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मुक्त मंच की चर्चा में : राजनीति और अपराध के गठबंधन से पेपरलीक बढ़ा

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० आशा पटेल ०  जयपुर । प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक का नेक्सस और समाधान’ विषय पर मुक्त मंच की संगोष्ठी योगिनी डॉ॰ पुष्पलता गर्ग के सान्निध्य और भाषाविद डॉ. नरेंद्र शर्मा कुसुम की अध्यक्षता में हुई। संगोष्ठी का संयोजन ‘शब्द संसार’ के अध्यक्ष श्रीकृष्ण शर्मा ने किया। डॉ. कुसुम ने कहा कि हमारा लोकतंत्र लोग तंत्र बन कर रह गया है। परिणाम स्वरुप लोकतांत्रिक मूल्यों का पराभव होने लगा और देश नैतिकता के रास्ते को छोड़ ऐसे रास्ते पर चल पड़ा है जो लोक मंगल की ओर नहीं जाता। राजनीति और अपराध के अनुबंधन में परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों की गोपनीयता भंग होना और एक आपराधिक गठबंधन द्वारा पेपर लीक कराना सहज कार्य बन गया हैं। यह व्यवस्था देश के सामाजिक ढांचे को तार तार कर रही है। युवकों में कुंठाएं जन्म ले रही हैं। न्याय के प्रति अनास्था बढ़ रही है। कंप्यूटर विज्ञान के प्रवीण श्री दामोदर चिराणिया ने कहा कि समाधान कई हैं बशर्ते नियत में पारदर्शिता हो। उन्होने कहा कि प्रत्येक परीक्षा के लिए परीक्षा तिथि को बंद लिफाफे में ही प्रश्न पत्र दिया जाए। पूर्व बैंकर एवं चिंतक इंद्र भंसाली ने कहा सरकारी सेवाओं का आक

उदयपुर में फोर्टी वूमन विंग,16 महिलाओं को मिला चेंजमेकर्स अवार्ड

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० आशा पटेल ०  उदयपुर। राजसमन्द विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने कहा कि महिलाओं को उन सभी महिलाओं से प्रेरणा लेनी चाहिये जो सफलता के झंडे गाड़ चुकी है। महिलाओं को सफलता प्राप्त करने के लिये कम्फर्ट जोन से बाहर आना होगा, तभी महिलायें हर गोल प्राप्त कर सकेंगी। उदयपुर में स्थापित हुई फोर्टी वूमन विंग के पदस्थापना दिवस समारोह एंव चेंज मेकर्स अवार्ड समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थी। उन्होंने कहा कि संगठन हमें बहुत कुछ देता है। हमे ंभी उसे कुछ देने का प्रयास करना चाहिेय। देश में महिलाओं के लिये 3 हजार सरकारी योजनाएं बनी हुई है। हर क्षेत्र में बहुत स्कोप है,उनका पता होना चाहिये। समारोह की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान फोर्टी के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने कहा कि वूमन में महिलायें हर क्षेत्र में आगे निकल रही है। देश की महिलायें जोश-खरोश के साथ आगे बढ़ रही है। हमें उन्हें व्यापार की मुख्य धारा में लाना है। जीएसटी लगने के बाद देश में सबसे ज्यादा फोर्टी ने राजस्थान में 176 सेमिनार करवायी थी। फोर्टी जयपुर की वूमन विग की महासचिव ललिता कुच्छल ने उदयपुर वूमन विंग की अध्यक्ष शिखा सिंघल,उपाध्यक्ष शिखा मोट

