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देश-दुनिया का ध्यान आकर्षित करेगा मिलेट्स महोत्सव-शिक्षा एवं कला-संस्कृति मंत्री कल्ला ने किया पोस्टर का विमोचन

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० संवाददाता द्वारा ०  जयपुर । संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 2023 को इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर के रूप में मनाने की घोषणा के बाद जयपुर में आयोजित होने वाले आठ दिवसीय मैजिक मिलेट्स महोत्सव-2023 के पोस्टर का राजस्थान सरकार के शिक्षा एवं कला-संस्कृति मंत्री बी.डी. कल्ला ने विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह कायर्कम देश-दुनिया का ध्यान राजस्थान की ओर खींचने में सफल होगा। उन्होंने कहा कि फेस्टिवल के आयोजन में उनकी ओर से पूरी सहायता की जाएगी। फेस्टिवल के आयोजक लोक संवाद संस्थान के सचिव कल्याण सिंह कोठारी ने कल्ला को कार्यक्रम की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। गौरतलब है कि यूनिसेफ-राजस्थान सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय संस्थाओं के सहयोग से 25 सितंबर से 2 अक्टूबर, 2023 तक गुलाबी नगरी में मिलेट्स फेस्टिवल आयोजित किया जाएगा। फेस्टिवल की थीम मिलेट्स का मैजिक: दमदार मिलेट्स रखी गई है। फेस्टिवल के दौरान जन भागीदारी से जन आंदोलन के तहत कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

Subhash Chandra Bose Jaynti समाज व देश भ्रष्टाचार मुक्त हो { Qutub Mail }

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नेताजी की जयंती पर समाज व देश भ्रष्टाचार मुक्त हो : सोलंकी

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली -नेताजी सुभाष चंद्र बोस की १२६ वीं जयंती सोल्लस संपन्न हुई। द्वारका मोड़ स्थित दी पर्ल पैलेस सभागार में आयोजित कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रूप में चौधरी सुरेंदर सिंह सोलंकी ,प्रधान पालम ३६० गांव उपस्थित थे। इनके अतिरिक्त डॉक्टर एन सी शर्मा,प्रेसिडेंट ,द्वारका कोर्ट बार एसोसिएशन तथा कई गांवों के प्रधान तथा संभ्रांत नागरिक उपस्थित थे। मुनी इंटर नेशनल स्कूल मोहन गार्डन के विद्यार्थियों ने देश भक्ति के गीत गाए। दिगंत स्टूडियो के कलाकार नितिन मिश्रा एवम श्रेया वर्मा ने देश भक्ति के गाने गाकर लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया । कई जन प्रतिनिधि एवम संभ्रांत नागरिक सम्मानित किए गए। सुरेंद्र सोलंकी ने नेताजी के किए गए कार्यों पर विस्तृत प्रकाश डाला। द्वारका की निगम पार्षद कमलजीत सहरावत ने नेताजी की याद में कई संमरण सुनाए एवम युवाओं को उनके पद चिन्हों पर चलने को प्रेरित किया।एडवोकेट राकेश कुमार ने युवाओं को नेताजी के बारे में पूरी जानकारी लेने को कहा ।आयोजक ,रणबीर सिंह सोलंकी ने ३० वर्ष पूर्व से नेताजी की जयंती मनाने के उद्देश्यों के बारे में चर्चा की।उन्होंने कहा कि आज

मोहाली भारत में मोबाइल गेमर्स में 7130% की जबरदस्त वृद्धि दर्ज

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली : मोबाइल ईस्पोर्ट्स और डिजिटल गेमिंग, मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) द्वारा  जारी इंडिया मोबाइल गेमिंग रिपोर्ट (आईएमजीआर) 2022 नामक  रिपोर्ट के अनुसार, 2022 बनाम 2021 में 53% की वृद्धि दर्ज करते हुए, पंजाब में मोबाइल गेमर्स में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। प्लैटफ़ॉर्म। सूची में शामिल अन्य शहरों में उड़ीसा (55%), तमिलनाडु (42%), पुडुचेरी (38%) और हिमाचल प्रदेश (23%) शामिल हैं। रिपोर्ट में आगे बताया गया है उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार और पश्चिम बंगाल सबसे अधिक मोबाइल गेमर्स के साथ टॉप 5 राज्यों के रूप में उभरे हैं। गेमर्स में सबसे अधिक वृद्धि देखने वाले शहरों में पंजाब दूसरे स्थान पर है। यहां मोहाली इसका केंद्र है जो भारत में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला शहर है, मोबाइल गेमर्स में 2021 की तुलना में 2022 में 7130% की भारी वृद्धि दर्ज की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में मोबाइल गेमर्स में प्रभावशाली वृद्धि दर्ज करने के लिए प्रशासनिक और वाणिज्यिक केंद्र में मोहाली के साथ मलेरकोटला , फाजिल्का , दीनानगर , ब्यास, शाहकोट और समराला भी जुड़ गए हैं।इस उपयोगकर्

