अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस : सभी लोगों,समुदायों,क्षेत्र व देशों की मातृभाषा को संरक्षण प्रदान करने के लिए
लाल बिहारी लाल यूनेस्को ने 17 नवंबर 1999 को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाए जाने की घोषणा की थी क्योंकि 21 फरवरी 1952 को ढाका यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तत्कालीन पाकिस्तान सरकार की भाषायी नीति का कड़ा विरोध जताते हुए अपनी मातृभाषा (बंगाली भाषा) के अस्तित्व बनाए रखने के लिए आंदोलन शुरु किया। पाकिस्तान की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी लेकिन लगातार विरोध जारी रहा आखिर सरकार को बांग्ला भाषा को आधिकारिक दर्जा देना पड़ा। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, दुनिया में बोली जाने वाली कुल भाषाएं लगभग 6900 से उपर है। इनमें से 90 फीसद भाषाएं बोलने वालों की संख्या एक लाख से कम है यानी विलुप्ती के कगार पर है । दुनिया की कुल आबादी में तकरीबन 60 फीसद लोग 30 प्रमुख भाषाएं बोलते हैं, जिनमें से दस सर्वाधिक बोले जानी वाली भाषाओं में-जापानी, अंग्रेजी, रूसी, बांग्ला, पुर्तगाली, अरबी, पंजाबी, मंदारिन, हिंदी और स्पैनिश है। भारत में 29 भाषाएँ ऐसी है उनको बोलने वालों की संख्या दस लाख से अधिक है। भारत में 7 ऐसी भाषाएँ है जिनको बोलने वालों की संख्या