प्रेम की परिभाषा
परिणीता सिन्हा क्या है प्रेम ? क्या हो उसकी सटीक परिभाषा ? एक वो जो शिशु की आँखो से झलकता ၊ या वो जो वृद्ध की आँखो से टपकता ၊ यौवन प्रेम की सैकड़े। परिभाषाएं ग़ढता ၊ लेकिन ,सच्चा प्रेम कभी शेष पड़े भोजन का सॉझापन दिखाता ၊ तेा कभी कम बजट की साड़ी में भी संतोष जताता ၊ वो जो बस एक नजर से ही पीड़ा को भांप जाता , ढाढस बँधाता ၊ धैर्य नहीं खोना , साथ मिल कर हर भार है ढोना ၊ हर शाम जिसके आने के इंतजार में कटती ၊