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माधव प्रकाशन प्रमुख लेखकों की पुस्तकों का करेगा पुनर्प्रकाशन

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० योगेश भट्ट ०  ∙ रेमाधव ने बहुत ही कम समय में उल्लेखनीय लेखकों सत्यजित राय, उपेंद्रनाथ अश्क, समरेश बसु, विभूति भूषण बंद्योपाध्याय, सुनील गंगोपाध्याय, विजयदान देथा, नृसिंह प्रसाद भादुड़ी, मृदुला गर्ग, मैत्रेयी पुष्पा, चित्रा मुद्गल, संजीव, चंद्रकांता, मधु कांकरिया जैसे लेखकों को प्रकाशित किया था। ∙ रेमाधव प्रकाशन प्रमुख लेखकों की किताबों के प्रकाशन के साथ ही पुस्तक प्रेमियों के लिए महान और नए लेखकों और साथ ही विभिन्न भारतीय भाषाओं की बेहतरीन कृतियों का अनुवाद हिंदी में लाने के लिए प्रयत्नशील है। ∙ विभिन्न भारतीय भाषाओं के कई नए और महान लेखकों को एक साथ लाया जा रहा है। नई दिल्ली। राजकमल प्रकाशन समूह के प्रकाशन रेमाधव ने घोषणा की है कि वह सत्यजित राय सहित प्रमुख लेखकों के साहित्य को नए रूपाकार के साथ पुनर्प्रकाशित कर नए सिरे से पाठकों के बीच में लाने जा रहे हैं। रेमाधव प्रकाशन का यह संकल्प है कि वह हिन्दी और अन्य भाषाओं के लेखकों की श्रेष्ठ पुस्तकें निरन्तर प्रकाशित करेगा। गौरतलब है कि रेमाधव प्रकाशन का अधिग्रहण कुछ वर्ष पहले देश के अग्रणी हिंदी प्रकाशन राजकमल प्रकाशन समूह ने कर ल

हिन्दी भाषा के विकास के लिए केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय कटिबद्ध

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली। भारतीय अन्य भाषाओं की तरह ही इसका भी विपुल तथा लोकप्रिय साहित्य है । भारतीय स्वतंत्रता संग्राम तथा राष्ट्र निर्माण में इस भाषा का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है । उन्होंने यह भी कहा कि वस्तुत: यह ' हिन्दी दिवस ' एक संकल्प दिवस है जिसका उद्देश्य अपने कार्यालय तथा दैनिक जीवन आदि में हिन्दी को बढ़ावा देना है । केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली के कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी ने 'हिन्दी दिवस ' के उपलक्ष्य में अपने तथा अपने विश्वविद्यालय की ओर से सभी देश वासियों तथा हिन्दी अनुरागियों को हार्दिक बधाई देते कहा कि भाषा अपने देश की अन्त: सांस्कृतिक स्रोत होती है ।अतः भाषा तथा साहित्य अपने राष्ट्र का धरोहर होने के कारण वहां की पहचान भी होती है । यही कारण है कि हिन्दी अपने आम बोल चाल , फिल्म तथा उनके गानों तथा सोशल मीडिया के द्वारा आज लगभग समग्र भारतवर्ष को जोड़ती है । इसलिए हिन्दी भाषा के विकास के लिए केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भी कटिबद्ध है । कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी ने यह भी कहा है कि इस वर्ष भी हिन्दी को और अधिक प्रोत्साहन देने के लिए &

उत्तराखंड की महिला शक्ति को 'वीरांगना तीलू रौतेली सम्मान-2022' से सम्मानित किया जाएगा

