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आयुर्वेद में ऋतुचर्या का विधान पूरे वर्ष कैसे रहें स्वस्थ

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० योगेश भट्ट ०   आयुर्वेद का मुख्य प्रयोजन स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना तथा रोगी मनुष्य के रोग की चिकित्सा करना है। इस प्रयोजन की सम्पूर्ति हेतु आचार्यो ने दिनचर्या, रात्रिचर्या, ऋतुचर्या का विधान बताया है आयुर्वेद में काल को वर्षा, शरद, हेमन्त, शिशिर, बसन्त, ग्रीष्म इन छः ऋतुओं में बाँटा गया है। इन ऋतुओं में पृथक-पृथक् चर्या बतायी गयी है। यदि मानव इन सभी का ऋतुओं में बतायी गयी चर्याओ का नियमित व विधिपूर्वक पालन करता है, तो किसी प्रकार के रोग उत्पन्न होने की सम्भावना नहीं रहती है, अन्यथा अनेक मौसमी बिमारियों से ग्रसित हो जाता है। मौसम के बदलाव के साथ ही खान-पान में बदलाव जरूरी है, ये बदलाव करके मौसमी-रोगों से बचा जा सकता है। शिशिर ऋतुचर्या समय - माघ, फाल्गुन (जनवरी, फरवरी) सम्भावित राेेग - अधिक भूख लगना, होंठ, त्वचा तथा बिवाई फटने लगती है। सर्दी व रूखापन, लकवा, बुखार, खांसी, दमा आदि रोगों की सम्भावना बढ़ जाती है। पथ्य आहार-विहार (क्या सेवन करें ?विविध प्रकार के पाक एवं लड्डू, अदरक, लहसुन की चटनी, जमींकन्द, पोषक आहार आदि सेवन करें। दूध का सेवन विशेष रूप से करें। तैल मालिश,

भारतीय विरासत की सांस्कृतिक पहचान को पुन: आविष्कृत करने को कटिबद्ध

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० योगेश भट्ट ०  मुम्बई   -  'प्रत्यय' अर्थात समूचे भारत के लिए अटूट आत्मविश्वास के साथ सशक्त राष्ट्र के पुनर्निर्माण का समय अब आ गया है । देश के युवा वर्ग के सपनों का ही प्रतीक के रूप में आज अयोध्या का पुनर्निर्माण तथा उज्जैन कोरीडोर जैसा उपक्रम है । कुलपति प्रोफेसर वरखेडी ने यह भी कहा कि भारतवर्ष आरंभ से ही अनेकता में एकता का देश रहा है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि तथा सारस्वत अतिथि के रूप में महाराष्ट्र सरकार में राजयपाल भगत सिंह कोश्यारी तथा अध्यात्मिक गुरु स्वामी अभिषेक ब्रहचारी ने भी अपने महत्त्वपूर्ण विचार रखें । साथ ही साथ युुवा नेता और समाज सेवी रोहित कुमार सिंह भी अपने विचार रखे । संस्कृत विश्वविद्यालय तथा भारती विद्या भवन,मुम्बई के संयुक्त तत्वावधान में ' न्यू प्रोस्पेक्टस ऑफ इंडिक इन्टेलेक्चुअल हेरिटेज ' को लेकर इससे जुड़ी विकास यात्रा। सीएसयू , दिल्ली के कुलपति प्रोफेसर श्रीनिवास वरखेडी की अध्यक्षता में आरंभ मुम्बई से हुआ । कुलपति प्रोफेसर वरखेडी ने कहा केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भारतीय विरासत की इस सांस्कृतिक पहचान को पुन: आविष्कृत करने को कटिबद्ध है ,ताकि