ट्रेंड कर रहा मनी मेराज का गाना "कहां से हुनर लईलू हो दिलवा तोड़ के

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० संत कुमार गोस्वामी ०  मुंबई - रिलीज हुआ सैड सॉन्ग "कहां से हुनर लईलू हो दिलवा तोड़ के" ने रिलीज के 9वें दिन में ही गाने  टॉप 10 में ट्रेंड कर रहा है। मनी मेराज इन दिनों ट्रेडिंग स्टार है और उनके गाने खूब वायरल भी हो रहे हैं। मनी मेराज ने अपने इस वायरल गाने को लेकर कहा कि ट्रेड के साथ चलना आसान नहीं होता, लेकिन मेरी कोशिश रहती है कि मैं एक नया ट्रेंड सेट करूं इसके अनुसार मैं अलग-अलग गाने करता हूं और यह लोगों का प्यार और आशीर्वाद है कि उन्हें मेरे गाने पसंद आ रहे हैं।  मेरा यह गाना काफी वायरल हुआ है और उस पर अभी तक 750 K से अधिक रील का रिकॉर्ड भी बना। यह उपलब्धि मेरे लिए प्रेरणादायक रही। मेरा नया गाना सैड सॉन्ग "कहां से हुनर लईलू हो दिलवा तोड़ के" आपके समक्ष है आप इस गाने को भी खूब प्यार और आशीर्वाद दें और इस गाने को चार्टबस्टर बनाएं। इस गाने को चांद जी ने अपनी आवाज दी है जबकि गीतकार इमरान भाई हैं और संगीतकार अंकुश कुमार हैं। कोरियोग्राफर साहिल राज हैं। त्रिमूर्ति म्यूजिक द्वारा मनी मेराज का पिछला गाना लवर को धोखा दो के 100 मिलियन सक्सेस पर उन्हें एक फॉर्च्यूनर

इस सदी के अंत तक बढ़ेगा भारी जल संकट

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० सुरेश भाई ०  वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 21वीं शदी के अंत तक जल ढूंढने पर भी मुश्किल से प्राप्त होगा।यही कारण है कि लगभग 100 मिलियन लोग जल की कमी की सीमा पर खड़े हैं। इसलिए संयुक्त राष्ट्र संघ और नीति आयोग के अनुसार भविष्य में पानी की कुल उपलब्धता के चलते आपूर्ति दुगना बढ़ सकती है।इसलिए सचेत किया जा रहा है कि भारत की 40 फीसदी आबादी को 2030 तक स्वच्छ पेयजल उपलब्ध नहीं होगा।यह संकेत एक तरह से सही साबित इसलिए भी है कि जलस्रोत और नदियां प्रदूषण,अतिक्रमण,शोषण की मार झेल रही है। ध्यान रहे कि भारत में दुनिया की 18 फ़ीसदी आबादी रहती है। जहां केवल चार फ़ीसदी साफ पानी है। इसमें से भी 80 फीसदी पानी कृषि के लिए उपयोग किया जा रहा है।ऐसे में यदि पानी को बचाने के प्रयास नहीं हुए तो जन जीवन संकट में पड़ जाएगा। बीते दिनों भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जल निकायों की गणना भी की गई थी।जिसके अनुसार देश में कुल 24,24,540 जल निकाय है। इसमें सबसे अधिक 7.47 लाख तालाब व जलाशय पश्चिम बंगाल में है।सबसे कम 134 सिक्किम में है। और 188 चंडीगढ़, 893 दिल्ली, 993 अरुणाचल में है।इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 24

राजस्थान गौरव’’ सम्मान से 31 विभूतियां अलंकृत

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० योगेश भट्ट ०  जयपुर । ‘‘संस्कृति युवा संस्था’’ की ओर से 30 वर्ष से अनवरत आयोजित हो रहे राजस्थान गौरव सम्मान समारोह आयोजित हुआ। जिसमें प्रदेश की 31 लब्ध प्रतिष्ठित प्रतिभाओं को ‘‘राजस्थान गौरव‘‘ के अलंकरण से विभूषित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि प्रदेश की विभूतियों को सम्मानित करना अपने आप में एक अतुलनीय कार्य है और संस्कृति युवा संस्था पिछले 30 वर्षों से राजस्थान की विभिन्न प्रतिभाओं को गरिमापूर्ण तरीके से ‘‘राजस्थान गौरव’’ के अलंकरण से विभूषित कर रही है। ये अपने आप में एक अनूठा कार्य है। उन्होने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने का दायित्व युवाओं पर है और जिन्हे आज सम्मानित किया गया है ये सब प्रतिभायें राजस्थान का नाम रौशन कर रही है। इस अवसर पर संस्कृति युवा संस्था के अध्यक्ष पं. सुरेश मिश्रा ने कहा कि व्यक्तित्व का सम्मान समाज का दायित्व हैं और इस प्रकार के आयोजनों में ऐसी प्रतिभाओं जो प्रदेश में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण भारत में राजस्थान का नाम रौशन कर रही हैं वे भी प्रोत्साहित होगी और उनके पद चिन्हों पर चलकर युवा पीढ़ी को मार्गद

