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पेटीएम यूजर्स के लिए तेज भुगतान सेवा की शुरुआत , यूपीआई लाइट को एक्टिवेट करने पर 100 रुपये तक का कैशबैक

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - पेटीएम पहली बार पेटीएम यूपीआई लाइट बैलेंस को एक्टिवेट करने पर 100 रुपये तक का निश्चित वेलकम कैशबैक दे रहा है। पेटीएम एप पर, यूपीआई लाइट यूपीआई पिन का उपयोग किए बिना एक क्लिक के साथ बहुत तेजी से रियल टाइम लेन-देन की सुविधा देता है। यूपीआई लाइट के साथ यूजर्स बैंक लेनदेन की सीमित संख्या की चिंता किए बिना बड़ी संख्या में छोटी कीमत का यूपीआई भुगतान कर सकते हैं। यह सुविधा यूजर्स को परेशानी मुक्त भुगतान अनुभव देता है। सुरक्षित ऑन-डिवाइस बैलेंस के रूप में यूपीआई लाइट हर भुगतान के लिए यूपीआई पिन दर्ज करने की आवश्यकता को समाप्त करता है और रोजाना किए जाने वाले छोटे मूल्य के लेनदेन को सुपरफास्ट बनाता है। एक बार लोड होने के बाद, यूपीआई लाइट यूजर को 200 रुपये तक के तत्काल लेनदेन करने की अनुमति देता है। यह भुगतान अनुभव को तेज और बाधारहित बनाता है। यूपीआई लाइट में एक दिन में दो बार अधिकतम 2,000 रुपये जोड़े जा सकते हैं, जिससे कुल दैनिक राशि 4,000 रुपये तक हो जाती है। इसके अलावा, यूपीआई लाइट का इस्तेमाल बैंक पासबुक को साफ-सुथरा रखने में मदद कता है। ये छोटे मूल्य वाले लेनदेन

Odisha Jagannath Puri मंदिर,प्रकृति ,समुन्द्र करते हैं आकर्षित { Qutub M...

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‘गरिमा के स्वर : कवयित्री सम्मेलन’ का भव्य आयोजन

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०  डॉ. धीरेंद्र कुमार ०  नयी दिल्ली- दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्त्वावधान में ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ के उपलक्ष्य में ‘गरिमा के स्वर : कवयित्री सम्मेलन’ का भव्य आयोजन हिंदी भवन में किया गया| कवयित्रियों ने जब कविता, गीत, ग़ज़ल के स्वर साधे तो श्रोता मंत्र-मुग्ध हो उठे| इस काव्य सम्मेलन का आरम्भ माँ सरस्वती के चरणों में पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्वलन से हुआ| सुधा संजीवनी ने माँ शारदे की वंदना ‘ज्ञान की गंगा बहा दे माँ, प्रेम को विस्तार दे’ के रूप में की| ‘गरिमा के स्वर : कवयित्री सम्मेलन’ की अध्यक्षता कर रही श्रीमती इंदिरा मोहन (अध्यक्ष, दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन) इंदिरा मोहन ने दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन के इतिहास का संक्षिप्त परिचय देते हुए पहले महिला कवयित्री सम्मेलन (1976) को याद किया| काव्य संध्या में आमंत्रित अतिथियों और कवयित्रियों का स्वागत मंजू मित्तल ने किया| इस कार्यक्रम में दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन की ओर से हिंदी की दो महत्त्वपूर्ण कवयित्रियों - डॉ. रमा सिंह और डॉ. रंजना अग्रवाल को वागीश्वरी सम्मान से सम्मानित किया गया| वागीश्वरी सम्मान समारोह का संचालन प्रोफे

हार्टफुलनेस योग महोत्सव 'हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान' नोएडा में आयोजित

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० योगेश भट्ट ०  नोएडा : हार्टफुलनेस द्वारा संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से नोएडा के हार्टफुलनेस मेडिटेशन सेंटर में 'हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान' नामक तीन दिवसीय योग महोत्सव अभियान का आयोजन किया गया। यह हार्टफुलनेस के योग अभियान का दूसरा चरण है जिसे भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्षों को चिह्नित करते हुए पूरे भारत के शहरों और कस्बों तक पहुँचना है। अभियान का उद्देश्य शिक्षकों, शिक्षाविदों, छात्रों और सरकारी निकायों के बीच योग और ध्यान के लाभों को बढ़ावा देना है। गौतम बुद्ध नगर जिले के सांसद डॉ महेश शर्मा और दादरी निर्वाचन क्षेत्र के विधायक तेजपाल सिंह नागर समापन समारोह में मुख्य अतिथि थे, जबकि हार्टफुलनेस दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के समन्वयक वी श्रीनिवासन सरकार तथा शिक्षा क्षेत्र के अन्य अधिकारियों और हार्टफुलनेस संस्थान के सदस्यों के साथ उपस्थित थे। अभियान के दूसरे चरण के तीनों दिन तीन विषयों के आसपास केंद्रित थे, 1- चिंता 2- उच्च रक्तचाप और 3- प्रतिरक्षा| लगभग 500 प्रतिभागियों के लिए व्यवस्था की गई थी। 15 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति शामिल होने के लिए पात्र था। बुजुर्गों या जिन्हें