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० योगेश भट्ट ०  मई दिल्ली - वीरबाला तीलू रौतेली की 361वीं जयंती वर्ष में उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान(पंजी.) गढ़वाल भवन, नई दिल्ली में भव्य आयोजन करने जा रहा है जिसमें विगत वर्षों की भांति सामाजिक क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाली उत्तराखंड की किसी एक महिला शक्ति को '18/09/2022 को वीरांगना तीलू रौतेली सम्मान-2022' से सम्मानित किया जाएगा।  इस अवसर पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ संस्थान की सांस्कृतिक सचिव,शास्त्रीय संगीत गायिका श्रीमती मधु बेरिया साह द्वारा रचित एवं संगीतबद्ध 'तीलू रौतेली गीत' संस्थान के गायक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। श्री गिरधारी रावत द्वारा लिखित एवं निर्देशित लघु नाटिका 'द्वी चकड़ैत' का मंचन भी किया जाएगा

द्वारका पॉकेट 8 नसीरपुर में कोविड-19 बूस्टर वैक्सीन कैंप का आयोजन

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० इरफ़ान राही ०  नयी दिल्ली -  दिल्ली सरकार स्वास्थ्य विभाग डिस्पेंसरी द्वारा डीडीए पॉकेट नंबर 8 नसीरपुर द्वारका सेक्टर ए में कोविड-19 का बूस्टर डोज कैंप का आयोजन किया गया।विधानसभा चाइल्ड प्रोटेक्शन कमेटी डीसीपीसीआर दिल्ली सरकार के सदस्य हैं तथा कैंप के संयोजक इरफ़ान राही ने बताया कि हमारे डीडीए पार्क नंबर 8 में बहुत सारे ऐसे लोग रह गए थे जिन्होंने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाई थी लिहाज़ा स्वास्थ्य विभाग के ‌सहयोग से यह कैंप निवासियों के लिए लगवाया गया ।जिसमें तीनों वैक्सीन जिसमें कोविशील्ड, कोवैक्सीन और बच्चों के लिए कोरबिवैक्स वैक्सीन का पूरा इंतज़ाम था। इस मौके पर विधानसभा चाइल्ड प्रोटेक्शन कमेटी के मेंबर मैडम निवेदिता पात्रों भी मौजूद रहीं। कैंप की साइट मैनेजर डॉक्टर रेणुका ठाकुर ने क्षेत्र के आसपास की सभी आशा वर्कर्स को इस कैंप के प्रचार-प्रसार और जागरूक करने के लिए कहा , वही स्थानीय मदीना मस्जिद एवं मदरसे से भी लाउडस्पीकर्स में ऐलान किया गया जिसके नतीजे में भारी संख्या में लोगों ने वैक्सीन लगवाई। यह कैंप दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लगाया गया कैंप को सफल बनाने में डिस्पे

हिन्दी दिवस पर विशेष-अपनों से ही उपेक्षित,आखिर क्यों ?

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० सुरेखा शर्मा  लेखिका / समीक्षक ० हमारे स्वाभिमान की भाषा  हिन्दी । हमारे स्वाभिमान की भाषा ,फिर भी अपनों से उपेक्षित ,आखिर क्यों ? आज यह प्रश्न विचारणीय है । हमें हिंदी भाषा की स्थिति पर सोच-विचार करना होगा।कितने आश्चर्य की बात है कि पूरे देश में 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है ।विद्यालयों में,सरकारी संस्थानों व कार्यालयों में हिंदी दिवस को एक महोत्सव का रूप दिया जाता है।  फिर पूरा वर्ष हिन्दी भाषा को भुलाकर सब कार्य अंग्रेजी भाषा में होते हैं ।इससे बड़ी दुर्भाग्य की बात क्या होगी कि स्कूल में बच्चे यदि हिन्दी में बात करते पाए गए तो उन्हें सजा के तौर पर जुर्माना भरना होता है। तब हम सोचने पर विवश हो जाते हैं कि हम हिन्दुस्तान में रहते या विदेश में ? अपने ही देश में अपनी ही भाषा बोलने पर सजा ? यह भारतीयों की हीन भावना का ही परिणाम है क्योंकि हम भारतीय जब तक अंग्रेजी में बात ना करें तो स्वयं को अनपढ़, गंवार समझते हैं इसमें दोष किसका है ? इसका मनोविश्लेषण करना होगा । आज हिन्दी भाषा के प्रति जितनी उदासीनता हिन्दुस्तान में देखने को मिल रही है, उतनी ही तीव्र गति से विदेशों में हिंदी क

