अनूठी पहल : मंदिरों में फैंके गए फूलों का उपयोग
यदि दिल में कुछ करने का जज्बा हो तो लाख रुकावटें, बाधाएँ भी उसका रास्ता नहीं रोक सकती ।देखा जाए तो देश व समाज के लिए कोई नेक कार्य करने का हौंसला सभी में नही होता ।बातें करने वाले व उपदेश देने वाले हजारों लोग मिल जाते हैं ,पर उसी कार्य को अंजाम देने वाले तो विरले ही होते हैं। इसमें भी कोई दो राय नहीं कि हमें अपने आसपास सभी पर्यावरण प्रदूषण की चिंता में ग्रस्त व्यक्ति मिल जाते हैं लेकिन उनमें से कितने लोग ऐसे हैं जो चिंता करने के साथ ही साथ पर्यावरण संरक्षण की व इस दिशा में सार्थक प्रयास करते हों ? इसी दिशा में एक मुहिम छेड़ी है गुरुग्राम की पूनम सहरावत ने । हां,एक ऐसा अनूठा कार्य जिसके बारे में शायद ही कोई सोच सकता हो। सोच भी ले ,लेकिन क्रियात्मक रूप देकर साकार करके दिखाना हर किसी के वश की बात नही । हम सलाम करते हैं ऐसी युवा पीढ़ी की प्रतिभा को जो पर्यावरण संरक्षण तो कर ही रही हैं साथ-ही-साथ बहुपयोगी वस्तुओं का निर्माण कर योजना को साकार रूप देकर न जाने कितनी महिलाओं को स्वावलंबी भी बना रही हैं । हम बात कर रहे हैं " आरोही इन्टरप्राइजेज " नाम की संस्था की जिसकी