विक्रम विश्वविद्यालय एवं हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के सयुंक्त तत्वाधान में साहित्यक संगोष्ठी का आयोजन
उज्जैन -महाकाल की नगरी उज्जैन में विक्रम विश्वविद्यालय एवं हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के सयुंक्त तत्वाधान में द्विदिवसीय साहित्यक संगोष्ठी का आयोजन किया गया । यह संगोष्ठी गाँधी जी के 150 वे जन्मोत्सव पर आधारित थी। हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष सुधाकर पाठक जी अपने 16 कार्यकर्ताओं व सदस्यों के साथ इस संगोष्ठी में शामिल हुये। हिन्दुस्तानी भाषा के कार्यकर्ताओं व सदस्यों ने भी विभिन्न शोधार्थियों के साथ अपना वक्तव्य दिया । बापू को व शहीदों को समर्पित काव्यांजलि भी दी गई ।मनीषा ,नीतू ,सुखवर्षा व सरोज शर्मा की स्त्री विमर्श की रचनाओं का भी भरपूर स्वागत हुआ। सुषमा भंडारी ने अपने अंदाज में नमन शारदे आपको वंदन बारम्बार शब्द पुष्प मैं लाई हूं करना माँ स्वीकार।। =========== महाकाल तेरी शरण गर मुझको मिल जाय। राम कसम इस पल मेरा जन्म सफल हो जाय।। महाकाल नगरी तेरी छू कर हुई निहाल। दर्शन तेरे जो हुये हो गई मालामाल।। महाकाल कोई नहीं समझा मेरी पीर। तुझसे मिलने को मेरा मनुआ हुआ