केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में सरल संस्कृत अनुष्ठान समिति बनायी गयी
० योगेश भट्ट ० नयी दिल्ली - विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) के नये नियम के आलोक में एक ही साथ दो सत्रों में नामांकन के प्रावधान को भी अंगीकार किया गया है ,ताकि संस्कृत के छात्र छात्राओं को भी अधिक से अधिक उपाधि , ज्ञान प्राप्ति और जीवनवृत्ति के अवसर मिल सके । इस नूतन पाठ्यक्रम के अन्तर्गत कौशल विकास तथा रोज़गार के समुचित उन्नति के लिए तत्काल योग, ज्योतिष,पौरोहित्य एवं कर्मकाण्ड पाठ्यक्रमों को संचालित करने की अनुशंसा की गयी है । केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय , दिल्ली के 08वें विद्वत् परिषद् में कुलपति श्रीनिवास वरखेड़ी की अध्यक्षता में अनेक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गये हैं /केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020 लागू कर दी गयी है । विद्वत् परिषद् की बैठक में विषय विशेषज्ञों द्वारा आचार्य ( एम ए) तथा शास्त्री (बी ए तथा प्रतिष्ठा) के लिए बनाए गये इसके पाठ्यक्रमों की स्वीकृति के साथ यह भी निर्देश दिया गया है कि शैक्षणिक सलाहकार समिति(AAC) ने इन पाठ्यक्रमों के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार तथा बेवसाइट पर उपलब्ध कराने की जो सलाह दी गयी है , उसे व्यवहार में ल