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स्टार स्टडेड लाइनअप के साथ हीरो विमेंस इंडियन ओपन 2023 की होगी शुरुआत

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली : एशिया में प्रमुख लेडीज़ यूरोपियन टूर (एलईटी) इवेंट, हीरो महिला इंडियन ओपन, सितारों से भरे खेल मैदान के साथ अपने 15वें संस्करण के लिए वापस आ गया है।एलईटी में सर्वोच्च रैंक वाली भारतीय, फॉर्म में चल रही दीक्षा डागर भारत के राष्ट्रीय ओपन के 2023 में भारतीय चुनौती का नेतृत्व करेंगी, जिसमें 25 से अधिक देशों के 120 खिलाड़ी शामिल होंगे। 19 से 22 अक्टूबर तक खेले जाने वाला टूर्नामेंट सीज़न में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आयोजित है , क्योंकि इसके बाद केवल दो और कार्यक्रम निर्धारित हैं| यह टूर्नामेंट और गुरुग्राम के डीएलएफ गोल्फ एंड कंट्री क्लब में आयोजित किया जाएगा। हीरो विमेंस इंडियन ओपन 2023 में उन खिलाड़ियों की काफी रुचि होगी जो रेस टू कोस्टा डेल सोल (एलईटी के लिए ऑर्डर ऑफ मेरिट) में शीर्ष स्थान के लिए संघर्ष करेंगे, जबकि कुछ भारतीय नामों सहित कई अन्य लोग 2024 के लिए उनके पूर्ण खेल अधिकार पाने के लिए अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रहे होंगे।इस वर्ष के संस्करण के लिए मैदान पहले से ही प्रभावशाली दिखाई दे रहा है, जिसमें एलईटी ऑर्डर ऑफ मेरिट के शीर्ष चार खिलाड़ियों में

दिल्ली का बरवाला गांव है, यहां पांच मिनट का सफर जाम के कारण दो घंटे में होता है पूरा

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - किसी जमाने में आदर्श गांव का खिताब पाने वाला बरवाला गांव आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। मेन रोड की सारी सड़क मुख्य बस स्टैंड से लेकर यूनियन बैंक के सामने और यूईआर-2 की रेडलाइट वाले चौराहे तक गहरे गड्ढों से भरी है। बरसात होते ही गड्ढों में पानी भर जाता है और वे गड्ढे दिखाई नहीं देते। उन गड्ढों में फंसकर वाहन दुर्घटना ग्रस्त हो रहे हैं। जिससे हर समय जाम लगा रहता है। डीटीसी की लो फ्लोर बसों की बाड़ी तक इनमें टच हो जाती है। बवाना और प्रहलादपुर बांगर की और से आने जाने वाले लोग पांच मिनट का रास्ता दो-दो घंटे बरवाला के जाम में फंसकर बिताने पर मजबूर हैं। यहां हर समय धूल उड़ती रहती है। स्थानीय दुकानदारों और स्बस स्टाप पर बसों का इंतजार कर रहे लोगों पर धूल की परत चढ़ जाती हैं। मेन रोड पर प्राइमरी स्कूल के साथ बने डलावघर के सामने की जगह कई फुट खोदकर कूड़ा स्थल तो बना दिया लेकिन मुख्य सड़क और इस ढलान के गड्ढे में एक इंच का भी गैप नहीं है जिसके कारण इसमें वाहन गिर रहे हैं। सड़क संकरी हो गयी है। पर कोई सुनने वाला नहीं है। लगता है यहां किसी बड़े हादसे का इंतजार हो

