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BJP Leader सत्य प्रकाश राणा का राज नगर वालों ने किया अभिनंदन

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औरत के होने या न होने की दुविधा Khuda ke Drbaar me Pahuncha Insaan

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फेडरेशन ऑफ फिल्म सोसाइटी ऑफ इंडिया ने ‘फोरम मंच-2019’ का आयोजन किया

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'खुला मंच' के संयोजक प्रकाश रेड्डी ने फेडरेशन के इतिहास के बारे में जानकारी दी। इस सोसाइटी को भारत के महान फिल्‍मकार सत्यजीत रे ने 1959 में की थी और इसमें 350 से अधिक फिल्म सोसाइटी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 'फोरम मंच' को 1988 में 'प्रयोग' के रूप में शुरू किया गया था और तब से यह एक नियमित कार्यक्रम बन गया है। उन्होंने कहा कि मंच, फिल्म निर्माताओं के लिए साथी फिल्म निर्माताओं, शोधकर्ताओं के साथ बातचीत करना और लेखकों को अपनी किताबें जारी करने के लिए प्रोत्साहित करने का अवसर प्रदान करता है। पिछले 31 वर्षों से 'फोरम मंच' भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्‍सव में एक नियमित कार्यक्रम रहा है। फेडरेशन ऑफ फिल्म सोसाइटी ऑफ इंडिया ने  'फोरम मंच-2019' का आयोजन किया है। इसका विषय है आईएफएफआई @ 50: फ्लैश बैक एंड मूविंग फॉरवर्ड।  फिल्म महोत्सव निदेशक और महोत्सव निदेशालय (डीएफएफ) के एडीजी चैतन्य प्रसाद, फेडरेशन ऑफ फिल्म सोसायटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष किरण शांताराम, फिल्म निर्माता और आईएफएफआई 2019 की तकनीकी समिति के अध्यक्ष ए.के बीर, किनोएटर पत्रिका, रूस के कार्यका

‘मैं 'दृष्टिहीन' शब्द का उपयोग नहीं करना चाहती-अभिनेत्री तापसी पन्‍नू

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गोवा - अभिनेत्री तापसी पन्‍नू ने कहा, 'मैं 'दृष्टिहीन' शब्द का उपयोग नहीं करना चाहती। वास्तव में आपकी अन्य इंद्रियां हमारे मुकाबले कहीं अधिक मजबूत हैं। मुझे खुशी है कि ऐसी फिल्में आप तक पहुंच सकती हैं।' उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि भविष्‍य में उानकी फिल्मों को भी ऑडियो फिल्मों में भी बदली जाएंगी। आईएफएफआई के 50वें महोत्‍सव को एक समावेशी आयोजन बनाने के लिए 'एक्सेसिबल इंडिया- एक्सेसिबल फिल्म्स' श्रेणी के तहत विशेष आवश्यकता वाली तीन फिल्मों का प्रदर्शन किया रहा है। यह आईएफएफआई, सक्षम भारत और यूनेस्को का एक संयुक्त भागीदारी है। इसका उद्देश्य ऑडियो के जरिये दिव्‍यांग लोगों के लिए समावेशी जगहों के सृजन को बढ़ावा देना है। राजकुमार हिरानी द्वारा निर्देशित 'मुन्ना भाई एमबीबीएस' के साथ इस श्रेणी का उद्घाटन हुआ। इसे इस महोत्‍सव के निदेशक चैतन्य प्रसाद, ईएसजी के वाइस-चेयरमैन सुभाष फलदेसाई, ईएसजी के सीईओ अमित सतीजा और अभिनेत्री तापसी पन्नू ने लॉन्च किया। इस कार्यक्रम में लोकविश्‍वास प्रतिष्‍ठान, दृष्टिहीन स्कूल, पोंडा और नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड के छात्रों ने भाग ल

