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को-ऑपरेटिव बैंकों की राज्य स्तरीय खेल-कूद प्रतियोगिता हुईं बीकानेर में

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० आशा पटेल ०  जयपुर। राज्य के सभी केन्द्रीय सहकारी बैंकों तथा अपैक्स बैंक (राजस्थान स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक) की राज्य स्तरीय 22वीं खेल-कूद प्रतियोगिता स्पैक्ट्रम (दि स्पोर्टस एण्ड कल्चरल सोसायटी ऑफ को-ऑपरेटिव बैंक्स इन राजस्थान) तथा बीकानेर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के संयुक्त तत्वावधान में बीकानेर में आयोजित की गई। खेलकूद प्रतियोगिता का उद्घाटन विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा किया । स्पैक्ट्रम अध्यक्ष एस.एल.स्वामी ने बताया कि टेबल टेनिस, बैंडमिंटन, कैरम, बॉलीबॉल टीम स्तर पर तथा एथेलेटिक्स प्रतियोगिताएं 100 मीटर दौड, 4 गुणा 100 मीटर दौड, गोला फेंक, भाला फेंक, लम्बी कूद, ऊंची कूद, महिलाओं की बैंडमिंटन, 50 मीटर दौड, म्यूजिकल रेस, एक मिनट प्रतियोगिता व्यक्तिगत स्तर की आयोजित की गई। आयोजन मीट डायरेक्टर अतिरिक्त रजिस्ट्रार सहकारी समितियां बीकानेर खण्ड बीकानेर श्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि टेबल टेनिस, कैरम की विजेता अपैक्स बैंक जयपुर, बॉलीबॉल की विजेता जयपुर जोन तथा बैंडमिंटन की विजेता पाली टीम रही। राज्य के सभी स

स्कूलों को डे बोर्डिंग कल्चर विकसित करना चाहिए-डॉ किरण बेदी

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली : खुराना एजुकेशन सोसाइटी के तत्वावधान में शांतिज्ञान विद्यापीठ स्कूल, गोयला, द्वारका में वार्षिक खेलोत्सव मुख्यातिथि डॉ किरण बेदी के हाथों आसमान में गुब्बारे छोड़कर शुभारंभ करते हुए बड़ी धूमधाम से मनाया | इस अवसर पर पांडेचेरी की पूर्व उपराज्यपाल डॉ किरण बेदी बतौर मुख्यातिथि तथा विशिष्ट अतिथि के तौर पर राष्ट्रमंडल में स्वर्ण पदक विजेता-अर्जुन अवार्डी मिस पिंकी (लॉन बॉल खिलाड़ी) ने उपस्थित रहकर वार्षिक खेलोत्सव की शोभा बढाई   स्कूल के चेयरमैन सुरिंदर खुराना तथा निदेशक रोहित खुराना ने बताया कि उक्त वार्षिक खेलोत्सव को सफल बनाने में हमारे नर्सरी क्लास से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने पिछले छ: महीने से तैयारी शुरू कर थी | इस मौके पर डॉ किरण बेदी ने अपने संबोधन में स्कूली बच्चों, अभिभावकों तथा स्कूल प्रबंधन को डे बोर्डिंग कल्चर विकसित करने का आग्रह किया ताकि बच्चों के उज्जवल भविष्य का निर्माण किया जा सके| डॉ बेदी ने स्वीकार करते हुए कहा कि उन्होंने अपने निजी जीवन में जो भी सफलताएँ हासिल की उसका श्रेय उनके माता-पिता तथा स्कूल को जाता है |  डॉ किरण ने सफलता के

वीर साहिबजादो ने राष्ट्र के लिए दिया था बलिदान

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० योगेश भट्ट ०  देहरादून - गुरु नानक मिशन पब्लिक स्कूल में बीरबल दिवस संगोष्ठी व फिल्म प्रदर्शनी में अतिथि जनों ने बलिदानियों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर याद किया कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सरदार गुरजीत सिंह प्रधान ने भारत रक्षा मंच के द्वारा देश के वीर महापुरुषों के जन्म जयंतीयों पर संगोष्टियां आयोजित करने की पहल की सराहना कि आए हुए सभी वरिष्ठ पदाधिकारी अतिथि जानों छात्र-छात्राएं मातृ शक्ति व प्राध्यापक बंधुओं को भारत रक्षा मंच के प्रदेश संयोजक संगठन मंत्री आशीष वाजपेयी संबोधित करते हुए कहा देश के अंदर कोई ऐसा संगठन होना  अत्यंत आवश्यक था जो समाज के लिए जो गैर राजनीतिक रूप में हमारे देश के वीर बलिदानियों की जीवन चरित्र को समाज के अंतिम पंक्ति में बैठे लोगों तक पहुंचाने का कार्य करें इन वीर बलदानियों ने देश के लिए बलिदान दिया है आज समाज को जरूरत है हम भी उनके बलिदान को याद करके गौरव के अनुभूति करें व मां भारती की सेवा में अपने आप को समर्पित करें आज भारत देश मुगल आक्रांताओं ने आजाद देश के वीर महापुरुषों और बलदानियों के त्याग व संघर्ष के कारण सभवं हुआ पूर्व की सरकारों ने हमारे देश के

Jaipur भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल में सांताक्लॉज के साथ झूमें बाल कैंसर...