सुप्रीम कोर्ट ने 400 करोड़ रुपये की राशि SFIO के तहत रखने को कहा

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० नूरुद्दीन अंसारी ०  नई दिल्ली- पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बीच हीरा ग्रुप ऑफ कंपनीज के पक्ष में आए इस फैसले को ऐतिहासिक जीत माना जा रहा है, जिसने हीरा ग्रुप की संपत्तियों को सीईओ आलिमा डॉ. नोहिरा शेख को सौंप दिया। डॉ. नोहिरा शेख ने एजेंसियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर आप कंपनी की संपत्तियों और उनके खातों पर ताले और फ्रीजिंग बोर्ड लगा देंगे तो कोई कैसे पैसे दे पाएगा. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने एजेंसियों को आदेश दिया और कहा कि अब से केवल एसएफआईओ जांच एजेंसी को ही हीरा ग्रुप मामले में हस्तक्षेप करने का अधिकार होगा  और सभी एजेंसियों को आदेश दिया कि हीरा ग्रुप में आपका हस्तक्षेप अनावश्यक है और दूसरे बड़े आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हीरा ग्रुप की सभी 87 महंगी संपत्तियों, जिन पर एजेंसी ईडी और अन्य ने अपने बोर्ड चिपकाए हैं, को हटा दिया जाए. अब हीरा ग्रुप के पास अपनी सभी संपत्तियों पर फ्रीहोल्ड अधिकार है। यहां से हीरा ग्रुप लोगों का पैसा चुकाने के लिए जो भी संपत्ति चाहे बेच सकता है।अब इसमें एजेंसियों का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। ये विचार हीरा ग्रुप के एक निवेशक मुतीउर्रहमान अजीज

सर्जरी के बिना बंद फैलोपियन ट्यूब का आयुर्वेदिक उपचार

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० नूरुद्दीन अंसारी ०  डॉ. चंचल शर्मा बताती हैं कि इंफर्टिलिटी का इलाज हर्बल दवाई और पंचकर्मा से किया जाता है। आयुर्वेद में उत्तरबस्ती चिकित्सा पंचकर्म पद्धति की सबसे बेहद लाभकारी है। उत्तर बस्ती थेरेपी (Uttar Basti) पंचकर्म की बढ़िया चिकित्सा विधि है। आयुर्वेद में बिना किसी चीर-फाड़ के इस विधि से फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होने पर ठीक किया जाता है। उत्तर बस्ती में योनी के जरिए यूटरस और फैलोपियन ट्यूब में औषधीय तेल और हर्बस डाला जाते है। इस थेरेपी के समय महिला को किसी प्रकार से कोई दर्द नहीं होता और नेचुरल तरीके से फैलोपियन ट्यूब भी खुल जाती है। साथ ही आईवीएफ और लैप्रोस्कोपी के मुकाबले में उत्तर बस्ती में कम खर्च आता है और सबसे अच्छी बात यह है कि इसकी सफलता दर भी आईवीएफ के मुकाबले ज्यादा है। आज के समय में एक महिला के लिए प्रेगनेंट होना काफी मुश्किल हो गया है। आकड़ों के अनुसार, हर 10 में से 2 महिलाएं किसी न किसी वजह से इनफर्टिलिटी की समस्या से जुझ रही हैं। कुछ महिलाओं की फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक हो जाती है, जिसकी वजह से उनको कंसीव करने में दिक्कत आती है। ऐसी हालात का सामना कर रही थी दिल्ली की रहने

अहिंसा से ही विश्व का कल्याण संभव

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  ० आशा पटेल ०  जयपुर - सिरसी रोड ढाका नगर अहिंसा से ही विश्व का कल्याण संभव अहिंसा का प्रशिक्षण जरूरी है हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं हैअहिंसा के रास्ते पर चलकर ही हर समस्या का समाधान हो सकता है यह संबोधन आवाज फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक दिवसीय अहिंसा प्रशिक्षण शिविर में आई न्यू ड्रीम स्कूल के प्रेक्षा हॉल में आचार्य महाप्रज्ञ अहिंसा प्रशिक्षण पुरस्कार प्राप्त अहिंसा प्रशिक्षक सतीश शांडिल्य छात्र-छात्रा संसद को संबोधित कर रहे थे उन्होंने कहा आभाव और तनाव हिंसा का कारण है इस पर शांडिल्य ने स्मरण शक्ति के विकास के लिए महाप्राण ध्वनि का प्रयोग कराया इन्होंने विद्यार्थियों को संकल्प शक्ति मुद्रा एवं विविध आसनों का प्रयोग करायाअध्यापिका अनुश्री ने कहा की शांडिल्य द्वारा बताए गए छोटे छोटे प्रयोग को जीवन में प्रतिदिन करते रहना चाहिए क्योंकि हृदय परिवर्तन प्रशिक्षण से ही संभव है विद्यार्थी रोज प्रयोग करेंगे तब सुनिश्चित लाभ मिलेगा स्वागत भाषण अध्यापिका बीना पांडे ने की जबकि हम आपके आभारी है से प्रयोग संपन्न हुआ विद्यार्थी अनवरत वर्गीय नियम का संकल्प भी कराया गया

