नया जन्म / लघुकथा
डॉ भावना शुक्ल "मामी कब तक मैं यह काम करती रहूंगी।" 'बेटा कोई बात नहीं जब तक शादी नहीं होती तब तक काम कर लो, अभी पैसा कमा लो, बाद में घर से निकलना मुश्किल हो जाएगा।" मामी आंटी कह रही थी.. "शादी जल्दी हो जाना चाहिए सौंदर्य का निखार कम ना हो जाए अब तुम्हारी उम्र भी हो चली है 28 की हो गई हो अब और ज्यादा इंतजार नहीं करना चाहिए।" "कहने दो लोगों को जो कहते अभी तुम केवल काम के बारे में सोचो शादी तो होनी है।" "ठीक है मामी हम आपके ही पद चिन्हों पर चल रहे हैं आप जैसा कहेंगे हम वैसा करेंगे। लेकिन आज काम पर जाने का बिल्कुल भी मन नहीं बहुत बुखार लग रहा है बदन दुख रहा है।" अरे ये क्या कह रही हो "अरे आज तो तुम्हें तो बड़े साहब ने काम दिया था जाना ही पड़ेगा नहीं तो वो पैसे काट लेंगे।" "मामी काट लें तो काटने दो हमारी आज हिम्मत नहीं है हम नहीं जाएंगे।" "अरे मेरी प्यारी बेटा..तुम नहीं जाओगी तो गुजारा कैसे होगा।" "ठीक है हिम्मत जुटाती हूं" रिश्तेदारों ने लक्ष्मी की एक नहीं सुनी और उनके पीछे पड़ने के कारण सोनाली