डॉ. बीआरसी की नई किताब 'व्हेन क्योर इज क्राइम' का अनावरण

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली : क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) का इलाज अब उपलब्ध है, वो भी डायलिसिस या गुर्दा प्रत्यारोपण की दर्दनाक और महंगी प्रक्रियाओं से गुजरे बिना। यह बात डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी (बीआरसी) ने आज भगत सिंह जयंती के अवसर पर, नई दिल्ली के एलटीजी ऑडिटोरियम में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में अपनी नई पुस्तक 'व्हेन क्योर इज क्राइम' का अनावरण करते हुए कही। संपूर्ण भारत से कई मरीज़ इस कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए। उन्होंने डॉ. बीआरसी द्वारा विकसित ग्रैड सिस्टम की मदद से ठीक होने के अपने सुखद अनुभव साझा किए। डॉ. बीआरसी की मेडिकल इंजीनियरिंग की मदद से असाध्य रोगों का इलाज संभव है, जिसे श्रीधर विश्वविद्यालय, पिलानी और दयानंद आयुर्वेदिक कॉलेज, जालंधर द्वारा किए गए अवलोकन अध्ययन में भी अनुमोदित किया गया है। इस अध्ययन को प्रतिष्ठित शोधपत्र 'द जर्नल ऑफ इंटरनेशनल हेल्थकेयर' ने भी स्वीकार किया है।  लगभग 75% मरीज डायलिसिस पर निर्भरता से पूरी तरह मुक्त हुए हैं। इतिहास में ऐसा पहली बार है कि गुर्दा रोग के पुराने मरीज, विशेष रूप से डायलिसिस पर रहने वाले, भी अपनी बीमारी को उलट

"स्वस्थ नारी - सुखी नारी" थीम के साथ प्रसूति और स्त्री रोग में संक्रमण पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन

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० आशा पटेल ०  जयपुर। एफओजीएसआई और एचआईवी और एड्स समिति, जयपुर प्रसूति एवं स्त्री रोग सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में राजधानी स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में प्रसूति और स्त्री रोग में संक्रमण पर एक मेगा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन चल रहा है। इस सम्मेलन का विषय "भ्रम-स्पष्टता-आम सहमति" है। स्त्री रोग संबंधी संक्रमण हर महिला को उसके जीवन में प्रभावित करता है, जिसका उसके स्त्री रोग संबंधी और प्रजनन स्वास्थ्य के साथ-साथ प्रसूति और नवजात संबंधी परिणामों पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है। विगत कुछ वर्षों में मातृ मृत्यु दर में उल्लेखनीय गिरावट आई है लेकिन 21वीं सदी के इस युग में भी संक्रमण मातृ रुग्णता और मृत्यु दर का दूसरा सबसे आम कारण बना हुआ है। इस सम्मेलन की आयोजिका अध्यक्ष डॉ. अंजू सोनी ने बताया कि तीन दिवसीय यह सम्मेलन वैज्ञानिक उपहार सभी स्त्रीरोग विशेषज्ञों को संक्रामक रोगों और उनकी जटिलताओं को समझने, दुविधाओं को हल करने और अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ ज्ञान और अनुभव साझा करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। इस सम्मेलन में दुनिया भर के विशेषज्ञों ने सक्रिय रूप से हि

एमएचएस के पूर्व छात्रों के एसोसिएशन द्वारा 1 व 2 अक्टूबर को क्रिकेट लीग

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० आशा पटेल ०  जयपुर। एमएचएस तिलक नगर के पूर्व छात्रों के एसोसिएशन महसोसा( माहेश्वरी सी. सै. स्कूल ओल्ड स्टूडेंट एसोसिएशन) द्वारा 1 व 2 अक्टूबर को अंडरआर्म बॉक्स क्रिकेट लीग “प्ले स्पेस, मानसरोवर” में आयोजित की जा रही हैं। महसोसा एमएचएसएम से पास आउट 25,000 से अधिक विद्यार्थियों की संस्था है जिसकी शुरुवात 2022 में हुई। संस्था के अध्यक्ष सी.ए. शरद काबरा(1986 बैच), सचिव संजीव(1986 बैच), उपाध्यक्ष विनय अग्रवाल(1986 बैच) व दुर्गेश श्रीवास्तव(1986 बैच), कोषाध्यक्ष अभिषेक लाटा(2009 बैच),  एक्सिक्यूटिव राजीव नागोरी(1990 बैच) व अजय मालपानी(1993 बैच) हैं। यह संस्था हर साल दो बड़े इवेंट्स करती है, एक एलुमनाई मीट की जाती है जिसमें पुरे देश विदेश से साथी हिस्सा लेते है और साथ ही साथ इवेंट में टीचर्स का भी सम्मान किया जाता है और दूसरा बॉक्स क्रिकेट लीग का आयोजन किया जाता है जिसमे अगल अलग बैच(अलग अलग साल से पास आउट) की टीमें हिस्सा लेती है। एसोसिएशन के अध्यक्ष सीए शरद काबरा ने बताया कि इस बॉक्स क्रिकेट का आयोजन दूसरे वर्ष होने जा रहा है। विद्यार्थियों में इस आयोजन को लेकर जबरदस्त उत्साह है। इस टूर्ना

