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नारी संवेदना की पराकाष्ठा को स्पर्श करती "बेटियाँ"

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घर आती हूँ तो तू नज़र नही आती, खिलखिलाती तेरी  हँसी ,सुनाई नही देती दूर जाने का गम,महसूस न होने दिया  माँ बेटी का रिश्ता दूर जाकर महसूस करा दिया । तेरे इशारों को देखा- अनदेखा कर देती थी खुदा से माफी माँगू,या गम में रहूं खुद  समझने का कोई वक्त न निकाल पाई, बहुत प्यार करती थी तुमसे, पर कभी बता नही पाई •••••( इसी संग्रह से ) बात यों शुरू करूं तो किसी  को कोई आपत्ति नही  होनी चाहिए कि इस संकलन को संपादित कर प्रकाशित करने की क्या जरूरत  थी लेखिका को ,वो भी एक ही विषय "बेटियों " पर ? मैं  यहाँ बताना चाहूंगी कि इस संकलन में देश भर से आई रचनाकारों की चयनित रचनाएं हैं । यह संकलन बेटियों को समर्पित है। नारी मन  अत्यंत संवेदनशील  होता है इसमें कोई संदेह नहीं, लेकिन यहां पर नारी होने के साथ- साथ एक माँ का हृदय भी समाहित है। सविता चड्ढा ने यह संपादित अंक  अपनी बेटी ' शिल्पी चड्ढा ' की स्मृति में निकाला है । अपने आत्मीय जनों को खो देने की पीड़ा वही समझ सकता है जो इस पीड़ा से गुजरा हो। ऐसी ही पीड़ा को झेला है सविता चड्ढा ने। जिनकी आत्मजा असमय ही काल का ग्रास बन गई थी। पर लेखिका ने

NSE ने बीएफएसआई उद्योग के लिए पेश किया एनएसई नॉलेज हब

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नयी दिल्ली - नेशनल स्टॉक एक्सचेंज देश में वित्तीय शिक्षा प्रदान करने के मामले में अग्रणी भूमिका में रहा है और स्कूल, कॉलेज और संगठनों के साथ इसके गठजोड़ से पूँजी बाज़ार में 20 लाख से अधिक प्रमाणित पेशेवर आये हैं और 32 लाख से अधिक छात्र पर्सनल फाइनेंस और निवेश की आधारभूत बातें सीख रहें हैं। एनएएल तमिलनाडु, गोवा, हिमाचल प्रदेश, नागालैंड, गुजरात और पंजाब में स्कूल वित्तीय शिक्षा मिशन को सहायता प्रदान करती है और इसके अलावा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई)  के साथ भी इसका गठजोड़ है जहाँ इसका वित्तीय बाज़ार प्रबंधन कार्यक्रम माध्यमिक और उच्च माध्यमिक छात्रों को वित्त और इससे जुड़े विषयों के लिए तैयार और शिक्षित करती है। एनएएल भारतीय बीएफएआई क्षेत्र कौशल परिषद (बीएफएसआई सेक्टर स्किल्स कौंसिल ऑफ़ इंडिया) की संस्थापक सदस्य है और यह भारतीय एवं वैश्विक शैक्षणिक तथा प्रमाणन संस्थाओं, मसलन इंस्टिट्यूट ऑफ़ कंपनी सेक्रेटरीज, इंडिया (आईसीएसआई), महाराष्ट्र नॉलेज कारपोरेशन लिमिटेड (एमकेसीएल), ड्यूक कॉर्पोरेट एजुकेशन, यूएसए, डीकिन यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया, फाइनेंसियल प्लानिंग स्टैंडर्ड बोर्ड लिमिटेड, यू

IIFL फाइनेंस ने लोगों को सिखाया ‘‘फ्यूचर का गणित’

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नयी दिल्ली -भारत की सबसे बड़ी नाॅन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों में से एक, आईआईएफएल फाइनेंस ने आईआईएफएल फाउंडेशन के साथ मिलकर ‘‘मिलन’’ बैनर तले कई सामुदायिक गतिविधियां आयोजित की। इन गतिविधियों का आयोजन कंपनी की शाखाओं में व्यापक रूप से किया गया। इन गतिविधियों से समुदायों पर सकारात्मक असर पड़ता है और ये स्थानीय समुदायों व समाज के प्रति अपने दायित्वों के निर्वहन के आईआईएफएल के मिशन का हिस्सा हैं। आईआईएफएल का मानना है कि परिवार के वित्तीय भविष्य की तैयारी अत्यंत महत्वपूर्ण है और इनसे परिवार के उद्देश्यों को पूरा करने में मदद मिलती है। इस मिशन की दिशा में, आईआईएफएल फाइनेंस ने 21 दिसंबर, 2019 को देश के 900 से अधिक शहरों में स्थित आईआईएफएल की 1,100 से अधिक शाखाओं में एक ही दिन ‘‘फ्यूचर का गणित’’ कार्यशालाएं आयोजित की। इन कार्यक्रमों के जरिए बताया गया कि वित्तीय प्लानिंग का संबंध केवल बचत से ही नहीं है, बल्कि इसमें सावधानीपूर्वक मनी मैनेजमेंट के साथ विभिन्न वृद्धिकारी एवं कर-बचतकारी उपकरणों में निवेश भी शामिल है। सौरभ कुमार,हेड,गोल्ड लोन्स ने बताया, ‘‘आईआईएफएल फाइनेंस एक जिम्मेवार कंपनी है, जो ईएस