घंटा घंटा घंटा घंटा घंटा’ और ‘डू यू नो दिस सोंग ?’ का मंचन

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली । दिल्ली में चल रहे मेटा थिएटर फेस्टिवल में देशभर से प्राप्त 390 नाटकों में से चुने गये बेहतरीन 10 नाटकों का मंचन हो रहा है । 19 वे मेटा फेस्टिवल में नाटकप्रेमियों का उत्साह देखने लायक है, दो नाटकों का मंचन हुआ, पहला नाटक मोहित ताकालकर द्वारा निर्देशित ‘घंटा घंटा घंटा घंटा घंटा’ का प्रदर्शन श्री राम सेंटर में किया गया और दूसरा नाटक मल्लिका तनेजा द्वारा निर्देशित ‘डू यू नो दिस सोंग?’ का मंचन कमानी सभागार में आयोजित किया गया। ‘घंटा घंटा घंटा घंटा घंटा’ नाटक की कहानी फासीवादी शासन द्वारा शासित एक उजाड़ परिदृश्य में, फ़िरोज़ा और आदित्य, एक युगल, जीवन के अर्थ, प्रेम और राजनीति को जानने की खोज में निकलते हैं। कहानी उनके रिश्ते को गैर-रैखिक रूप से उजागर करती है, क्योंकि एक सख्त कानून दैनिक शब्द उपयोग को 140 तक सीमित करता है। फिरोजा, एक सरकारी वकील, और आदित्य, एक संगीत कलाकार, कानून की चिंताओं के बीच संवाद करने के लिए संघर्ष करते हैं, सवाल करते हैं कि क्या वे अराजकता को दूर कर सकते हैं । मोहित ताकालकर का यह नाटक एक पुरुष और एक महिला के बीच प्रेम की राजनीति की पड़त

बसन्त व्याख्यानमाला में 'भारतीय भाषाओं में अंतर संवाद और अनुवाद पर विमर्श'

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० योगेश भट्ट ०  भोपाल। हम भारतीय जन्मना बहुभाषी हैं और बहुभाषिकता हमारी शक्ति है। बहुभाषिकता हमारे संस्कार में है। वे यहां मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति द्वारा हिंदी भवन, भोपाल में आयोजित बसंत व्याख्यानमाला के अंतर्गत आयोजित' भारतीय भाषाओं में अंतर संवाद और अनुवाद' विषय पर आयोजित था । सत्र के अध्यक्ष रवींद्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपतिडॉ.संतोष चौबे रहे। सत्र में अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.खेम सिंह डहेरिया, लेखक डा.श्रीराम परिहार, डा.रंजना अरगड़े ने अपने विचार व्यक्त किये। प्रो.द्विवेदी ने कहा कि भारत जैसे बहुभाषी देश में हमारा किसी एक भाषा के सहारे काम नहीं चल सकता। यही भाषागत बहुलता हमारी भाषाई समृद्धि का बोध कराती है। बहुभाषी युवाओं के लिए अवसरों के अनेक द्वार स्वत: खुल जाते हैं। उन्होंने कहा कि आज का समय अनुवाद का समय है। इससे भाषाई सद्भाव भी स्थापित हो रहा है। प्रो.द्विवेदी ने कहा कि हमें भारत को सिर्फ बीपीओ और आऊटसोर्सिंग के जरिए तकनीकी विश्व शक्ति नहीं बनाना है,  बल्कि उसे एक ज्ञान समाज में तब्दील करना है। तकनीक,भारत में सामाजिक