्चों को शिक्षित और आकर्षित करेगा

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गोवा - प्रदर्शनी में इंटरएक्टिव डिजिटल तरीके से फिल्मों का इतिहास दिखाया गया है। 1950 और 60 के दशक से लेकर 2010 तक फिल्म यात्रा के विभिन्न पड़ावों को दिखाया गया है। यह प्रदर्शनी जनसाधारण के लिए 21 से 28 नवंबर तक सवेरे 10 बजे से रात्रि 8 बजे तक चलेगी। आईएफएफआई की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रदर्शनी IFFI@50 आईएफएफआई की 1952 में स्थापना से लेकर अभी तक की यात्रा को सम्मानित करती है। प्रदर्शनी का उद्देश्य यह दिखाना है कि आईएफएफआई किस तरह विश्व को भारतीय सिनेमा दिखाने में सहायक है और भारत को विश्व सिनेमा दिखाने के लिए एक मंच प्रदान करता है। सूचना और प्रसारण सचिव अमित खरे ने कहा है कि50वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में लगाई गई इंटरएक्टिव डिजिटल प्रदर्शनी IFFI@50 बच्चों और युवाओं को आकर्षित करेगी। खरे 50वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में इंटरएक्टिव डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी की इंटरएक्टिव क्षमता के कारण बच्चे और युवा विभिन्न प्रयासों से स्वयं सूचना प्राप्त कर सकते हैं। प्रदर्शनी में फिल्म उद्योग द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली विभिन्न नई तक

NFAI का 2020 का कैलेंडर लांच

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कैलेंडर में 24 चित्र शामिल किए गए हैं, जिनमें भारत की विभिन्न भाषाओं की फिल्मों में अभिनेताओं द्वारा उपयोग किए गए यंत्रों का संकलन है। कैलेंडर, दीवार और टेबल के लिए उपलब्ध है और इसे  www.nfai.gov.in पर ऑनलाइन बुकिंग के जरिए खरीदा जा सकता है। कैलेंडर पर एक क्यूआर  कोड दिया गया है, जिसे स्कैन करने पर चित्र और संबंधित फिल्म की जानकारी मिल सकती है। गोवा - सूचना और प्रसारण सचिव अमित खरे ने 50वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में एनएफएआई का 2020 का कैलेंडर लांच किया। उन्होंने कहा कि एनएफएआई का कैलेंडर सभी फिल्म प्रेमियों के लिए संग्रह करने योग सामग्री बनने जा रही है। इस कैलेंडर में भारतीय सिनेमा में उपयोग किए गए संगीतमय वाद्य यंत्रों को दिखाया गया है। इसमें अभिलेख से प्राप्त कुछ दुर्लभ चित्र हैं।  इस अवसर पर जाने-माने फिल्मकार सुभाष घई, शाजी करूण, राहुल रवेल, फेडरेशन ऑफ फिल्म सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष किरण सांताराम, गोवा के मुख्य सचिव परिमल राय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अपर सचिव अतुल तिवारी, ब्यूरो ऑफ आउटरिच कॉम्युनिकेशन के महानिदेशक श्री सतेन्द्र प्रकाश तथा एनएफएआई के निदेशक प्र

देश भर में UIDAI के 21 ‘आधार’ सेवा केन्‍द्र परिचालन में हैं

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नयी दिल्ली - आधार संबंधी नामांकन नि:शुल्‍क है, लेकिन आधार से मोबाइल नम्‍बर को जोड़ने, घर का पता अपडेट करने जैसे ब्‍यौरे को दर्ज करने के लिए 50 रुपये का नाममात्र शुल्‍क देना पड़ता है। आधार सेवा केन्‍द्र में बेहतरीन टोकन प्रबंधन प्रणाली कार्यरत होती है, जो लोगों को बिना किसी बाधा के नामांकन/अपडेट प्रक्रिया से संबंधित विभिन्‍न चरणों तक ले जाने के लिए उनका मार्गदर्शन करती है। भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने देश भर में 114 एकल (स्टैंडअलोन) आधार नामांकन एवं अद्यतन केन्‍द्रों को खोलने की अपनी योजना के तहत 21 आधार सेवा केन्‍द्रों (एएसके) को परिचालन में ला दिया है। ये केन्‍द्र बैंकों, डाकघरों और राज्‍य सरकारों द्वारा संचालित किये जा रहे 35,000 आधार नामांकन केन्‍द्रों के अलावा हैं। इन केन्‍द्रों में प्रति दिन 1000 तक नामांकन एवं अद्यतन अनुरोधों को संचालित करने की क्षमता है। ये केन्‍द्र सप्‍ताहांत सहित हफ्ते के सभी दिन प्रात: साढ़े नौ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक परिचालन में रहेंगे। ये केन्‍द्र केवल सार्वजनिक अवकाश के दिन बंद रहेंगे। यूआईडीएआई ने देश भर में 53 शहरों में 114 आधार स