विश्व ब्रेल दिवस : दृष्टि दिव्यांगों ने ब्रेल लिपि में समाचार पढ़े

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नयी दिल्ली - आकाशवाणी समाचार की प्रधान महानिदेशक इरा जोशी ने कहा कि आकाशवाणी एक समावेशी माध्यम है और दृष्टि दिव्यांगजनों तक इसकी पहुंच सबसे आसान है। उन्होंने कहा कि ब्रेल दिवस जैसे अवसर हमें समावेशी और सुगम्य समाज बनाने के प्रति पुनःसमर्पण का मौका देते हैं। उन्होंने कहा कि दृष्टिबाधित लोगों को समाचार संकलन का हिस्सा बनाने से न केवल उनमें आत्मविश्वास पैदा होता है बल्कि श्रोताओं और समाचार कक्ष में अन्य लोगों को दिव्यांगजनों की जरूरतों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है। आकाशवाणी समाचार और पुणे एवं नागपुर की क्षेत्रीय इकाइयों ने दृष्टि-बाधित छात्रों और अधिकारियों द्वारा समाचारों का प्रसारण करके विश्व ब्रेल दिवस को अभिनव तरीके से मनाया। समाचार को ब्रेल में लिपिबद्ध किया गया था और इन्हें लाइव पढ़ा गया।  दिल्ली से पांच मिनट का हिंदी बुलेटिन दृष्टिबाधित अधिकारी कमल प्रजापति ने पढ़ा। मराठी में समाचारों का पुणे से लाइव प्रसारण हुआ और इसे दृष्टि बाधित छात्रों गुलाब काम्बले एवं कविता गवली द्वारा प्रस्तुत किया गया। ये छात्र पुणे ब्लाइंड मेन्स एसोसिएशन के थे। आकाशवाणी का पुणे केन्द्र 2016 से ब्रेल

अंकित कुमार सर्वश्रेष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता सम्मान से सम्मानित

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नयी दिल्ली - समाजसेवा के क्षेत्र में उभरते हुए युवा आइकन हैं अंकित कुमार। दिल्ली में एक समारोह में उत्तराखंड के भूतपूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा अंकित कुमार को सर्वश्रेष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता सम्मान से सम्मानित किया गया। मात्र 21 वर्ष की छोटी सी उम्र में अंकित कुमार ने स्वयं की  सामाजिक संस्था केयरनीडी फाउंडेशन की स्थापना की।यह संस्था समाज में महिलाओं की भूमिका को सशक्त बनाने और बच्चों की उचित शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान कर रही है। इस मौके पर हरीश रावत ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि युवा देश का भविष्य है। ऐसे युवा जो समाज के विकास में सकारात्मक योगदान कर रहे हैं हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम उनके इस प्रयास को सफल बनाने में मदद करें।इस मौके पर  रावत ने कहा कि उनका पूरा सहयोग केयरनीडी फाउंडेशन के साथ है।

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तक मेला होगा

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नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला यकीनन एशिया का सबसे बड़ा पुस्तक मेला है और उन्हें उम्मीद थी कि यह मेला जल्द ही दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तक मेला बन जाएगा। नयी दिल्ली - विदेशी मंडप (हॉल 7 ए बी सी) में अबूधाबी, चीन, मिश्र, फ्रांस, जर्मनी, डेनमार्क, ईरान, जापान, इटली, मेक्सिको, शारजाह, नेपाल, पोलैंड, सऊदी अरब, सिंगापुर, स्पेन, श्रीलंका, लैटिन अमेरिका व कैरिबियन देश, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटैन, सहित 20 से अधिक देश भाग ले रहे हैं। यह प्रदर्शक नई दिल्ली प्रतिलिप्याधिकार मंच और इंटरनेशनल इवेंट्स कॉर्नर में भी भाग लेंगे। इसके अलावा बी – 2 – बी गतिविधियां, विशेष फोटो प्रदर्शनियां भी आयोजित की जा रही है।       केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने प्रगति मैदान में नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2020 (एनडीडब्ल्यूबीएफ) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रख्यात गांधीवादी विद्वान गिरीश्वर मिश्र, नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो. गोविंद प्रसाद शर्मा, मानव संसाधन विकास  मंत्रालय के  संयुक्त सचिव मदन मोहन, भारतीय व्यापार संवर्धन संस्थान (आईटीपीओ) के कार्यकारी निदेशक राजेश अग्रवाल और

देश का भविष्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर निर्भर है

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रसायन विज्ञान में 2009 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित इज़राइल की प्रोफेसर, एडा योनाथ ने बच्चों को सलाह दी कि विज्ञान में वह सब कुछ नहीं होगा जिस तरह से वे चाहते हैं और उन्हें अप्रत्याशित के लिए तैयार रहना चाहिए। "भले ही चीजें आपके रास्ते पर नहीं जाती हैं, अपने आप पर विश्वास करें और दूसरों की सलाह न देखें।" उन्होंने कहा कि बचपन में वह एक शौक के रूप में विज्ञान पढ़ना चाहती थी और उन्होंने अपनी बालकनी की छत की ऊंचाई को मापने के लिए अपना प्रयोग निर्धारित किया था। बेंगलुरु -भारत रत्न, प्रोफेसर सी. एन. आर. राव ने राष्ट्रीय कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय में आयोजित 107वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस के एक हिस्से के रूप में, राष्ट्रीय किशोर विज्ञान सम्मेलन (बाल विज्ञान कांग्रेस) के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि देश का भविष्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर निर्भर है और विज्ञान का भविष्य उन बच्चों पर टिका है जो अपनी मेहनत और ईमानदारी से विज्ञान में चमत्कार कर सकते हैं। भारत और विदेश के प्रख्यात वैज्ञानिकों ने कार्यक्रम में उपस्थित कई बच्चों से मुलाकात की और उन्हें खुद पर विश्वास करने और