बिनोद कुमार बने पंजाब नैशनल बैंक के कार्यपालक निदेशक

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० आशा पटेल ०  नई दिल्ली : कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने पंजाब नैशनल बैंक के कार्यपालक निदेशक के रूप में बिनोद कुमार की नियुक्ति को 21 नवंबर, 2022 से तीन वर्ष की अवधि के लिए मंजूरी दी है।  बिनोद कुमार, रांची विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक हैं और उन्होंने एनआईबीएम से बैंकिंग और वित्त में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया है तथा वे जीएआरपी (यूएसए) से वित्तीय जोखिम प्रबंधक (एफआरएम) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकर्स के प्रमाणित एसोसिएट सदस्य (सीएआईआईबी) हैं। कुमार ने वर्ष 1994 में पंजाब नैशनल बैंक से प्रबंधन प्रशिक्षु के रूप में अपनी बैंकिंग यात्रा की शुरूआत की और 28 वर्षों से बैंक में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्हें 28 से अधिक वर्षों का समृद्ध और विविधतापूर्ण बैंकिंग का अनुभव प्राप्त है, जिसमें शाखा और प्रशासनिक कार्यालय से लेकर जोखिम प्रबंधन, क्रेडिट आदि शामिल हैं। उन्होंने शाखा कार्यालय: डीआईएफसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के रूप में भी कार्य किया है और इससे पूर्व वे पंजाब नैशनल बैंक के प्रधान कार्यालय में मुख्य महाप्रबंधक के रूप में कॉर्पोरेट क्रेडिट प्रभाग का नेतृत्व कर रहे थ

फोर्टी महिला विंग ने दिया अंगदान का संदेश

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० आशा पटेल ०  जयपुर /   महिला जीवन देती है जगजननी है इसीलिए महिलाएं आगे बड़े अंगदान जागरूकता मिशन से जुड़ अपने जगजननी स्वरूप की सार्थकता को नया आयाम दे।  फोर्टी वूमेन विंग द्वारा फोर्टी कार्यालय में रानू श्रीवास्तव अध्यक्ष फोर्टी वूमेन विंग एवम ललिता कुच्छल जनरल सेक्रेटरी फोर्टी वूमेन विंग की अध्यक्षता में अंगदान जागरूकता संबंधी सत्र रखा गया जिसमे भावना जगवानी कन्वेनर और अनीता हाडा ,मोहन फाउंडेशन मुख्य अतिथि रही।  अनीता हाडा ने फोर्टी महिला विंग की सदस्यों के साथ अपने अनुभव साझा किए तथा बताया कैसे उन्होंने स्वयं अपने बेटे को अपनी किडनी दे जीवन दिया है और आज वह दोनो स्वस्थ है,इसी के साथ उन्होंने बताया की समाज में अंगदान को ले कर कई भ्रांतियां है जिन्हे सब के सहयोग से दूर किया जा सकता है। मोहन फाउंडेशन का मिशन समाज में अंगदान के प्रति जागरूकता लाना है ।फ़ोर्टी महिला विंग की महिला सदस्यों ने इस सत्र को जानकारी पूर्ण बताया एवम मोहन फाउंडेशन डायरेक्टर अनीता हाडा द्वारा सत्र को बहुत अच्छी तरह से प्रस्तुत किया गया,आगे भी इस तरह के सत्रों के आयोजन करने के प्रस्ताव रखे। फोर्टी वूमेन विंग की एडव