'किस्सागोई’ के लिए जयपुर की उमा को दिया कन्हैयालाल सहल पुरस्कार'

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० आशा पटेल ०  जयपुर। जयपुर की साहित्यकार उमा को उनकी किताब ‘किस्सागोई : अदीबों के निज की जादुई कथाएं’ के लिए राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर की ओर से वर्ष 2020-21 का कन्हैयालाल सहल पुरस्कार प्रदान किया गया। अकादमी ने हाल ही उदयपुर में पुरस्कार समारोह आयोजित करके गत तीन वर्ष (2019-20, 2020-21, 2021-22)के अकादमी पुरस्कारों से साहित्यकारों को नवाजा।  उमा को कथेतर विधा में यह सम्मान मिला। विभिन्न विधाओं में उमा की अब तक तीन किताबें आ चुकी हैं।  पहली ही किताब ने लेखन की दुनिया में स्थापित कर दिया, उनका उपन्यास ‘जन्नत जाविदां’ भारतीय ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार के लिए अनुशंसित हुआ। अकादमी की ओर से पुरस्कृत किताब किस्सागोई में उन्होंने अनूठी शैली का प्रयोग करते हुए राजस्थान के छह लेखकों के शुरुआती जीवन पर किस्से बुने हैं, जो सत्य और गल्प का मेल है। किताब कलमकार मंच से प्रकाशित हुई है। पुरस्कार समारोह में गांधी शांति प्रतिष्ठान दिल्ली के अध्यक्ष कुमार प्रशांत ने बतौर मुख्य अतिथि और साहित्यकार लीलाधर मंडलोई ने बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत की। अध्यक्षता राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष दुलाराम सहारण न

समाज में करुणा की भावना जागृत करना समय की मांग

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० आशा पटेल ०  जयपुर । सत्यार्थी मूवमेंट फॉर ग्लोबल कम्पैशन विराटनगर में, अपने पहले युवा शिखर सम्मेलन "यूथ समिट फॉर ह्यूमन फ्रटर्निटी एंड कम्पैशन" का उद्घाटन करते हुए दुनिया भर में परोपकार की भावना को जागृत करते हुए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का आह्वान किया। जायद अवार्ड फॉर ह्यूमन फ्रेटरनिटी के सहयोग से आयोजित इस समारोह में देश - दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों से आए 600 यूथ लीडर्स नें अपनी भागीदारी दर्ज कराई। इस अवसर नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यर्थी नें कहा, "दुनिया में पहली बार, समाज में करुणा की भावना को जागृत करने के लिए एक छत के नीचे 500 - 600 युवा यहां एकत्रित हुए हैं। दुनियाभर में उठ रहे इन सामाजिक मुद्दों और अलगाव के कारण यह एक आवश्यकता बन गई है। आज यहां जो लोग एकत्र हुए हैं वे करुणा के इस इतिहासिक वैश्विक आंदोलन का हिस्सा हैं।" जायद अवार्ड फॉर ह्यूमन फ्रेटरनिटी के महासचिव न्यायाधीश, मोहम्मद अब्देलसलाम ने ह्यूमन फ्रेटरनिटी और कम्पैशन के बीच एक संबंध स्थापित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि, "कोई भी मनुष्य अपने मन में शत्रुता, भेदभाव और नफरत की भ