लोकतंत्र के मंत्र की गूँजे है आवाज़
० सुषमा भंडारी ० पाँडव, पृथ्वीराज ने किया यहाँ पर राज। विकसित विस्तृत की धरा मंदिर - मस्जिद - ताज़।। दिल्ली भारत देश में करती आई राज। लोकतंत्र के मंत्र की गूँजे है आवाज़ ।। भारत की सरकार में दिल्ली है सिरमौर। जन- जन में दिल्ली बसे सबको देती ठोर।। भगवां मेरे देश का है इतिहासिक रंग। चहुँदिश लहराते दिखे मुझको तीनों रंग।।