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क्यों जी कहां हो क्या हो रहा है कहने वाले चितरंजन जी नहीं रहे

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महाश्वेता देवी के शब्दों में आंदोलन यानी चितरंजन सिंह आपातकाल की बरसी पर हम सबको छोड़कर चले गए. मानवाधिकार-लोकतांत्रिक अधिकार आंदोलन से जुड़े तो यूपी के किसी जिले में शुरुआती दौर में किसी प्रशासनिक या पत्रकारिता से जुड़े शख्श से मनवाधिकारों की बात आते ही चितरंजन सिंह का नाम आ जाता था. कंधे पर गमछा डाले हल्की सी मुस्कराहट लिए हुए चितरंजन जी का महीने-तीन महीनें में फोन आ ही जाता था. पिछली बार पिछले साल आया कि कहां हो भतीजे की शादी पटना में है आना है और कुछ बातें. बलवन्त भाई से बात हुई तो पटना के महेंद्र भाई के साथ गए. पर अफसोस कि उस दिन भी तबीयत ठीक न होने के चलते चितरंजन जी से मुलाकात न हो सकी.पिछले दिनों बलवन्त भाई ने उनकी तबीयत के बारे में बताया तो लक्ष्मण प्रसाद भाई से बात हुई तो वे चित्रकूट से आए तो उनके साथ बलिया आना हुआ. इमरान भाई और राम प्रकाश जी के साथ जब उनके गांव सुल्तानपुर गए तो घर पर खामोशी छाई हुई थी. मनियर से रामप्रकाश जी भी साथ हो गए जो चितरंजन सिंह के साथ इलाहाबाद विश्वविद्यालय से लेकर लम्बे समय तक साथ-साथ काम कर चुके हैं. उनके भाई मनोरंजन सिंह जी ने थोड़ी देर बाद बरामदे के

Uttarakhand गाँव के लोग चीड़ के पेड़ों से परेशान

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हिमालय को नज़दीक से देखना है तो यहां आइए

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अब APP से मिला करेगा BLOOD

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इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी के ‘ईब्‍लडसर्विसेस’ मोबाइल ऐप से ब्लडयूनिट हासिल करना होगा आसान

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नयी दिल्ली - एनएचक्‍यू ब्लड बैंक ने 2896 यूनिट रक्त एकत्र करने वाले 55 रक्तदान शिविर आयोजित किए। लॉकडाउन अवधि के दौरान कुल 5221 यूनिटरक्‍त एकत्र किया गया। 7113 रोगियों को रक्त जारी किया गया है, जिसमें 2923 थैलेसेमिया रोगियों के साथ-साथ सरकारी अस्पताल जैसे एम्स दिल्ली (378 यूनिट) और लेडी हार्डिंग (624 यूनिट) शामिल हैं। इसके अलावा, आईआरसीएसने 3,00,00,000 से अधिक पका हुआ भोजन बांटा हैऔर 11,00,000 से अधिक परिवारों को राशन प्रदान किया है केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये, इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी (आईसीआरएस) द्वारा विकसित मोबाइल ऐप ‘ईब्‍लडसर्विसेस’ की शुरूआत की।  इस एप्‍लीकेशन को डिजिटल इंडिया योजना के अंतर्गत सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस कंप्यूटिंग (सीडैक) की ई-रक्तकोष टीम ने विकसित किया है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा,“ यह रक्तदान ऐप इस बात का एक प्रमुख उदाहरण है कि डिजिटल इंडिया योजना किस प्रकार रक्त सेवाओं तक पहुँचने की आवश्यकता को पूरा कर रही है।” उन्होंने कहा कि "कई लोगों को परिवार में स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी कुछ परिस्थितियां होन

संजीवनम आयुर्वेद अस्पताल “अयूर डायमंड स्टार क्लासिफिकेशन” से सम्मानित

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केरल  : संजीवनम आयुर्वेद अस्पताल, नए युग का आयुर्वेद अस्पताल जो चिकित्सा की आधुनिक अवधारणाओं को बेहतरीन तरीके से संयोजित किए हुए है, को  यह घोषणा करते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि यह केरल का पहला आयुर्वेदिक अस्पताल बन गया है जिसने अयूर डायमंड स्टार क्लासिफिकेशन हासिल किया है. पर्यटन विभाग, केरल सरकार द्वारा उसे ये मान्यता मिली है. यह मान्यता अस्पताल द्वारा प्रदान किए जाने वाले उपचार और सेवाओं की गुणवत्ता का परिचायक है. अयूर डायमंड आयुर्वेद अस्पतालों को प्रदान किया जाने वाला सर्वोच्च क्लासिफिकेशन है, जो राज्य के पर्यटन विभाग द्वारा निर्धारित सभी आवश्यक शर्तों को पूरा करने पर दिया जाता है. इन शर्तों में योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक, उच्च-गुणवत्ता वाले उपचार/कार्यक्रम और दवाएं, स्वच्छता और स्वच्छ उपकरण, पर्यावरण, सुविधाएं और बुनियादी ढांचे आदि शामिल हैं. यह प्रमाणन सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेदिक उपचार, डॉक्टरों और टीम की गुणवत्ता और दक्षता प्रदान करने की संजीवनम की प्रतिबद्धता की स्वीकारोक्ति है. एवीए समूह के प्रबंध निदेशक डॉ ए.वी. अनूप ने कहा, “पर्यटन विभाग द्वारा उच्चतम क्लासिफिकेशन के साथ सम्मानि

शैक्षणिक सफलता में अपने पिता की भूमिका को सकारात्मक मानते हैं 76.3% छात्र

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नयी दिल्ली : फादर्स डे की पृष्ठभूमि में ब्रेनली ने एक बच्चे की शिक्षा में पिता की भूमिका का आकलन करने के लिए अपने भारतीय यूजर बेस के बीच सर्वेक्षण किया। छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए दुनिया के सबसे बड़े ऑनलाइन शिक्षण मंच ब्रेनली ने 2,137 प्रतिभागियों से प्राप्त प्रतिक्रियाओं के जरिये दिलचस्प जानकारी हासिल की। वर्तमान स्थिति का आकलन करने और भारतीय छात्रों व अभिभावकों से जानकारी साझा करने के लिए ब्रेनली नियमित रूप से अपने प्लेटफॉर्म पर समय-प्रासंगिक सर्वेक्षण करता है। ब्रेनली के तीन-चौथाई से अधिक यूजर्स (76.3%) ने स्वीकार किया कि पिता अपने बच्चों की शैक्षणिक सफलता में अभिन्न भूमिका निभाते हैं। ब्रेनली ने यह भी जांचा कि क्या देशव्यापी लॉकडाउन के कारण पिताओं की भागीदारी बढ़ गई थी, और इसके सकारात्मक परिणाम मिले। उत्तरदाताओं के लगभग पांचवें हिस्से (21.4%) ने कहा कि हाल ही में उनके पिता की भागीदारी बढ़ गई थी। बड़ी संख्या में छात्रों (48.6%) ने भी कहा कि शिक्षाविदों में उनके पिता की भागीदारी लॉकडाउन से पहले और उसके बाद के दोनों परिदृश्यों के दौरान समान रही। 48% यानी सर्वेक्षण में भाग