स्कूल सील 1400 बच्चों का भविष्य अंधकार में
नयी दिल्ली - इंसानियत का सबसे वीभत्स रूप तब होता है जब इंसान ही इंसान को मारने से नहीं चूकता और उसके चेहरे पर डर, खौफ और बदले की भावना व अपनों को खोने का डर साफ़ झलकने लगता है, ऐसा ही हुआ कुछ दिन पहले पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में जहाँ साम्प्रदायिक दंगे हुए, इन दंगों में लाखों करोड़ो का नुक्सान हुआ और उस सबसे बढ़कर कई लोगों की जान गई, कई लोगों का घर उजड़ा, इसी के साथ साथ उस क्षेत्र के स्कूलों पर भी हमला किया गया जिसमें राजधानी पब्लिक स्कूल भी शामिल है इस स्कूल में दंगाइयों ने स्कूल की कई गाड़ियां जला दी, स्कूल की खिड़कियों पर भी पत्थर मारें यहाँ तक की पूरा स्कूल तहस नहस कर दिया और इनसबसे बढ़कर 500 - 600 दंगाई स्कूल में घुस गए और उन्होंने इस स्कूल को हथियार बना कर यहाँ से पत्थरबाज़ी की। इस स्कूल को 6 मार्च को सील कर दिया गया है जबकि 12 मार्च से यहाँ पर छठीं कक्षा से बारहवीं कक्षा तक की परीक्षा शुरू होनी है, जिसमें लगभग 1400 बच्चों का भविष्य अंधकार में बना हुआ है, हम क्या करे किसके पास जाए क्योंकि स्कूल सील होने के बाद बच्चों की परीक्षा कैसे ली जाएगी, बच्चों का भविष्य इस समय अंधकार में नज़र