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तिलोक कोठारी की पंजाबी फिल्म "मजनू" का फर्स्ट लुक रिलीज

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० संवाददाता द्वारा ०   मुंबई - शालीमार प्रोडक्शन्स की पंजाबी फिल्म "मजनू" का फर्स्ट लुक पोस्टर रिलीज कर दिया गया है ।  बेहद रोमांटिक तरीके से खेतों के बीच मचान पर प्रेमी और प्रेमिका की जोड़ी का जो रोमांटिक लुक इस पोस्टर के लिए लिया गया है वो अपनेआप में बहुत ही प्यारा फील दे रहा है । सरसो के फूल और ख़ुशगवार वातावरण के बीच प्यार की तरंगों को अपनेआप में समेटे प्रेमी जोड़े की इस अनोखी छवि से पंजाबी फिल्म जगत में इस फ़िल्म को लेकर चर्चाओं का बाज़ार भी गर्म हो गया है । फ़िल्म "मजनू" अगले साल 2024 में 22 मार्च को रिलीज करने के लिए शेड्यूल की गई है।  इस त्रिकोणीय रोमांटिक फिल्म में गुरमीत सिंह ने अपने मधुर संगीत से जो समा बांधा है । उनकी बेहतरीन धुनों व हशमत सुल्ताना, कमाल खान, मन्नत नूर, सिमरन भारद्वाज और शाहिद माल्या द्वारा गाए गए सभी गाने इतने खूबसूरत बन पड़े हैं कि ये आगे चलकर लोगों की जुबां पर स्वतः ही चढ़ जाएंगे । बॉलीवुड फिल्मों के लिए प्रसिद्ध तिलोक कोठारी द्वारा निर्मित व सुजाद इकबाल खान द्वारा निर्देशित ,किरण शेरगिल द्वारा कृत फिल्म "मजनू" में प्रीत बाठ , किरण

रिनि चंद्रा की राजस्थानी हिपहॉप रैप सॉन्ग झोपड़ी हुआ वायरल

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० संवाददाता द्वारा ०  राजस्थानी की बात की जाए तो वहाँ की डिशेज और राजस्थानी पहनावा दुनियाभर में अपनी अलग पहचान लिए हुए है ।  इसी तरह से यदि आप राजस्थानी गानों की बात करें तो उनमें मारवाड़ी ठाट बाट की बातें और परिधानों की प्रधानता लाज़मी है । गयिका रिनि चंद्रा की रिलीज़ हुई राजस्थानी हिपहॉप रैप सॉन्ग झोपड़ी इस थीम एक नए स्वैग और एनर्जी के साथ नज़र आता है ।  इस हिप हॉप रैप गाने में मदहोशी और ट्रांसफॉर्मिंग एनर्जी लेबल है जिसको आप इस गाने के साथ फील कर सकते हैं । ऐसे गाने राजस्थानी में आमतौर पर नहीं बनते लेकिन उसी परिपाटी को तोड़ते हुए और एक जबरदस्त परफॉर्मेंस के साथ इस झोपड़ी ने इंटरनेट पर सनसनी क्रिएट कर दिया है । यह हिपहॉप रैप झोपड़ी रीलीजिंग के साथ ही वायरल होने की राह पर अग्रसर है । बड़ी संख्या में लोगों को यह रैप सांग पसन्द आ रहा है । व्यूवरशिप की इस स्पीड को देखते हुए यही लगता है कि यह रैप सॉन्ग जल्द ही मिलियन का आंकड़ा छू लेगा । लोगों की जुबां पर यह गाना चढ़ने लगा है ।  रिलीज हुई इस झोपड़ी के बोल लिखे हैं पीके निम्बार्क ने। इस गाने को गाया है रिनि चंद्रा ने जिनके साथ

पहले इतिहास तो जान लो तब कहना कि गुलामी का कानून था या मानवता का

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०  डॉ. उदित राज, पूर्व सांसद ०  अंग्रेजों के द्वारा स्थापित न्याय व्यवस्था के पहले का इतिहास तो जान लो तब कहना कि गुलामी का कानून था या मानवता का। दलित हत्या करने पर एक विशेष जाति को सजा नही दी जाती थी। युद्ध में पति के शहीद होने पर पत्नी को जिंदा जला दिया जाता था । भारत के ब्रिटिश गवर्नर-जनरल लॉर्ड विलियम बेंटिक ने बंगाल सती विनियमन, 1829 को अधिनियमित किया, जिसमें जिंदा जलाने या दफनाने की प्रथा की घोषणा की गई। शूद्र तालाब का पानी भी नहीं पी सकते थे ।  पीने के कुएं अलग थे। शूद्र खाट पर बैठ नही सकते थे और बंधुवा मजदूरी आम थी। दलित और पिछड़े गांव के दक्षिण तरफ़ बसाए जाते थे ताकि हवा चलने पर सवर्ण अशुद्ध न हो जाएं। शूद्र की नई नवेली स्त्री को सवर्ण के साथ सोना पङता था ताकि उसका अनुष्ठान हो सके ।तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 लोकसभा और राज्य सभा से पास हुए हैं।भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023 भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860 का स्थान लेगी, जबकि भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) सं