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कविता // कभी कभी मन भर आता है

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विजय सिंह बिष्ट कभी कभी मन भर आता है गांवों से इन बाजारों से, कुटिया से इन दीवारों से, गलियों से इन चौराहों से टूटा टूटा सा नाता है। कभी कभी मन भर आता है। चलते चलते जीवन पथ में, देख गरीबी की उलझन में, लक्ष्य विहीन से जीवन पथ में। कभी कभी पग रुक जाता है, कभी कभी मन भर आता है।। अल्प अतुल बैभव को पाकर, क्षृगार मनमोहक सजाकर, नव लय नव ताल सुनाकर, मन सरगम बन जाता है कभी कभी मन मयूर बन जाता है।। जब घोर निराशा हो मन में, रातों की नींद उड़ जाये आंखों में, स्वपनिल सा जीवन लगता है, बुझा बुझा सा दीपक लगता है।। कभी कभी मन भर आता है।

कविता // पितृपक्ष,बहुत देर से समझ आया

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स्वीटी सिंघल ‘सखी’ पितृपक्ष, बहुत देर से समझ आया इसका अर्थ और महत्व। बचपन में देखा था अपने पिता को करते हुए तर्पण  दादा-दादी और अन्य पूर्वजों के लिए... साथ ही माँगते थे माफ़ी  अनजाने में हुई किसी भूल की, फिर करते थे दान वस्त्र और भोजन। पर कभी माँ ने नहीं किया नाना-नानी के लिए ये सब। कुछ बड़ी हुई तो पूछने पर माँ ने बताया थोड़े दुख थोड़े रोष के साथ समझाया, सिर्फ़ बेटे को मिलता है ये अधिकार... तभी मिलती है माता-पिता की  दिवंगत आत्मा को शांति, बेटियों को तो अंतिम यात्रा में जाने की भी अनुमति  नहीं देती अपनी संस्कृति! आज वर्षों बाद भी यही रिवाज है क़ायम  पर अब बदल चुके हैं पारिवारिक समीकरण। जो बेटे जीते-जी नहीं कर रहे माँ बाप का सम्मान नहीं रखते उनकी  छोटी-छोटी ज़रूरतों का ध्यान, क्या दिला सकेंगे उनकी आत्मा को मुक्ति  देकर दान में थोड़ा सा सामान? क्या मनाने से श्राद्ध  हो जाएँगें माफ़ वो अपराध? बेटियाँ जो बचपन से ही बनाई जाती हैं ज़िम्मेदार, क़दम क़दम पर दी जाती है सीख कैसे निभाना है घर परिवार। कभी जब माँ हो जाए बीमार संभाल लेती है सब काम बेटी उसी पल हो जाती है बड़ी, और जब पिता हो लाचार  तो

आसूस ब्रैंड नोटबुक से लेकर डेस्कटॉप और ऑल इन वन व मोबाइल वर्कस्टेशन सभी सेगमेंट में प्रोडक्ट लॉन्च करेगा

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नयी दिल्ली  : अपनी यात्रा में एक नई शुरुआत करते हुए ताइवान आधारित मल्टीनेशनल कम्प्यूटर हार्डवेयर व कज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स व देश में तेजी से बढ़ता लैपटॉप ब्रैंड आसूस ने कॉमर्शियल पीसी सेगमेंट में अपने प्रवेश की घोषणा की है। पीसी इंडस्ट्री में काफी अनुभवी ब्रैंड और मदरबोर्ड व हाईटेक गेमिंग पीसी में विशेषज्ञता होने के कारण कंपनी का यह अगला रणनीतिक कदम है। आसूस का कॉमर्शियल पीसी सेगमेंट में प्रवेश ऐसे समय पर हुआ है, जब इंडस्ट्री की सभी कंपनियां अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं और उन्हें एक बेहतर वर्किंग सॉल्यूशन की आवश्यकता है। सभी प्रकार के बिज़नेस जैसे छोटे उद्योग, एसएमबी और बड़ी कंपनियों के ग्राहकों की मांग को ध्यान में रखते हुए आसूस उनकी जरूरत के अनुसार टेक्नोलॉजी मुहैया कराएगा। कंपनी नोटबुक से लेकर डेस्कटॉप, ऑल इन वन और मोबाइल वर्कस्टेशन जैसे सभी सेगमेंट के लिए प्रोडक्ट लॉन्च करेगी। यह लेटेस्ट प्रोसेसर आधारित उत्पाद मुहैया कराने के लिए माइक्रोसॉफ्ट और इंटेल के साथ मिलकर काम करेगी। इसके अलावा आसूस कंपनियों के लिए वारंटी बढ़ाने का विकल्प, एक्सिडेंटल डैमेज प

Phone ओप्पो ने ज्यादा स्लीक डिज़ाईन वाली एफ17 सीरीज़ एवं टीडब्लूएस ओप्पो एंको डब्लू51 लॉन्च किए

