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NCC ने अपना 71वां स्थापना दिवस मनाया

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नयी दिल्ली - इस साल एनसीसी के कैडेटों ने महाराष्ट्र, बिहार और केरल की बाढ़ के दौरान चलाए गए राहत अभियानों में अपना बड़ा योगदान दिया। कैडेटों ने खुले दिल से स्वच्छता अभियान, स्वच्छता साइकिल रैली, मेगा प्रदूषण पखवाड़े में हिस्सा लिया और डिजिटल साक्षरता, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, रक्तदान शिविर, पौधरोपण और टीकाकरण आदि सरकार की विभिन्न पहलों को लेकर जागरुकता फैलाने में अहम भूमिका निभाई। एनसीसी की लड़कियों ने सिक्किम में माउंट टेनचेनखांग (6,010 मीटर) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की वहीं लड़कों ने हिमाचल प्रदेश के माउंट हनुमार टिब्बा (5,982 मीटर) पर चढ़ने में सफलता पाई। विश्व का सबसे बड़ा वर्दीधारी युवा संगठन राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) आज अपना 71वां स्थापना दिवस मना रहा है। यह समारोह कल रक्षा सचिव डा. अजय कुमार और एनसीसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चोपड़ा द्वारा नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर राष्ट्र की सेवा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ शुरू हुआ। उन्होंने पूरी एनसीसी बिरादरी की ओर से शहीदों को पुष्प अर्पित किए। एनसीसी का स्थापना दिवस देश

डॉक्युमेंट्री फिल्‍म निर्माताओं को दर्शकों की कमी की समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है : ऊषा देशपांडे

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आईडीपीए आईएफएफआई के दौरान 25, 26 एवं 27 नवंबर को दोपहर 1.30 बजे ओपेन फोरम का भी आयोजन करेगा। ओपेन फोरम के शीर्षक होंगे, ' क्‍या देश भर में तेजी से खुल रहे विभिन्‍न फिल्‍म स्‍कूलों द्वारा दी जा रही शिक्षा की गुणवत्‍ता की कोई निगरानी की जा रही है?, रियलिटी आधारित फिल्‍में कितनी वास्‍तविक हैं?, क्‍या स्‍वतंत्र फिल्‍मकार डिजिटल वितरण मंचों से लाभान्वित हो रहे हैं? पणजी -वृत्‍त फिल्‍म निर्माता एसोसिएशन (आईडीपीए) की अध्‍यक्ष श्रीमती ऊषा देशपांडे ने कहा है कि वृत्‍त चित्र फिल्‍म निर्माताओं को वित्‍त पोषण और दर्शकों की कमी जैसी कई समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है। वह पणजी में 50वें भारतीय अंतरराष्‍ट्रीय फिल्‍म समारोह में आईडीपीए के महासचिव श्री संस्‍कार देसाई के साथ एक मीडिया सम्‍मेलन को संबोधित कर रही थीं। उन्‍होंने कहा, ' किसी वृत्‍त चित्र फिल्‍म निर्माता की मुख्‍य आवश्‍यकता दर्शकों तक पहुंचना है। हम वृत्‍त चित्र फिल्‍म निर्माताओं के लिए मंच मुहैया कराने के लिए देश भर में स्क्रीनिंग और फिल्‍म समारोहों का आयोजन कर रहे हैं। फिल्‍म समारोहों के सहयोग से, प्रत्‍येक महीने के दूसरे और चौ

