सूरज तिवारी की पुस्तक 'विश्वविद्यालय जंक्शन' का विमोचन
० योगेश भट्ट ० नई दिल्ली । हिंदी के प्रख्यात कवि एवं ललित निबंधकार अष्टभुजा शुक्ल ने कहा है कि आज कागज पर लिखने की संभावनाएं खत्म होती जा रही हैं। हम आभासी समय में जी रहे हैं। 'ग्लोबल विलेज' की अवधारणा ने हमें 'वर्चुअल वर्ल्ड' में पहुंचा दिया है। शुक्ल मंगलवार को भारतीय जन संचार संस्थान के छात्र सूरज तिवारी की पुस्तक 'विश्वविद्यालय जंक्शन' के विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे। पुस्तक का प्रकाशन यश पब्लिकेशंस ने किया है। इस अवसर पर भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह, हिंदी पत्रकारिता विभाग के पाठ्यक्रम निदेशक प्रो. आनंद प्रधान, डॉ. राकेश उपाध्याय, यश पब्लिकेशंस के निदेशक जतिन भारद्धाज एवं पुस्तक के लेखक सूरज तिवारी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त करते हुए अष्टभुजा शुक्ल ने कहा कि एक वक्त था जब साहित्य का केंद्र दिल्ली हुआ करता था। दिल्ली पर गालिब ने भी अपनी कविता लिखी। लेकिन अब दिल्ली में साहित्य का जो केंद्रीकरण हो रहा था, उसका अब विकेंद्रीरण हो रहा है। छोटे शहरों, नगरों और