62 प्रतिशत भारतीय व्यवसायों के पास सस्टेनेबिलिटी की सुपरिभाषित योजना है
० योगेश भट्ट ० मुंबई : ऑक्सफोर्ड इकॉनॉमिक्स और एस. ए. पी. (NYSE: SAP), द्वारा किए गए एक अध्ययन में सामने आया है कि भारतीय व्यवसाय व्यवसायिक मूल्य बढ़ाने के लिए सततता की क्षमता को पहचान रहे हैं, 62 प्रतिशत कंपनियाँ इस बात को समझ रही हैं कि सततता बनाए रखते हुए लाभ अर्जित करना मुश्किल नहीं है इस अध्ययन में यह भी खुलासा हुआ कि सततता का महत्व समझा जा रहा है, लेकिन सततता के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। इस अध्ययन में यह भी सामने आया कि केवल 17 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने अपने संगठन में कार्बन के इनपुट की गणना की। इसके अलावा, जिन संगठनों ने सस्टेनेबिलिटी की स्ट्रेट्जी पर काम किया, उनमें से केवल 7 प्रतिशत को इसका बड़ा फायदा मिल सका। कुलमीत बवा, प्रेसिडेंट एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, एस. ए. पी. इंडियन सबकॉन्टिनेंट ने कहा, ‘‘यह एक सकारात्मक संकेत है कि भारतीय संगठन यकीन करते हैं कि पर्यावरण की रक्षा करते हुए लाभ अर्जित करना संभव है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘टेक्नॉलॉजी के उपयोग से हम कंपनियों को वास्तविक, असली और फायदेमंद व्यवसायिक मूल्य प्राप्त करने में मदद करने में सक्ष