यूपीएसएसएफ लोकतांत्रिक आवाजों को कुचलने का औजार
बिना किसी वारंट के यूपी एसएसएफ के पास किसी को भी गिरफ्तार करने या किसी की भी तलाशी लेने का अधिकार देने का मतलब ही होता है कि जनता के नागरिक अधिकारों में उसी अनुपात में कटौती करना। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी पुलिस बिना वारंट तलाशी और गिरफ्तारी जैसे गैर कानूनी गतिविधियां अंजाम देती रही है लखनऊ , रिहाई मंच ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विशेषाधिकार प्राप्त स्पेशल टास्क फोर्स के गठन को अलोकतांत्रिक कदम बताते हुए कहा कि इसे जिस प्रकार के अधिकार दिए गए हैं उससे जाहिर होता है कि इसका प्रयोग राजनीतिक विरोध को कुचलने पूंजीपतियों द्वारा जन साधारण के शोषण का कानूनी अधिकार देने जैसा है। मंच ने दिल्ली स्पेशल द्वारा संविधानवादी युवा नेता उमर खालिद को दिल्ली दंगों का मास्टर माइंड बताते हुए यूएपीए जैसे क्रूर कानून प्रावधान के तहत गिरफ्तारी की निंदा करते हुए तत्काल रिहाई की मांग की। रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा इसका सबसे अधिक शिकार वैचारिक और राजनीतिक विरोधियों और वंचित समाज को बनाया जाता रहा है। यूपी एसएसएफ के गठन को उसे वैधानिक बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है। यूपी एसएसएफ का इस्तेम