खतरनाक है अल-नीनो की वापसी

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० ज्ञानेन्द्र रावत ०  तापमान में दिनोंदिन हो रही बढ़ोतरी बेहद चिंता का विषय है। यह खतरनाक संकेत है। खतरनाक इसलिए भी कि इससे देश के कुछ हिस्सों में हीट वेव जैसे हालात बन रहे हैं, वहीं भारतीय समुद्र पहले के मुकाबले ज्यादा गर्म हो रहा है। इसका परिणाम हमारे सामने मानसून के पहले और मानसून के दौरान और बाद में भीषण प्रलयकारी बारिश की घटनाओं में बढ़ोतरी के रूप में आया है। दरअसल समुद्र में उठने वाली तेज लू की भयंकर लहरें भविष्य में इस समस्या को और विकराल व भयावह बना देंगीं। शोध इसके जीते-जागते सबूत हैं। यदि बीते दिनों नेचर पत्रिका में प्रकाशित एक शोध रिपोर्ट की मानें तो अब यह तथ्य प्रमाणित हो चुका है कि 1870 से लेकर आज तक भारतीय समुद्र के औसत तापमान में 1.4 डिग्री की बढ़ोतरी हो चुकी है जो दूसरे समुद्र के मुकाबले सबसे ज्यादा है।  यह चिंता का विषय है। असलियत में समुद्र के तापमान में हो रही बढ़ोतरी के चलते वहां पैदा होने वाली समुद्री हीट बेव कहें या मरीन हीट बेव, जिसे दूसरे शब्दों में समुद्री लू भी कहते हैं, उसमें भी पहले के मुकाबले काफी तेजी आ रही है। हालात इस बात के गवाह हैं कि देश में समुद्र का

नोएडा में झुग्गियों तोड़ने के लिए होगी कार्रवाई

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०  विनोद तकियावाला ०  उत्तर प्रदेश के नोएडा महानगर में आये दिन भारत के विभिन्न प्रान्तो से लोग अपनी जीवकोपार्जन हेतु आते है।इनमें अधिकतर लोग अपनी नौकरी-पेशा के साथ दिल्ली/एन सी आर में अपने सर पे एक छत का सपना देखता है। खुशनसीब होते है वे लोग जो यहाँ पर आप घर होने का सपना पूरा कर पाता है,लेकिन कुछ ऐसे लोग भी है खासकर मजदुर वर्ग के वे लोग जो अपनी जरूरतो को पुरा करने के लिए देहाड़ी,रेहड़ी-पटरी,घरेलू सेवा में अपनी सेवा देते है। जिन्हें रोटी के लिए तो पारिश्रमिक रूप मे एक रकम मिल जाती है।जिसे वेअपनी दैनिक जरूरतों की पुर्ति कर लेता है ।  लेकिन उनका अपना घर बनना का सपना पुरा नही हो पाता है।कुछ तो अपने लिए किराये पर कमरा ले कर रहता है ' कुछ तो अपने सर पर छत नही होने के कारण इस महानगर में रात गुजराने व सर छुपाने के लिए कुछ खाली जगह पर एक अस्थायी आशियाना बना लेता है।जिसे कई बार स्थानीय निवासियो,पुलिश व प्रसासन का कोपभाजन बनना पड़ता है।ऐसे ही अस्थाई आशियाना व अवैध र्निमाण को दिल्लीवासी की भाषा में झुग्गी का नाम से जानाजाता है। इसी श्रंख्ला में दिल्ली के सटे एन सी आर के नोएडा में नोएडा प्राधिक

जोधपुर इंटरनेशनल थिएटर फेस्टिवल संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन में नाट्य कला की भूमिका अहम - मुख्यमंत्री

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० आशा पटेल ०  जयपुर । नाट्यकला एक जीवन्त चित्रण विधा है, जो समाज पर गहरी छाप छोड़ती है। नाट्यकला के माध्यम से समाज को प्रेरणा मिलती है तथा इसको प्रोत्साहन देने से समाज में बदलाव का मार्ग प्रशस्त होता है। राज्य की समृद्ध संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन में नाट्यकला की भूमिका महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नई दिल्ली के बीकानेर हाउस से वीसी के माध्यम से जोधपुर इंटरनेशनल थिएटर फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। गहलोत ने कहा कि राजस्थान संगीत नाटक अकादमी कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही है।  उन्होंने जोधपुर इंटरनेशनल थिएटर फेस्टिवल में देश-विदेश से आए सभी कलाकारों का हार्दिक स्वागत करते हुए कहा कि नाट्यकला के माध्यम से प्रभावी सामाजिक परिवर्तन संभव होता है। फेस्टिवल में नाटकों के प्रदर्शन के साथ-साथ प्रतिदिन नाट्य कला पर मंथन भी होगा। इनके माध्यम से नए कलाकार इस क्षेत्र के विशेषज्ञों को सुनकर उनके अनुभवों से लाभान्वित एवं प्रेरित हो सकेंगे।  गहलोत ने कहा कि राजस्थान में प्रतिभाशाली कलाकारों की कोई कमी नहीं है। राज्य में उच्च शिक्षण संस्थानों में नाट्य विभाग खोलकर