मां की मृत्यु पर तुम चले जाओ मैं पिता की मृत्यु पर चला जाऊंगा

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हमारे बुजुर्ग एक कहानी सुनाया करते थे। श्रवण कुमा र और उनके अंधे माता की। तब उस कहानी का अर्थ हमें नहीं आता था।मग्गा धरती,उसका नाम आता था। जिसका अर्थ "बेपीर धरती"था। कहते थे उसमें ही महाभारत का युद्ध लड़ा गया। जो चंद धरती के लिए लड़ी गई। उसमें भाई भाई आपस में लड़ें ,नारी धर्म की रक्षा तो दूर उसे भरी सभा में वस्त्र हीन करना बहादुरी  दिखाना था।          कहानी आगे कहती है कि श्रवण कांवर में रख कर माता पिता को देशाटन करवाया करते थे।जब वे इस धरती से गुजर रहे थे तब उनका मन भ्रांति में फंस गया कि इन्हें कंधे में लादकर ले जा कर मुझे क्या लाभ है। अच्छा है इन्हें किसी कुंए बावड़ी में डाल दूं, इसी उहापोह में वह अगली धरती में पग बढ़ाने लगा, उसकी तंद्रा टूटी माता पिता को झटके के साथ कुछ आभास हुआ तो पूछ बैठे बेटा क्या हुआ तब श्रवण ने मन की बात कह डाली कि मेरे मन में पाप  बैठ गया था ,वे बोले यह तुम्हारा दोष नहीं इस धरती का कसूर है।        यही कहानियां हमने पढ़ी और पढ़ाई हैं किंतु आज हम देखते हैं कि वे श्रवण पूरी तरह बदल गये हैं। मैं ऐसे लोगों को जानता हूं जिनकी कहानी आहत करने वाली है। सिद्ध

प्रतिष्ठित और चर्चित लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ उनकी कथाकृति स्वप्नपाश के लिए 28वें बिहारी पुरस्कार से सम्मानित

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जयपुर - के. के.बिरला फाउंडेशन की ओर से हिंदी की प्रतिष्ठितऔर चर्चित लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ को उनकी कथाकृति स्वप्नपाश के लिए 28वें बिहारी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुरस्कार हिन्दी की प्रसिद्ध साहित्यकार ममता कालिया तथा चयन समिति के अध्यक्ष ओम थानवी द्वारा एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया । जयपुर की प्रसिद्ध लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ के हिन्दी उपन्यास 'स्वप्नपाश' का प्रकाशन वर्ष 2016 है। 'स्वप्नपाश' मनीषा कुलश्रेष्ठ के पिछले उपन्यासों से एकदम अलग किस्म का उपन्यास है जिसकी नायिका शिजोफ्रेनिया की शिकार है। इस पुरस्कार के तहत एक प्रशस्ति पत्र, एक प्रतीक चिह्न और ढाई लाख रुपये की राशि भेंट की जाती है। इस पुरस्कार की शुरूआत 1991 में की गई थी।

सरकारी ई-बाजार - जेम और दिल्‍ली सरकार के बीच समझौता

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नयी दिल्ली - भारत सरकार के वाणिज्य विभाग द्वारा गठित सरकारी ई-बाजार एक अत्‍याधुनिक सार्वजनिक खरीद का मंच है। जो सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए सरकारी उपभोक्‍ताओं की सुविधा के लिए ई-बोली प्रक्रिया, रिवर्स ई-नीलामी और मांग में सामंजस्‍य बनाए रखने के तौर-तरीके उपलब्‍ध कराता है। पोर्टल पर 40 हजार से अधिक खरीदार संगठन और 3 लाख से अधिक विक्रेता और सेवा प्रदाता पंजीकृत हैं। इसके अलावा, लगभग 15 लाख उत्पाद और सेवाएँ जिनमें 3,000 से अधिक उत्पाद श्रेणियां हैं, जीईएम पर उपलब्ध हैं। पोर्टल द्वारा प्रदान की जाने वाली पारदर्शिता, दक्षता और समावेशिता की पहल ने सरकारी संगठनों के लिए औसतन 15 - 25% की बचत की है। सरकारी ई-बाजार (जीईएम) ने दिल्ली के खरीदार संगठनों को बाजार आधारित खरीद की सुविधा उपलब्‍ध कराने के लिए दिल्ली सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए हैं। दिल्ली लगातार सरकारी ई-बाजार पर शीर्ष खरीदारों में से एक रही है। समझौता ज्ञापन दोनों संस्थाओं की खरीद प्रक्रिया के निर्देशों और प्रणालियों के बीच सामंजस्य को और बेहतर बनाएगा जिससे खरीद प्रक्रिया आसान और