रिप्लेसिएबल-हेड टूथब्रश - कोलगेट कीप के साथ प्लास्टिक कचरे को कम करने की पहल

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली  - कोलगेट-पामोलिव ने रिप्लेसिएबल प्लास्टिक हेड के साथ मैटल हैंडल टूथब्रश - कोलगेट कीप का लॉन्च करके प्लास्टिक कचरे की समस्या का समाधान करने की ओर अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया। कोलगेट कीप टूथब्रश में सॉफ्ट ब्रिसल वाले डिस्पोज़ेबल हेड और टाँग स्क्रेपर के साथ एक रियूज़ेबल मैटल स्टैंड-अप हैंडल है। पूरे हैंडल से प्लास्टिक को हटा दिए जाने से प्लास्टिक के इस्तेमाल में 80 प्रतिशत की कमी आई है। इसके अलावा, कोलगेट कीप टूथब्रश की आउटर कार्डबोर्ड पैकेजिंग 60 प्रतिशत रिसाईकल्ड कार्डबोर्ड से बनी है। कोलगेट कीप टूथब्रश के लॉन्च के बारे में कोलगेट-पामोलिव (इंडिया) लिमिटेड के वाईस प्रेसिडेंट मार्केटिंग, अरविंद चिंतामणि ने बताया, ‘‘कोलगेट हमारे नए प्लास्टिक का एक तिहाई हिस्सा खत्म करने और 2025 तक 100 प्रतिशत रिसाईक्लेबल, रियूज़ेबल एवं कंपोस्टेबल प्लास्टिक पैकेजिंग हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। कोलगेट कीप का लॉन्च इस दिशा में एक बड़ी पहल है। यह खूबसूरत डिज़ाईन का टूथब्रश लोगों को ज्यादा सतत आदतों के विकास में मदद करेगा और उनके मुँह को स्वच्छ व सेहतमंद रखकर उन्हें खूबसूरत

केंद्र सरकार मवेशियों के मल-मूत्र के माध्यम से किसानों की आमदनी बढ़ाने के स्रोत को मजबूत बनाएगी

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० योगेश भट्ट ०  "हमें यह सोचना होगा कि हम जानवरों की बीमारियों को एक देश से दूसरे देश में कैसे रोक सकते हैं। केंद्र सरकार, राज्य सरकार और दुग्ध सहकारी समितियों को स्थिति से उबरने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए एक साथ आना होगा।" ग्रेटर नोएडा । केंद्र सरकार ने कहा कि दुग्ध व दुग्ध उत्पाद को वित्तीय लाभ दिलाने के साथ मवेशियों के मल-मूत्र के माध्यम से किसानों की आमदनी बढ़ाने के स्रोत को मजबूत बनाएगी। इससे छोटे और सीमांत किसानों को लाभ मिलेगा, साथ ही दुधारू पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान और उनके टीकाकरण पर बल दिया गया। यहां एक्सपो मार्ट सेंटर में आईडीएफ वर्ल्ड डेयरी समिट- 2022 को संबोधित करते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि आज मवेशियों के कचरे का उपयोग बायोगैस, उर्वरक प्लास्टर या पेंट आदि बनाने के लिए किया जा रहा है। यह एक अच्छी बात है। इससे किसानों की आय का साधन भी और मजबूत होगा। श्री सिंह 'इवोल्यूशन ऑफ डेरी ए लाइवलीहुड पर्सपेक्टिव' नामक सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा देकर गाय और भैं