 दिसम्बर के अन्तिम सप्ताह में बनेगी जाट आरक्षण आन्दोलन की रणनीति-यशपाल मलिक

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जसिया-रोहतक , अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति हरियाणा द्वारा आयोजित हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी दीनबन्धु चौ. छोटूराम की 139वीं जयन्ती पर व छोटूराम धाम की स्थापना की तीसरी वर्षगांठ पर चौ. छोटूराम जयन्ती समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में कई राज्यों से उनके अनुयायी, वैज्ञानिक, खिलाड़ी, अधिकारी, व्यापारी व विभिन्न दलों के राजनीतिक नेताओं ने भाग लिया और सभी ने कहा छोटूराम धाम के निर्माण की आवष्यकता है। इसके निर्माण से जाट कौम के  सामाजिक, शैक्षणिक व अर्थिक उत्थान  की दिषा में यह धाम मील का पत्थर साबित होगा। इस अवसर पर समिति के  राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री यषपाल मलिक  ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में जाट समाज की  सामाजिक, शैक्षणिक व आर्थिक उत्थान  के लिये एक सामाजिक संगठन की आवष्कता है जिसके लिये जाट सेवा संघ का गठन किया गया। जाट सेवा संघ की पहली परियोजना जसिया में  25 एकड़ जमीन पर  “छोटूराम धाम”  का निर्माण किया जा रहा है। छोटूराम धाम की विस्तृत व्याख्या करते हुऐ उन्होंने बताया कि  छोटूराम धाम  जाट समाज की सामाजिक, शैक्षणिक व आर्थिक तरक्की के लिये नये आयाम स्थापित करेगा। इस अव

पार्षद भूपेंद्र गुप्ता ने केजरीवाल की खोली पोल Delhi BJP Councillor

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BJP Leader सत्य प्रकाश राणा का राज नगर वालों ने किया अभिनंदन

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औरत के होने या न होने की दुविधा Khuda ke Drbaar me Pahuncha Insaan

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फेडरेशन ऑफ फिल्म सोसाइटी ऑफ इंडिया ने ‘फोरम मंच-2019’ का आयोजन किया

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'खुला मंच' के संयोजक प्रकाश रेड्डी ने फेडरेशन के इतिहास के बारे में जानकारी दी। इस सोसाइटी को भारत के महान फिल्‍मकार सत्यजीत रे ने 1959 में की थी और इसमें 350 से अधिक फिल्म सोसाइटी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 'फोरम मंच' को 1988 में 'प्रयोग' के रूप में शुरू किया गया था और तब से यह एक नियमित कार्यक्रम बन गया है। उन्होंने कहा कि मंच, फिल्म निर्माताओं के लिए साथी फिल्म निर्माताओं, शोधकर्ताओं के साथ बातचीत करना और लेखकों को अपनी किताबें जारी करने के लिए प्रोत्साहित करने का अवसर प्रदान करता है। पिछले 31 वर्षों से 'फोरम मंच' भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्‍सव में एक नियमित कार्यक्रम रहा है। फेडरेशन ऑफ फिल्म सोसाइटी ऑफ इंडिया ने  'फोरम मंच-2019' का आयोजन किया है। इसका विषय है आईएफएफआई @ 50: फ्लैश बैक एंड मूविंग फॉरवर्ड।  फिल्म महोत्सव निदेशक और महोत्सव निदेशालय (डीएफएफ) के एडीजी चैतन्य प्रसाद, फेडरेशन ऑफ फिल्म सोसायटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष किरण शांताराम, फिल्म निर्माता और आईएफएफआई 2019 की तकनीकी समिति के अध्यक्ष ए.के बीर, किनोएटर पत्रिका, रूस के कार्यका

‘मैं 'दृष्टिहीन' शब्द का उपयोग नहीं करना चाहती-अभिनेत्री तापसी पन्‍नू

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गोवा - अभिनेत्री तापसी पन्‍नू ने कहा, 'मैं 'दृष्टिहीन' शब्द का उपयोग नहीं करना चाहती। वास्तव में आपकी अन्य इंद्रियां हमारे मुकाबले कहीं अधिक मजबूत हैं। मुझे खुशी है कि ऐसी फिल्में आप तक पहुंच सकती हैं।' उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि भविष्‍य में उानकी फिल्मों को भी ऑडियो फिल्मों में भी बदली जाएंगी। आईएफएफआई के 50वें महोत्‍सव को एक समावेशी आयोजन बनाने के लिए 'एक्सेसिबल इंडिया- एक्सेसिबल फिल्म्स' श्रेणी के तहत विशेष आवश्यकता वाली तीन फिल्मों का प्रदर्शन किया रहा है। यह आईएफएफआई, सक्षम भारत और यूनेस्को का एक संयुक्त भागीदारी है। इसका उद्देश्य ऑडियो के जरिये दिव्‍यांग लोगों के लिए समावेशी जगहों के सृजन को बढ़ावा देना है। राजकुमार हिरानी द्वारा निर्देशित 'मुन्ना भाई एमबीबीएस' के साथ इस श्रेणी का उद्घाटन हुआ। इसे इस महोत्‍सव के निदेशक चैतन्य प्रसाद, ईएसजी के वाइस-चेयरमैन सुभाष फलदेसाई, ईएसजी के सीईओ अमित सतीजा और अभिनेत्री तापसी पन्नू ने लॉन्च किया। इस कार्यक्रम में लोकविश्‍वास प्रतिष्‍ठान, दृष्टिहीन स्कूल, पोंडा और नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड के छात्रों ने भाग ल