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नयी दिल्ली । उपभोक्ताओं को उन्नत टेक्नॉलॉजी एवं ट्रेंडी डिज़ाईन प्रस्तुत करते हुए अग्रणी ग्लोबल प्रीमियम स्मार्ट डिवाईस ब्रांड, ओप्पो ने भारत की पहली ऑनलाईन म्यूज़िक लॉन्च ईवेंट द्वारा आज भारत में एफ17 सीरीज़ लॉन्च कर अपना एफ सीरीज़ पोर्टफोलियो मजबूत किया। अल्ट्रा प्रीमियम डिज़ाईन के साथ ट्रेंड में सर्वश्रेष्ठ, ओप्पो एफ17 प्रो एवं एफ17 में अल्ट्रा स्लिम बॉडी और 30 वॉट का वूक फ्लैश चार्ज 4.0 है, जो सुगम व आसान अनुभव प्रदान करता है। ओप्पो ने एंको डब्लू51 के लॉन्च की घोषणा भी की। यह इसके अकाउस्टिक सेगमेंट में पहला एक्टिव न्वाईज़ कैंसेलेशन (एएनसी) ट्रू वायरलेस हेडफोन है।    ओप्पो की लोकप्रिय एफ सीरीज़ न केवल मनोरंजन, रचनात्मकता एवं स्पीड बढ़ाती है, बल्कि अतुलनीय स्टाईलिश डिज़ाईन भी प्रदान करती है। अपने व्यक्तिगत अनुभव प्रदर्शित एवं साझा करने के लिए समझदार टेक्नॉलॉजी का उपयोग करने वाले ट्रेंडसेटर्स पर केंद्रित ओप्पो एफ17 सीरीज़ उपभोक्ताओं को बेहतरीन टेक्नॉलॉजी प्रदान करने की ब्रांड की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करती है। पिछले कुछ सालों में ओप्पो ने अभिनव उत्पादों, विस्तृत वितरण नेटवर्क और अतुलनीय आफ्टर स

कविता // भ्रूणहत्या                          

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जुली सहाय जाने कैसे  मार डाली जाती है लड़कियाँ गर्भ में ही, भले ही पूजी जाती होगी देवी दुर्गा ,लक्ष्मी ,सरस्वती घर-घर मे, पर सच है देवी को पूजे जाने वाले घर मे भी मार डाली जाती है लड़कियाँ अपनी काया में काँटा भी चुभे तो दर्द ही दर्द होता है၊ पर सेांचो ,गर्भ में अपनी ओर आते औज़ारों को देख कैसे डर से काँप जाती होंगी लड़कियाँ၊ जब मुझको डर सताए जाकर छुप जाती हूँ၊ कोठरी में,और बन्द करती हूँ किवाड़, पर सोचो गर्भ में कहाँ छिप पाती होंगी लड़कियाँ,और सहज ही मारी जाती होंगी लड़कियाँ ,पर क्या  अपने ही अंगो  को खोकर सहज हो पाती होंगी लड़कियाँ                                                                                                            या अपने ही नज़रो में पश्चताप में जीती होंगी लड़कियाँ।।        

'शिक्षक दिवस' जो अध्यापक अपने मार्ग से भटक गए हैं उन्हें याद दिलाता है

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सुरेखा शर्मा ,लेखिका /समीक्षक        गुरर्ब्रह्मा: गुरुर्विष्णु: गुरुर्देवोन्महेश्वर: गुरु साक्षात्  पर ब्रह्म:,तस्मै श्री गुरवे नमः                                                                                                      प्रतिवर्ष 5 सितंबर का दिन  सम्पूर्ण भारत वर्ष में 'शिक्षक दिवस' के रूप में मनाया जाता है ।सर्व विदित है महान दार्शनिक, लोकप्रिय शिक्षक सर्वपल्ली डा• राधा कृष्णन का जन्म दिवस ही "शिक्षक दिवस "के रूप  में मनाया जाता है । जिनका जन्म 5 सितंबर 1888 को आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के  शैव तीर्थ तिरुत्रणी में हुआ था । भारत माता के ये सच्चे सपूत,भारतीय संस्कृति के उपासक  राष्ट्रपति बनने से पहले शिक्षक थे।विद्वानों तथा शिक्षकों के प्रति अत्यधिक लगाव था।इनका मानना था कि भारत का भविष्य  भारत के शिक्षकों पर ही निर्भर करता है।बच्चे भावी राष्ट्र निर्माता हैं।उनका मार्ग दर्शन केवल शिक्षक ही कर सकता है।वे भारतीय दर्शन के साथ-साथ पाश्चात्य दर्शन शास्त्र के भी ज्ञाता थे।उन्होंने भारतीय दर्शन  पर शोधपूर्ण चिंतन -मनन किया । दार्शनिक के रूप उन्होंने विदेशों

अद्भत साहित्य मंच द्वारा जिओ और जीने दो सम्मान से सम्मानित

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भवानीमंडी : अद्भुत साहित्य मंच द्वारा ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें रचनाकारों ने एक से बढ़कर एक काव्य रचनाओं की सुन्दर प्रस्तुतियाँ प्रदान की।ऑनलाइन काव्य गोष्ठी  के अध्यक्ष राजीव जैन, मुख्य अतिथि कीर्ति काले रही। कवि सम्मेलन का संचालन अद्भुत मंच की संस्थापिका और संचालिका अलका जैन ने किया। काव्य गोष्ठी का शुभारम्भ माँ सरस्वती की वन्दना से हुआ। सरस्वती वंदना आदित्य जैन ने सुमधुर स्वर में प्रस्तुत की। काव्य गोष्ठी में अनिल धवन, डिम्पल जैन, शकुन्तला मित्तल, सुषमा भण्डारी, अलका जैन, कुंती नवल, आलोक कुमार मल्लिक, अजीत श्रीवास्तव, चेतना जैन, डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित ,भवानीमंडी राजस्थान,दिनेश चन्द्र प्रसाद दिनेश कलकत्ता, किरण जैन, प्रज्ञा शर्मा, संजय जैन, सिद्भेश्वर सराफ, शीलू  जबलपुर  भारती वर्मा बौड़ाई देहरादून, नीलम व्यास जोधपुर राजस्थान, आदित्य जैन, अनिता झा ,रचनाकारों ने काव्य पाठ किया। अद्भुत साहित्य मंच की संस्थापिका अलका जैन ने कहा कि रचनाकारों को काव्य गोष्ठी में जिओ और जीने दो सम्मान से सम्मानित भी किया गया।