'दिल्ली चलो' अटूट राष्ट्रीयता तथा आत्मविश्वास का नारा

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली,  भारतीय भाषाओं के महत्त्व को नेताजी भी समझते थे । यही कारण है कि आजाद हिन्द रेडियो की सन् 1942में स्थापना कर गुजराती,मराठी, बांग्ला,पश्तो तमिल, फारसी , तेलगू तथा अंग्रेजी भाषाओं के माध्यम से भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम की गाथाओं तथा समाचारों के बुलेटिन को प्रसारित करना आरंभ किया गया था। उनके द्वारा दिये गये नारे -'दिल्ली चलो ' आदि वस्तुत: उनके अटूट राष्ट्रीय भावना तथा अदम्य उत्साह और साहस का प्रतीक माना जा सकता है । केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली के कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी ने कालजयी स्वतन्त्रता सेनानी नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की जयन्ती के उपलक्ष्य पर  छात्र छात्राओं को बधाई देते उन्हें निर्भीक तथा सच्चा सपूत और देश के लिए प्रेरणा स्तम्भ कहा है । उनके इस जयन्ती को पराक्रम दिवस के रुप में मनाने की बहुत ही अधिक प्रासंगिकता है । नेताजी विकट और विषम स्थितियों में भी भारतमाता की स्वतंत्रता के लिए देश के अन्दर तथा विदेशों में भी अंग्रेजों को लोहे के चने चबाने के लिए बाध्य किया ।  उन्होंने पेशावर तथा अफगानिस्तान के रास्ते बर्लिन जा कर वर्मा में भ

आइकोनिक जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का समापन विचारोत्तेजक संवादों के साथ

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० आशा पटेल ०  जयपुर : फेस्टिवल के अंतिम दिन की शुरुआत मिक्स्ड नोट के साथ पांचवें दिन के जबरदस्त प्रोग्राम का उत्साह था, फेस्टिवल का अंतिम दिन होने की सुबह संगीत दिया सौरवब्राता चक्रवर्ती ने और पखावज पर उनका साथ दिया ऐश्वर्य अयादी ने|  ‘द वर्ल्ड: ए फैमिली हिस्ट्री ऑफ़ ह्यूमैनिटी’ में ब्रिटिश इतिहासकार सिमोन सीबेग ने अपने अभी तक के प्रकाशित काम और आने वाली किताब के माध्यम से दुनिया के इतिहास का तथ्यात्मक और दिलचस्प ब्यौरा दिया| सीबेग दुनिया में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले लेखकों/इतिहासकारों की सूची में आते हैं| इस सत्र में उनसे संवाद करने के लिए मौजूद थे लेखक व इतिहासकार त्रिपुरदमन सिंह| चर्चा शुरू करते हुए त्रिपुरदमन ने कहा, “हम सभी जानते हैं कि इतिहास एक ब्लैक होल, एक अथाह सागर की तरह है... फिर उसमें से आप अपने पसंद की किरदारों या घटनाओं का चुनाव कैसे करते हैं?” सीबेग ने कहा, “मैं उन परिवारों का चयन करता हूँ, जो मुझे आकर्षित करते हैं... जिनकी कहानियां मुझे बेचैन कर देती हैं|” सीबेग ने सोवियत यूनियन के पतन, ओटोमन साम्राज्य, स्टालिन, इतिहास के खलनायकों के बारे में विस्तार से लिखा है| उनकी आ

हेमंत फाउंडेशन एवं अंतर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन।

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०  मुज़फ़्फ़र सिद्दीकी ०  भोपाल  - नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेंनिंग एंड रिसर्च, श्यामला हिल्स भोपाल  में हेमंत फाउंडेशन एवं अंतर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच द्वारा राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया।  अपने स्वागत वक्तव्य में संस्था की संस्थापक अध्यक्ष वरिष्ठ लेखिका संतोष श्रीवास्तव ने कहा"21 वर्षों से लगातार पुरस्कार को बनाए रखना टेढ़ी खीर है ।सबसे ज्यादा संकट तो आर्थिक रहा लेकिन हमारी दृढ़ इच्छाशक्ति हमसे हर साल यह कार्य करवा लेती है। वैसे भी जोखिम उठाना हमारी फितरत है। कहना चाहूंगी कि रक्खा है आंधियों ने ही हमको कशीदा सर हम वह चिराग हैं जिन्हें निस्बत हवा से है।" कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार  गिरीश पंकज  ने कहा कि," हमें भारत देश में भारतीयता को साथ लेकर आगे बढ़ना है।"मुख्य अतिथि डॉक्टर नुसरत मेहदी ने कहा कि, "साहित्यिक संस्थाओं को भाषा के क्षेत्र में शोधकेंद्र की तरह काम करना चाहिए।"माहौल तब बहुत अधिक भावुक हो गया जब मुंबई से पधारे मशहूर पत्रकार हरीश पाठक ने हेमंत के संस्मरणों को साझा किया।रामायण केंद्र के निदेशक राजेश श्रीवा