मां की मृत्यु पर तुम चले जाओ मैं पिता की मृत्यु पर चला जाऊंगा

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हमारे बुजुर्ग एक कहानी सुनाया करते थे। श्रवण कुमा र और उनके अंधे माता की। तब उस कहानी का अर्थ हमें नहीं आता था।मग्गा धरती,उसका नाम आता था। जिसका अर्थ "बेपीर धरती"था। कहते थे उसमें ही महाभारत का युद्ध लड़ा गया। जो चंद धरती के लिए लड़ी गई। उसमें भाई भाई आपस में लड़ें ,नारी धर्म की रक्षा तो दूर उसे भरी सभा में वस्त्र हीन करना बहादुरी  दिखाना था।          कहानी आगे कहती है कि श्रवण कांवर में रख कर माता पिता को देशाटन करवाया करते थे।जब वे इस धरती से गुजर रहे थे तब उनका मन भ्रांति में फंस गया कि इन्हें कंधे में लादकर ले जा कर मुझे क्या लाभ है। अच्छा है इन्हें किसी कुंए बावड़ी में डाल दूं, इसी उहापोह में वह अगली धरती में पग बढ़ाने लगा, उसकी तंद्रा टूटी माता पिता को झटके के साथ कुछ आभास हुआ तो पूछ बैठे बेटा क्या हुआ तब श्रवण ने मन की बात कह डाली कि मेरे मन में पाप  बैठ गया था ,वे बोले यह तुम्हारा दोष नहीं इस धरती का कसूर है।        यही कहानियां हमने पढ़ी और पढ़ाई हैं किंतु आज हम देखते हैं कि वे श्रवण पूरी तरह बदल गये हैं। मैं ऐसे लोगों को जानता हूं जिनकी कहानी आहत करने वाली है। सिद्ध

प्रतिष्ठित और चर्चित लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ उनकी कथाकृति स्वप्नपाश के लिए 28वें बिहारी पुरस्कार से सम्मानित

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जयपुर - के. के.बिरला फाउंडेशन की ओर से हिंदी की प्रतिष्ठितऔर चर्चित लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ को उनकी कथाकृति स्वप्नपाश के लिए 28वें बिहारी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुरस्कार हिन्दी की प्रसिद्ध साहित्यकार ममता कालिया तथा चयन समिति के अध्यक्ष ओम थानवी द्वारा एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया । जयपुर की प्रसिद्ध लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ के हिन्दी उपन्यास 'स्वप्नपाश' का प्रकाशन वर्ष 2016 है। 'स्वप्नपाश' मनीषा कुलश्रेष्ठ के पिछले उपन्यासों से एकदम अलग किस्म का उपन्यास है जिसकी नायिका शिजोफ्रेनिया की शिकार है। इस पुरस्कार के तहत एक प्रशस्ति पत्र, एक प्रतीक चिह्न और ढाई लाख रुपये की राशि भेंट की जाती है। इस पुरस्कार की शुरूआत 1991 में की गई थी।

सरकारी ई-बाजार - जेम और दिल्‍ली सरकार के बीच समझौता

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नयी दिल्ली - भारत सरकार के वाणिज्य विभाग द्वारा गठित सरकारी ई-बाजार एक अत्‍याधुनिक सार्वजनिक खरीद का मंच है। जो सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए सरकारी उपभोक्‍ताओं की सुविधा के लिए ई-बोली प्रक्रिया, रिवर्स ई-नीलामी और मांग में सामंजस्‍य बनाए रखने के तौर-तरीके उपलब्‍ध कराता है। पोर्टल पर 40 हजार से अधिक खरीदार संगठन और 3 लाख से अधिक विक्रेता और सेवा प्रदाता पंजीकृत हैं। इसके अलावा, लगभग 15 लाख उत्पाद और सेवाएँ जिनमें 3,000 से अधिक उत्पाद श्रेणियां हैं, जीईएम पर उपलब्ध हैं। पोर्टल द्वारा प्रदान की जाने वाली पारदर्शिता, दक्षता और समावेशिता की पहल ने सरकारी संगठनों के लिए औसतन 15 - 25% की बचत की है। सरकारी ई-बाजार (जीईएम) ने दिल्ली के खरीदार संगठनों को बाजार आधारित खरीद की सुविधा उपलब्‍ध कराने के लिए दिल्ली सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए हैं। दिल्ली लगातार सरकारी ई-बाजार पर शीर्ष खरीदारों में से एक रही है। समझौता ज्ञापन दोनों संस्थाओं की खरीद प्रक्रिया के निर्देशों और प्रणालियों के बीच सामंजस्य को और बेहतर बनाएगा जिससे खरीद प्रक्रिया आसान और

8वां अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट मणिपुर के इम्फाल में शुरू

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मणिपुर - 8वें अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट, के जरिए सतत पर्यटन को आर्थिक विकास और रोजगार के इंजन के रूप में प्रचारित किया जाएगा। यह पर्यटन को बढ़ावा देने उपायों पर चर्चा के अलावा पूर्वोत्‍तर राज्‍यों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने तथा इन राज्‍यों के साथ पड़ोसी देशों के संबंध बेहतर बनाने के लिए एक मंच भी प्रदान करेगा। दुनिया भर से और देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए खरीदार और मीडिया के लोग इस मार्ट में भाग ले रहे हैं जिससे वे उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों के विक्रेताओं के साथ सीधी बातचीत करने का अवसर मिलेगा। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कंबोडिया, चेक, दुबई, इटली, जापान, ओमान, कोरिया, म्यांमार, मलेशिया, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, सिंगापुर, स्पेन, थाईलैंड, अमेरिका, ब्रिटेन और वियतनाम जैसे देशों से आए खरीदारों की कुल 36 टीमें मार्ट में भाग ले रही हैं। भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय  पूर्वोत्तर राज्यों के साथ मिलकर 23 नवंबर से 25 नवंबर तक मणिपुर की राजधानी इम्फाल में "अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट" (आईटीएम) का आयोजन कर रही है। संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पट

भारत और ऑस्ट्रेलिया ने भूजल की भरपाई में अनुसंधान के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए

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नई दिल्ली - केंद्रीय भूजल बोर्ड ने आयोजित एक समारोह में ऑस्ट्रेलिया के 'मारवी' (मैनेजिंग एक्वीफर रीचार्ज एंड सस्टेनिंग ग्राउंडवॉटर यूज थ्रू विलेज-लेवल इंटरवेंशन) के साथ एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि जल संकट किसी एक देश का नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का मुद्दा है। उन्होंने कहा, हमारी 65 प्रतिशत निर्भरता भूजल पर है और इसमें बढ़ोतरी होती जा रही है।' उन्होंने कहा कि क्योंकि भावी पीढ़ियां इससे प्रभावित होंगी, इसलिए यह मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, जल शक्ति तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रत्तन लाल कटारिया, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग के सचिव यू. पी. सिंह, ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री डैन टेहन और भारत में ऑस्ट्रेलिया की उच्चायुक्त सुश्री इवेन मैके उपस्थित थीं। अपने संबोधन में कटारिया ने कहा कि सरकार 'जलदूत' संवर्ग बनाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा, 'भूजल का दोहन सबसे अधिक होता है, क्योंकि वह सस्ता और सुगम्य है।'